डीसीपी बेस्ट ने बनाई बेहतर व्यवस्था

आगरा कमिश्नरेट में तमाम थानों से कंप्लेन का समय से निस्तारण ना होने पर एक नया प्लान तैयार किया है। थानों में पहुंचने वाले सभी फरियादियों की सुनवाई करने के लिए पुलिस गूगल मीट के जरिए सभी थानाध्यक्षों को जोड़ेगी.जिसमें सुनवाई के बाद तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिए जाएंगे। जिससे फरियादियों से सीधे संवाद किया जाएगा। इसके बाद समस्या को तुरंत निस्तारण के लिए थाना प्रभारियों को आदेश दिए जाएंगे।


अधिकारी की लाइन पर होंगे थाना प्रभारी
शहर के किसी भी थाने में सुनवाई ना होने के कारण कई किलोमीटर दूर से फरियादी पुलिस अधिकारियों के कार्यालय में आते हैं। इसक ो गंभीरता से लिया जाएगा, थाने में आखिर फरियादी की क्यों नहीं सुनी गई। अगर, थाना प्रभारी इसके लिए जिम्मेदार है तो अधिकारी उनको तत्काल लाइन पर लेकर मामले की जानकारी करेंगे। लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई भी की जाएगी।

एफएआई के सुझाव से लगेगी एफआईआर में धाराएं
गूगल मीट के जरिए फरियाद सुनने के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जाएगी। इसके लिए आगरा पुलिस कमिश्नरेट में एफआईआर एआई सिस्टम की शनिवार को शुरूआत हो चुकी है। जिसे एफएआई का नाम दिया गया है। एफएआई सिस्टम से पुलिस अब मुकदमे में कौन कौन सी धाराएं लगानी चाहिए, ये जानकारी मिलेगी। जिसके लिए एफआईआर पहले एफएआई सिस्टम को भेजी जाएंगी। ये सिस्टम पहले एफआईआर को रीड करेगा, इसके बाद अपने सुझाव शेयर करेगा।
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इस तरह काम करेगा एफएआई सिस्टम
पुलिस कमिश्नर जे। रविंदर गौड ने आगरा पुलिस की कार्य प्रणाली को सुधारने के लिए कई पहल की हैं। जिसमें, हाईटेक पुलिसिंग के लिए आईटी और इनोवेशन सेल गठित की गई है। इस सेल के लिए आगरा पुलिस कमिश्नरेट के सभी थाना प्रभारी निरीक्षक और थानाध्यक्ष के व्हॉट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। जिसमें सभी अपने-अपने थानों की अपडेट शेयर करेंगे।


कौन सी धाराएं बढाएं और कौन सी हटाएं
आगरा पुलिस कमिश्नरेट के सभी थानों के थाना प्रभारी अपने यहां पर दर्ज होने वाली एफआईआर और एनसीआर की पीडीएफ को आईटी एंड इनोवेशन सेल के बनाए व्हॉट्सएप ग्रुप में शेयर करेंगे। शेयर किए गए पीडीएफ को एफएआई सिस्टम को भेजा जाएगा। जिससे एआई सिस्टम एफआईआर को पढ़ेगा। उसकी पूरी जानकारी बताएगा, कि इस एफआईआर या एनसीआर में कौन सी धाराएं लगानी चाहिए थी और कौन सी धाराएं अभी बढाएं और कौन सी धाराए हटाएं।

अपलोड की जाएगी मेडिको रिपोर्ट
डीसीपी सोनम कुमार ने बताया, कि एफएआई सिस्टम से सभी एसीपी को टिप्स मिलेंगे। एआई जो सुझाव देगा एसीपी उसकी समीक्षा करेंगे। इसके बाद आपत्ति लगाई जाएगी। समीक्षा के बाद किसी भी धारा को लागू न होने, जोडऩे या हटाए जाने के कारण बताने होंगे। इसके साथ ही चि_ी मजरूबी और मेडिको लीगल रिपोर्ट भी एफएआई पर अपलोड की जाएगी।

ऑनलाइन मीटिंग में एसीपी देंगे कार्यों के तर्क

एफएआई सिस्टम के लिए अभी पुलिस की रोजाना मीटिंग की जाती हैं। जिसमें थाना प्रभारी और एसीपी अपने कार्यों के पीछे के तर्कों को समझाते हैं। इसके साथ ही पुलिस कमिश्नरेट में गूगल मीट के जरिए से बैठक और अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने पर काम किया जा रहा है।

एफएआई शेयर करेगा टिप्स
-गिरफ्तारी के प्रकार
-गिरफ्तार व्यक्ति के अधिकार और सीआरपीसी
-गिरफ्तारी के नियम
-किस मामले में बिना वारंट के अरेस्टिंग
-गिरफ्तारी की कौनसी धाराएं

-आगरा कमिश्नरेट में थाने
47
-सिटी जोन में थाने
20
-पश्चिमी और पूर्वी जोन में थाने
26
-कमिश्नरेट में सर्किल
15
-कमिश्नरेट मेें जोन
03



कमिश्नरेट में पुलिसिंग को स्र्माट बनाने की पहल शुरू की गई है, इसके जरिए फरियादियों को राहत मिल सकेगी। इसके साथ ही क्राइम संबंधित मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी। कमिश्नरेट में एफएआई सिस्टम को लागू किया गया है।
जे। रविन्दर गौड, पुलिस कमिश्नर


गूगल मीट के जरिए फरियादियों की सुनवाई की जा रही है। एफएआई सिस्टम को लागू किया गया है। इस सिस्टम के लिए एक व्हाटसएप ग्रुप बनाया गया है। जिसमें एफएआई के जरिए पीडीएफ का विवरण दिया जाएगा। इसके आधार पर धाराओं को घटाया और बढ़ाया जा सकेगा।
सोनम कुमार, डीसीपी पश्चिमी जोन