अनपढ़ नहीं, पढ़े-लिखे लोग खराब कर रहे भविष्य
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने संविधान शिल्पी डॉ। भीमराव अंबेडकर को नमन करते हुए उनके जीवन आदर्शों से सीखने की अपील की। साथ ही शैक्षिक सत्र को पटरी पर लाने के लिए टीचर्स के साथ स्टूडेंट्स को भी नियमित क्लास अटेंड करने की हिदायत दी। उनका कहना था कि ऐसा न होने से स्टूडेंट्स को नुकसान हो रहा है और उनका भविष्य भी प्रभावित हो रहा है, लेकिन परीक्षा के बाद परिणाम में देरी कुछ कमियों के कारण हो रही है, अनपढ़ नहीं, पढ़े-लिखे लोग ही भविष्य से खेल रहे हैं। अब हमने संकल्प लिया है कि इन गलतियों को हम नहीं दोहराएंगे। ऐसा करने वालों को हम लिस्टिड करेंगे और जो लापरवाही करेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।


डिग्री देना अब कॉलेज का काम
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अब मार्कशीट, डिग्रियों के यूनिवर्सिटी के डीजी लॉकर पर अपलोड करने का काम किया है, अब स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी आने की जरुरत नहीं है, वे देश के किसी भी कोने से डिजिटल लॉकर से अपने मार्कशीट को डाउनलोड कर सकेंगे। अब ये कॉलेज का काम है कि स्टूडेंट्स को सही जानकारी दें। ये जरुरी है क्योंकि शिक्षा व्यक्तित्व के निर्माण सहायक हैं।


अच्छे प्रदर्शन वाले कॉलेजों को ए ग्रेड
कुछ कॉलेजों की लापरवाही और समय से नंबर उपलब्ध न कराने से पूरा परिणाम प्रभावित रहता है। इसके लिए हमने अपने कॉलेज को तीन श्रेणी में बांटा है, अच्छा प्रदर्शन करने वालों को एक, छोटी-छोटी गलतियां करने वालों को बी ग्रेड और लापरवाही करने वाले कॉलेजों को सी ग्रेड में रखा जाएगा। ए ग्रेड वालों को सम्मानित किया जाएगा। बी वालों को मार्गदर्शन दिया जाएगा, जबकि सी ग्रेड वाले प्रत्येक दो कॉलेज पर एक-एक शिक्षक को तैनात किया जाएगा, जो वहां जाकर उनके कार्यकलापों को सुधारने के लिए जागरूक करेंगे।


भारत विश्व गुरु के शिखर पर
यह पांच लाख स्टूडेंट्स के भविष्य का सवाल है। हमें व्यवस्थाएं सुधारनी हैं, तो सारे कार्य एक साथ ही करने होंगे। वहीं स्टूडेंट्स को अपने शैक्षिक स्तर को बेहतर रखते राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में काम करना होगा, तभी अमृत काल में देश विश्व गुरु बन पाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें 2047 तक विकसित भारत बनाने के संकल्प दिया है। आपके पास 24 वर्ष हैं। इन 24 वर्ष में आपके द्वारा किए गए कार्य ही निर्धारित करेंगे कि भारत विश्व गुरु बनेगा य़ा नहीं।

खेल में अच्छा कर रहे स्टूडेंट्स
कार्यक्रम के दौरान डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के छलेसर कैंपस के राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाली यूनिवर्सिटी के खिलाडिय़ों को भी सम्मानित किया गया। राज्यपाल आनंदीबेन पटले ने इस जीत को यूनिवर्सिटी का गौरव बताया, छलेसर कैंपस से पटना गई टीम ने पेनकाक्सिलाट के राष्ट्रीय टूर्नामेंट तीस पदक हासिल किए।

मतदान प्रतिशत बढ़ाने की अपील
राज्यपाल आनंदी बेन ने दीक्षांत समारोह समाप्ति से पहले उपस्थित सभी स्टूडेंट्स और टीचर्स से आगामी लोकसभा चुनाव में सभी राष्ट्रनिर्माण और देशहित में मतदान करने की अपील की।


इन प्रोजेक्ट का किया लोकार्पण
राज्यपाल के हाथों दर्जनभर प्रोजेक्ट का लोकार्पण व शिलान्यास कराया गया। इनमें खंदारी परिसर में छात्र परिषद भवन, नवग्रह वाटिका व आरोग्य वाटिका, विश्वविद्यालय आरोग्य केंद्र, बेसिक विज्ञान विभाग में सौर ऊर्जा संयंत्र, प्रधानमंत्री कौशल विकास कंप्यूटर लैब, कुलाधिपति निलयम, स्कूल ऑफ लाइफ साइंस में पर्यावरण विज्ञान प्रयोगशाला, लेक्चर कैप्चरिंग फेसिलिटी सेंटर, पालीवाल पार्क परिसर में के.एम। मुंशी अभिलेख धरोहर संग्रहालय व शोध केंद्र, छलेसर परिसर में सौर ऊर्जा संयंत्र, महाराणा प्रताप छात्रावास, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम का शिलान्यास किया गया।


मेधावियों को मिले पदक, प्राची बनी गोल्डन गर्ल

-स्वास्थ्य के क्षेत्र में गरीबों की सेवा करना बनाया अपना उद्देश्य
-मेडिकल की छात्रा प्राची ने दस मेडल हासिल कर बढ़ाया कीर्तिमान

आगरा। मेडिकल की छात्रा प्राची ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में दस मेडल हासिल कर कीर्तिमान हासिल किया है।
प्राची ने अपनी सफलता का राज लगातार स्ट्डी बताई, एग्जाम के समय सोशल मीडिया से दूरी और स्ट्डी पर फोकस करने से निश्चित रूप से सफलता मिल सकेगी।

आर्थिक रूप से कमजोर की मदद मेरा लक्ष्य
आगरा के कमला नगर की रहने वाली डॉ। प्राची गुप्ता गोल्डन गर्ल बनीं है। एसएन की 2018 बैच की डॉ। प्राची गुप्ता के पिता सीए रविंद्र नाथ गुप्ता और मां संगीता गुप्ता हैं, उनके भाई एमबीबीएस कर चुके हैं। उन्हें 10 मेडल दिए गए हैं। प्राची गुप्ता ने डॉक्टर बनकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद करना ही अपना उद्देश्य बताया। प्राची ने बताया कि परिवार में अधिकतर डॉक्टर्स हैं, इनसे ही डॉक्टर बनने की प्रेरणा मिली है।


दीक्षांत समारोह में दिए 120 पदक
यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो। आशुरानी ने दीक्षांत समारोह की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि इस 89 वें दीक्षांत समारोह में मेधावियों को 120 पदक दिए जा रहे हैं, जिनमें 105 स्वर्ण और 15 रजत पदक हैं। स्टूडेंट्स ने कुल 91 पदक प्राप्त किए हैं, जो 75.6 प्रतिशत है। इनमें 78 स्वर्ण और 13 रजत हैं। वहीं छात्रों को कुल 29 पदक दिए गए। जो 24.4 प्रतिशत हैं। इनमें से 27 स्वर्ण और दो रजत पदक हैं।


प्राची को मिले सर्वाधिक 10 पदक
एसएन मेडिकल कॉलेज की प्राची गुप्ता को सर्वाधिक 10 पदक मिले, शिकोहाबाद के नारायण कॉलेज की छात्रा निवेदिता सिंह को पांच पदक, समाज विज्ञान संस्थान के छात्र श्रेष्ठ वर्धन शुक्ला और सेंट जोंस कॉलज की श्रृति माहेश्वरी को चार-चार पदक प्राप्त हुए। भावना उपाध्याय, ईला अहमद, वंशिका हरपलानी को तीन-तीन और दिव्यांश पचौरी, अंकिता मिश्रा, दीपेंद्र सिंह, काजल जैन, कशिश सिंह, कुमारी डौली, प्रिया राजावत, प्रियम चौरसिया, साधना कुमारी, शिवांगी गुप्ता, श्रीजी अग्रवाल, विष्णु कुमार को दो-दो पदक मिले। साथ ही चार डीलिट, 97 पीएचडी के साथ स्नातक की 1,11,307, परास्नातक की 10663 और प्रोफेशनल कोर्स में 12602 समेत कुल 1,36,833 स्टूडेंट्स को उपाधि प्रदान की।

टीबी मरीजों को दी पोषण पोटली
30 आंगनवाडी किट, 30 प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को शिक्षण सामग्री के साथ 105 महिला टीबी मरीजों को पोषण पोटली वितरित की गई। यूनिवर्सिटी सामुदायिक रेडियो के जरिए से सभी शिक्षक व कर्मचारी ने गोद लिया है।

तकनीकी से ही सार्थक महानिदेशक डॉ। एन। कलैसेल्वी
भारत अन्न के साथ दुनिया को दवाएं कराता है उपलध
मुख्य अतिथि वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक अनुसंधान परिषद की महानिदेशक डॉ। एन। कलैसेल्वी का कहना था कि पांच लाख स्टूडेंट्स को पढ़ाना और 1.3 लाख स्टूडेंट्स को डिग्री देना आसान नहीं है, लेकिन आज डिजिलॉकर के जरिए से सिर्फ एक क्लिक से यह संभव हो सका है। यह तकनीक और विज्ञान की शक्ति है। एक समय देश को गरीब और मांगने वाला देश तक कहा गया लेकिन अब यही भारत दुनिया को अन्न के साथ दवाएं और सुरक्षा आदि उपलब्ध करा रहा है। यह सब तकनीक के प्रयोग से ही सार्थक हो पाया है।

यूनिवर्सिटी बेहतरी की ओर अग्रसर

विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का कहना था कि कोविड-19 में विश्व ने देखा कि हमारे पास आपदा प्रबंध का सबसे बेहतरीन शिक्षक व नेतृत्वकर्ता है। यदि आप भी अपनी उपाधियों का प्रयोग ऐसे ही करेंगे, तो यकीनन इस उपाधि की सार्थकता साबित होगा। राज्यपाल के नेतृत्व में यूनिवर्सिटी लगातार बेहतरी की ओर अग्रसर है। उम्मीद है, जल्द ही इसे कानपुर के साहूजी महाराज यूनिवर्सिटी की तरह ही नैक से ए प्लस-प्लस दर्जा मिल जाएगा। इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।

इनको मिले दो या दो से अधिक पदक
प्राची गुप्ता 10
निवेदिता सिंह 5
श्रेष्ठवर्धन शुक्ला 4
श्रुति माहेश्वरी 4
भावना उपाध्याय 3
इला अहमद 3
वंशिका हरपलानी 3
दिव्याशा पचौरी 2
अंकिता मिश्रा 2
दीपेन्द्र सिंह 2
काजल जैन 2
कशिश सिंह 2
कुमारी डॉली 2
प्रिया राजावत 2
प्रियम चौरसिया 2
साधना कुमारी 2
शिवांगी गुप्ता 2
श्रीजी अग्रवाल 2
विष्णु कुमार 2