आगरा: पीरियड को लेकर कई तरह के भ्रम हैं। किशोरी के साथ ही महिलाएंं मेंटली और फिजिकल पेन सफर करती हैं। ऐसे में पीरियड में स्वच्छता न रखने से पीआईडी की समस्या हो रही है। एसएन मेडिकल कॉलेज में पेट के निचले हिस्से में दर्द, सफेद पानी की समस्या के साथ आने वाली किशोरी और महिलाओं की काउंसिङ्क्षलग में मासिक धर्म में स्वच्छता न बरतना सामने आ रहा है। पीआईडी का समय से इलाज न कराने पर ट््यूब खराब हो सकती हैं और महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है। बांझपन के कारणों में यह भी शामिल है।

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मेंस्ट्रुअल कप को बार-बार कर सकते हैं इस्तेमाल

पीरियड के लिए मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह आठ से 12 घंटे तक काम करता है। इसे साफ कर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। कई साल तक कप का इस्तेमाल कर सकते हैं। किशोरी सुरक्षा योजना के तहत सभी राजकीय स्कूलों में 10 से 19 साल तक की किशोरियों को सरकारी खर्चे पर स्कूल द्वारा सेनेटरी पैड देने का प्रावधान है। इसे पाना हर किशोरी का हक है

ये करें

- पीरियड में प्रत्येक चार घंटे में सेनेटरी पैड को अवश्य बदल देना चाहिए।

- गंदे कपड़ों का इस्तेमाल न करें, इससे संक्रमण हो सकता है.

- पीरियड के दौरान खान-पान अच्छा रखें, इसके बारे में खुलकर बातें करें

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पीआईडी की समस्या के साथ आ रही महिलाओं में बीमारी का कारण पीरियड में स्वच्छता न बरतना सामने आ रहा है। इससे बांझपन की समस्या बढ़ रही है।

- डॉ। रिचा ङ्क्षसह, अध्यक्ष, स्त्री रोग विभाग, एसएन मेडिकल कॉलेज

पीरियड के लिए मेंस्ट्रुअल कप अच्छा विकल्प है। इसे कई साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है। पीरियड्स में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

-डॉ। रुचिका गर्ग, स्त्री रोग विभाग, एसएन मेडिकल कॉलेज

किशोरी सुरक्षा योजना के तहत सभी राजकीय स्कूलों में 10 से 19 साल तक की किशोरियों को सरकारी खर्चे पर स्कूल द्वारा सेनेटरी पैड देने का प्रावधान है। इसे पाना हर किशोरी का हक है।

- डॉ। महिमा उपाध्याय, गायनिक