भजन पर श्रद्धालु थिरक उठे

कब गुजर गया पता ही नहीं चला। आशा सेवा समिति द्वारा भजन संध्या 'एक शाम, बांके बिहारी के नामÓ का आयोजन आरबीएस कॉलेज, खंदारी के राव कृष्ण पाल ङ्क्षसह ऑडिटोरियम में किया गया था। छ भजनों से नृत्य का माहौल बन गया था। उन्होंने सुनाया-काली कमली वाला मेरा यार है। सांवरे को दिल में बसा कर तो देखो। उनके भजन पर श्रद्धालु थिरक उठे और कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी पर श्रोताओं के नेत्र सजल हो गए। सांसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम भजन बहुत सराहनीय रहा। इसके अलावा उन्होंने सांवरिया ले चल पल्ली पारमेरा दिल तो दीवाना हो गया, मुरलीवाले तेराभजन सुनाया। मैं तो तुम संग होली खेलूंगी, मैं तो तुम संग भजन सुनाकर फाल्गुन की मस्ती ला दी। मुझे रास आ गया तेरे दर पर सर झुकाना जैसे अनेक भजनों पर पंडाल में बैठे श्रद्वालुओं को झूमने पर विवश कर दिया। मेरी विनती यही है राधारानी कृपा बरसाए रखना, ऐ राधा रानी, मुझे तेरा ही सहारा महारानी, कृपा बरसाए रखनाÓ भजन पर पूरा आडिटोरियम भक्ति में लीन हो गया। प्रारंभ में गायक चित्र-विचित्र ने भगवान बांकेबिहारी की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर भजन संध्या का शुभारंभ किया। उनके साथ आशा सेवा समिति की अध्यक्ष आशा सारस्वत व निरंजनलाल सारस्वत, कार्यक्रम अध्यक्ष पार्षद मुरारीलाल अग्रवाल (पेंट), सचिन सारस्वत, मयंक अग्रवाल, आदर्श नंदन गुप्ता समेत अन्य मौजूद रहे।