आगरा.( ब्यूरो ) बोदला-जगदीशपुरा रोड पर किशोरपुरा से होकर नाला गुरजता है। क्षेत्रीय निवासी मुकेश ने बताया कि करीब एक महीने पहले सफाई की खानापूर्ति हुई थी। खुद देखिए सिल्ट भरी है और गंदगी ऊपर तैरती दिख रही है। रमेश ने कहा कि बारिश के दिनों में पूरे क्षेत्र में जलभराव हो जाता है। निकलना मुश्किल होता है। सरस्वती नगर पहुंचे तो गिरजा देवी ने बताया कि वर्षा के दिनों में चार से पांच फीट तक जलभराव हो जाता है। सिल्ट सफाई नहीं होने के कारण नाले का पानी घरों में घुसता है। इससे अधिकांश लोगों का सामान खराब होता है। शांति नगर की शीला देवी ने बताया कि कई बार शिकायत की हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। नाला साफ नहीं होने से क्षेत्र में पानी भरता है। कुछ लोग कतरन, कुछ दूसरा कूड़ा नाले में डालते हैं। इस पर भी रोक लगनी चाहिए।


1700 मीटर लंबा है नाला, 10 फीट गहरा
बैनारा फैक्ट्री के पीछे से शांति नगर, सरस्वती नगर, रविदास नगर, किशोरपुरा सहित आसपास की दूसरी बस्तियों को जोडऩे वाला नाला अशोक नगर नाले में जाकर मिलता है। इसकी लंबाई 1700 मीटर है, गहराई 10 फीट से अधिक है। जगह-जगह क्षतिग्रस्त है।


किशोरपुरा से गुजर रहे नाले में कूड़े का ढेर लगा हुआ है। पता नहीं किस तरह नाला सफाई की जा रही है। इस तरह तो जलभराव हो जाएगा।
मुकेश सिंह
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नालों की स्थिति देखकर बारिश में जलभराव का डर सता रहा है। घरों में पानी घुस जाता है। बारिश में सामान की भी बर्बादी होती है।
दिनेश
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नाला सफाई को लेकर खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए। नहीं तो शहर टापू बन जाएगा। लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
ब्रजेश शर्मा

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हर वर्ष नाला सफाई होती है, फिर भी शहर में जगह-जगह जलभराव होता है। कोई स्थायी समाधान नहीं तलाशा जाता है.
योगेश शर्मा
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नाला सफाई को लेकर अधीनस्थों के कसे पेंच
आगरा। नाला सफाई को लेकर किसी तरह की कोई कोताही न रह जाए, इसको लेकर अफसर गंभीर है। सिविल टीम हो या फिर नाला सफाई में लगी टीम, को-ऑर्डिनेशन से कार्य करें, इसको लेकर अपर नगरायुक्त एसपी यादव ने सोमवार को अधीनस्थों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निगम की टीम आपसी को-ऑर्डिनेशन से कार्य करें। अगर नाला सफाई के दौरान कहीं सिविल वर्क कराने की आवश्यकता है तो करा दिया जाए।