प्रथम
वॉइस कमांड से जल जाएगी लाइट
होली पब्लिक स्कूल सिकंदरा के स्टूडेंट्स आदित्य और युवराज ने आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस असिस्टेंड के जरिए एक प्रोजेक्टर तैयार किया जो मेटा जार्विस और एलेक्सा की तरह वॉइस कमांड से वर्क करता है। स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्होंने कोविड के समय कोडिंग को समझा था, इसके बाद वॉइस कमांड के इशारे पर चलने वाला प्रोजेक्ट तैयार किया, जिसका नाम गुरू रखा गया। इसकी मदद से हम घर दूर होने के बाद भी अपने घर पर नजर रखने के साथ इलेक्ट्रिसिटी को कंट्रोल कर सकते हैं। एक्टिविटीज के जजिस ने इस प्रोजेक्ट को प्रथम पुरस्कार 25 हजार का चेक दिया, इसके साथ ही मेडल और सर्टीफिकेट्स भी सभी पार्टिसिपेट को दिए गए।

द्वितीय

आरजीबी के जरिए कलर किए तैयार
प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल के स्टूडेंट्स आयूषी वर्मा, नामय गुप्ता और रोहित ने कलर कॉम्बिनेशन तैयार किया। स्टूडेंट्स ने बताया कि वो किस तरह से आरजीबी यानी रेड, ग्रीन और ब्लू कलर की मदद से कोई भी कलर तैयार कर सकते हैं, टीचर नीमा सहानी और गौरव पाराशर के नेतृत्व में इस प्रोजेक्ट को तैयार किया गया। साइंस एग्जीबिशन के दौरान इस प्रोजेक्ट को सराहा गया। इस प्रोजेक्ट को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया, जो दस हजार रुपए रहा, साथ ही मेडल्स और सर्टीफिकेट्स प्रदान किए गए।


तृतीय

छिलकों से तैयार किया ईको फ्रेंडली पोट
गवर्नमेंट हाईस्कूल, बमरौली कटारा के स्टूडेंट््स आयूष, रोबिन सिंह, समीर कुमार और यागेश ने तीन प्रोजेक्ट तैयार किए जिसमें सबसे महत्वपूर्ण जिसमें ईको फ्रेंडली रहा, छात्र समीर ने बताया कि वे मूंगफली और नारियल के छिलकों की मदद से प्लांट को कैरी करने वाला पोट तैयार किया है, जो एक समय के बाद मिट्टी में मिल जाता है, वर्तमान में प्लांट को कैरी करने के लिए काले रंग की पॉलीथिन का इस्तेमाल किया जाता है, प्लांट को लगाते समय इसको निकाल कर फेंका जाता है, जो प्लास्टिक प्रदूषण करता था। वहीं एक ऐसा छाता तैयार किया गया जो वेंडर्स के लिए हेल्पफुल था, वहीं आयुर्वेदिक दवा जड़ी बुटियों के जरिए तैयार की गई। जजिस की ओर से इसे थर्ड पुरस्कार के तौर पर पांच हजार का चेक दिया गया।


38 स्कूल्स की 17 टीमों ने किया पार्टिसिपेट
सस्टेनेबल इनोवेटर्स साइंस एग्जीबिशन में आगरा के 38 स्कूल्स ने पार्टिसिपेट किया, जिसमें 17 टीमें बनाई गई, इस एक्टिविटी में 30 से अधिक स्टूडेंट्स और टीचर्स शामिल रहे। अवैध बैंकट हॉल में लगाई गई इस साइंस एग्जीबिशन में स्टूडेंट्स ने एक से बढ़कर एक सांइस मॉडल्स तैयार किए, जो देखने वालों के बीच चर्चा का विषय बने रहे। अधिकतर स्टूडेंट्स ने ईको फ्रेंडली थीम पर काम किया तो वहीं वाटर हार्वेस्टिंग और भारी वेट को कैरी करने के लिए जेसीबी तैयार किया जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से भारी वस्तु को पहुंचाने का काम करता है।


इन स्कूल्स ने किए पार्टिसिपेट्स
-डॉ। एमपीएस वल्र्ड स्कूल
-कर्नल ब्राइटलेंड पब्लिक स्कूल
-होली पब्लिक स्कूल, जूनियर
-होली पब्लिक स्कूल, सिकंदरा
-प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल, दयालबाग
-लाइफ लाइन पब्लिक स्कूल, शास्त्रीपुरम
-हॉराइजन कंप्टीशन स्कूल
-ज्ञान इंटर कॉलेज, शास्त्रीपुरम
-सेठ श्यामलाल इंटर कॉलेज
-सुंदरलाल मेमोरियल इंटर कॉलेज, बोदला
-पं। सत्यप्रकाश इंटर कॉलेज जऊपुरा
-बूस्टन पब्लिक स्कूल, शास्त्रीपुरम
-गवर्नमेंट हाईस्कूल, बमरौली कटारा
-जहारवीर गोगाजी इंटर कॉलेज