अधिकारियों को आ रहे फोन कॉल्स
संजय प्लेस स्थित कार्यालय के दोनों अफसर समय साइबर ठगों के निशाने पर है। आगरा मुख्यालय में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के पास निरंतर इन ठगों के फोन आ रहे हैं। मुकदमे दर्ज होने के बाद भी ठगों के हौसले बुलंद हैं। इन ठगों ने एक-दो आयकर अधिकारियों को फोन कर अपने झांसे में लेने का प्रयास किया। ठगों ने दोनों अधिकारियों को अलग-अलग फोन कर उनके बेटों के लड़की के अपहरण में फंसने की बात कही और उन्हें बातों में फंसा कर अपने बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर करा लिए।

केस1
दरोगा बनकर दिया झांसा
सिकंदरा के रहने वाले एक अधिकारी का एक बेटा उनके साथ रहकर और दूसरा मुरादनगर रहकर पढ़ाई कर रहा है। कुछ दिन पहले उनके पास अंजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद का इंट्रोडेक्शन पुलिस में दरोगा विजय कुमार के रूप में दिया। उसने कहा कि आपका पुत्र चार अन्य दोस्तों के साथ लड़की के अपहरण के मामले में फंस गया है।

अलग-अलग खातों में डाले एक लाख रुपए
पहली बार में ने अपने बेटे के साथ होने की बात कहकर फोन काट दिया। इसके बाद अधिकारी ने दूसरे बेटे को फोन किया तो उसका फोन बंद मिला। इस पर वह डर गए और उन्होंने उसी नंबर पर फिर कॉल कर बात की। ठग ने बेटे के दोस्तों के चक्कर में गलत फंसने का हवाला दिया। छुड़ाने के नाम पर कई ट्रांजेक्शन में 1 लाख रुपए अलग-अलग खातों में डलवाने की बात कही, इस पर वो झांसे में आ गए। रुपए भेजने के बाद बेटे से फोन पर बात हुई तो पता चला कि वह एग्जाम दे रहा था, जिससे उसका फोन बंद जा रहा था। इस पर अधिकारी को ठगी का अहसास हुआ।


केस2
इस घटना से पहले विशाल गोयल के साथ भी इसी प्रकार ठगी की गई। विशाल अपने स्वास्थ्य को लेकर परेशान थे, ऐसे में बेटे के फंसने की बात से और भयभीत हो गए और उन्होंने ठग की बातों में आकर रकम भेज दी। इससे वे भी ठगों के झांसे में आकर शिकार बन गए।


केस3
बिल्कुल इसी तरह का ताजा मामला एक सप्ताह पूर्व आयकर राजपत्रित अधिकारी एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी के साथ भी हुआ। लेकिन वे अपनी सतर्कता से ठग के झांसे में आने से बच गए। उन्होंने बताए गए व्यक्ति के नंबर पर पता किया तो सही जानक ारी मिली।


पाकिस्तान एसटीडी कोड से कॉल
पता चला है कि ठगों द्वारा पाकिस्तान के एसटीडी कोड (+92) नंबरों से फोन किए जा रहे हैं। फोन नंबर की डीपी में किसी पुलिस दरोगा का फोटो लगा रखा है और बात करने का अंदाज भी पुलिसिया लहजे वाला होता है। समझा जाता है कि ठगों ने विभाग की वेबसाइट से अफसर और कर्मचारियों के नंबर उठा लिए हैं। उन्हें एक-एक कर निशाने पर लिया जा रहा है।


साइबर ठगों से बचने के लिए मोबाइल फोन पर आने वाले अनजान नंबर्स को पिक ना करें, इसके साथ ही एटीडी कोड को भी चेक कर लें, पाकिस्तान नंबर +92 से कॉल आता है तो सावधान हो जाएगा, भारत का एसटीडी कोड +91 है। सावधान रहने से ठगी से बचा जा सकता है।
पुष्पेन्द्र चौधरी, जिला साइबर सेल प्रभारी