'आलाÓ से मिटाते थे एक्सपायरी डेट

पंजाब में साइकोट्रापिक ड्रग की डिलीवरी हो या राजस्थान-महाराष्ट्र के अस्पतालों की एक्सपायरी दवाओं को खपाने का कांट्रेक्ट हो, फरहान हर जगह इन्वाल्व हो गया। फरहान के साथ एक अन्य दवा माफिया नीरज राजौरा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसके बाद नीरज की निशानदेही पर मंगलवार को फव्वारा मार्केट में ताबड़तोड़ छापेमारी कर पुलिस ने एक दर्जन से अधिक दवा माफिया और हॉकर को धर दबोचा था। कुछ को पूछताछ के बाद छोड़ दिया जबकि फरहान-नीरज समेत 7 को जेल भेज दिया गया।

दवा के नाम पर 'जहरÓ

मरीज के लिए यदि डॉक्टर 'भगवानÓ का स्वरूप है तो दवा 'संजीवनीÓ का काम करती है। किंतु मरीज को यदि मालूम चले कि उसे मर्ज के इलाज के लिए दवा के नाम पर जहर दिया जा रहा है तो उसकी बीमारी क्या ठीक होगी? जी हां, यही काला कारोबार माफिया फरहान अपने गैंग के साथ दो दशक से देशभर में संचालित कर रहा है। आगरा में बैठकर फरहान देशभर से एक्सपायरी दवाओं को इकट्ठा करता, इसकी एक्सपायरी डेट, बैच नंबर और मैक्सिमम रिटेल प्राइस (एमआरपी) को मिटाता और नई एक्सपायरी डेट, बैच नंबर और एमआरपी डालकर उसे बाजार में बिक्री के लिए उतार देता। पहले कपड़े साफ करने वाले केमिकल ब्रांड 'आलाÓ से स्ट्रिप पर एक्सपायरी डेट, बैच नंबर और एमआरपी को मिटाता था। समय से साथ फरहान से एक पूरा सेटअप क्रिएट कर लिया। मशीन से वो अब दवा की स्ट्रिप से एक्सपायरी डेट को मिटाकर नई एक्सपायरी डेट डाल रहा है।

नकली दवाओं का मास्टर माइंड

बीते मंगलवार को हुई पुलिस की छापेमार कार्रवाई में एक दर्जन से अधिक दवा माफिया और हॉकर को पुलिस ने हिरासत में लिया गया था। फरहान के साथ हिरासत में लिए गए नीरज राजौरा की निशानदेही पर पुलिस ने छापेमारी अभियान चलाया। अभियान के दौरान नीरज पुलिस के साथ था। तफ्तीश में निकलकर आया कि फरहान और नीरज दोनों ही एक्सपायरी दवाओं के साथ-साथ नकली दवा के काले कारोबार के मास्टर माइंड हैं। फरहान अपने एक भाई के साथ आगरा में काले कारोबार को संचालन कर रहा है। वहीं, एक अन्य भाई मुंबई में रहकर महाराष्ट्र-गुजरात एवं अन्य राज्यों से एक्सपायरी दवाओं और नकली दवाओं को असली बनाकर मार्केट में बेच रहा है।

ऐश की जिंदगी, करोड़ों की संपत्ति

दवाओं के काले कारोबार में फरहान और उसके परिवार ने करोड़ों की संपत्ति जुटाई है। सूत्रों के मुताबिक फरहान और उसके भाइयों के मुंबई में कई फ्लैट हैं। वहीं, आगरा में भी करोड़ों की संपत्ति जुटाई है। सोशल मीडिया एकाउंट पर फरहान ने अपने ऐश की जिंदगी के फोटो भी शेयर किए हैं। सूत्रों के मुताबिक फरहान आगरा में बैठकर देशभर से एक्सपायरी दवाओं को हॉकर के द्वारा कलेक्ट कराता, उसकी डेट्स चेंज करता और उसे दोबारा बिक्री के लिए बाजार में उतार देता।

'नॉट फार सेलÓ की जमकर सेल

फरहान और नीरज से पूछताछ के बाद मंगलवार तीन गाडिय़ों में पहुंचे एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों ने फव्वारा दवा बाजार में छापेमारी की। फव्वारा दवा बाजार में कई कांप्लेक्स में बने गोदाम और दुकानों के शटर धड़ाधड़ गिरने शुरू हो गए। टीमों ने मुबारक महल, झूलेलाल कांप्लेक्स, पन्नी गली और ङ्क्षसध-पंजाब मार्केट में दवा की कई दुकानों पर छापा मारा। बाजार के लोगों के अनुसार पुलिस ने दवाओं के कई कार्टन जब्त किए। मामले में दो युवकों को पकड़ा था। पूछताछ मे पता चला कि युवक और उसके साथी सरकारी दवाओं को बाजार में खपाने का काम करते हैं। 'नाट पर सेलÓ की मुहर को मिटाकर सेना के लिए सप्लाई हो रही सरकारी दवाओं को आगरा में फव्वारा के अलावा अन्य शहरों में बेचा जा रहा है। टीमें एक घंटे से अधिक समय तक बाजार में रहीं। इस दौरान अधिकांश दवा बाजार बंद रहा।

रडार पर हैं नकली-नशीली दवा व्यापारी

एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने जुलाई, 2023 में शास्त्रीपुरम और बिचपुरी में नकली-नशीली दवा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी थी। मामले में फैक्ट्री मालिक समेत छह लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। टास्क फोर्स ने उस समय बाजार में इन दवाओं को बेचने वालों के बारे जानकारी जुटाई थी। कार्रवाई के बाद नकली-नशीली दवाओं के कारोबार से जुड़े लोग भूमिगत हो गए थे। मामला ठंडा होते ही व्यापारी अब दोबारा सक्रिय हो गए हैं। टास्क फोर्स ने इन संदिग्धों को अपने रडार पर लिया हुआ है।

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ऐसे चलता है काला कारोबार

- माफिया देशभर के अलग-अलग हिस्सों से एक्सपायरी और शार्ट एक्सपायरी दवाओं को एमआरपी का महज 10 प्रतिशत कीमत देकर इकट्ठा कर लेते हैं। यह काम हॉकर करते हैं। हॉकर एक्सपायरी और शार्ट एक्सपायरी दवाओं को माफिया को सौंप देते हैं, जहां से माफिया इन दवाओं की स्ट्रिप से एक्सपायरी डेट, बैच नंबर और एमआरपी को मिटाकर दूसरी एक्सपायरी डेट डाल देते हैं। और इन दवाओं की खेप दोबारा बिक्री के लिए बाजारों और अस्पतालों में उतार दी जाती है।

- नकली दवाओं का कारोबार आगरा में धड़ल्ले से चल रहा है। आगरा के एक कारोबारी ने हिमाचल प्रदेश के भेख्ली में एक फैक्ट्री बना ली है। नामचीन दवाओं के रैपर में नकली दवाओं को रखकर इसे मार्केट में बेेचा जा रहा है। ज्यादातर साइकोट्रापिक ड्रग श्रेणी की नकली दवाएं बाजार में बिक्री के लिए माफिया द्वारा तैयार की जा रही हैं। नकली दवाओं की खपत आगरा से देशभर में है। नकली और नशीली दवाओं की अवैध बिक्री के मामले में पूर्व में भी कई बार पंजाब पुलिस आगरा में छापेमारी कर चुकी है।

इन दुकानों पर हुई छापेमारी

-पीके मेडिकल स्टोर

-हेमा मेडिकल स्टोर

-ब्रजवासी मेडिकल स्टोर, मुबारक महल

-अग्रवाल मेडिकल स्टोर, छिन्नी गली

-मोहन ट्रेडर्स

-हेजल फार्मा

-मां चामुंडा

-आराध्या मेडिकल

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सेना के लिए सप्लाई की जारी जीवन रक्षक दवाएं जिनपर 'नाट फार सेलÓ लिखा होता है। ऐसी दवाओं की बिक्री की सूचना पर फव्वारा बाजार में एसटीएफ और पुलिस की छापेमारी कार्रवाई की गई है। साथ ही सरगना समेत गैंग के 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। नकली दवाओं, एक्सपायरी दवाओं और नशीली दवाओं की खपत के इनपुट भी मिले हैं। कार्रवाई जारी रहेगी।

- सूरज राय, डीसीपी, सिटी जोन, आगरा