-शहर में नहीं हो सका लागू, जून 2019 को हुआ था लांच

-सभी 38 विभागों ने नहीं जुट सका डाटा, प्लान सिर्फ बैठकों में

आगरा: ताजनगरी में हवा की सेहत को सुधारने के लिए लांच एयर एक्शन प्लान अभी 'हवा-हवाई' है। जून में लांचिंग के बाद से अब तक प्लान सिर्फ कागजों में ही दौड़ रहा है। आलम यह है कि अभी सभी 38 विभागों द्वारा नोडल विभाग (वन विभाग) को डाटा तक उपलब्ध नहीं कराया गया है। 'सिस्टम' की यह लापरवाही कहीं शहर की आवोहवा पर भारी न पड़ जाए। प्लान में दिए गए सुझावों के अनुसार हेल्पलाइन और एयर क्वालिटी मैनेजमेंट डिवीजन भी नहीं बनाई गई है। जबकि 30 दिन के अंदर यह दोनों काम किए जाने थे।

जून में लांच हुआ था प्लान

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने देश के 102 पॉल्यूटेड शहरों के लिए एयर एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए थे। ये वे शहर हैं जिनमें गत 5 वषरें से एक्यूआई का वार्षिक औसत 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक है। ताजनगरी, आगरा समेत उप्र के ऐसे 15 शहरों में प्लान को लागू किया जाना था। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी), यूनाइटेड नेशंस इन्वायरमेंट प्रोग्राम (यूएनईपी) और क्लीन एयर एशिया ने आगरा का एयर एक्शन प्लान तैयार किया। जिसे जून 2019 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के निर्देश के बाद तत्कालीन मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने एक जून को लांच किया।

विभाग नहीं हैं सक्रिय

प्लान के अनुसार यूपीपीसीबी के मुख्यालय में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट डिवीजन 30 दिन में खोली जानी थी जबकि यूपीपीसीबी द्वारा शहर व मुख्यालय स्तर पर हेल्पलाइन बनाकर उसका प्रचार-प्रसार किया जाना था। यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन यादव ने बताया कि यूएनईपी और क्लीन एयर एशिया किन-किन बिंदुओं पर विभाग को सुझाव देंगे, यह अभी तय नहीं हो सका है। एक फार्मेट पर सभी विभागों से डिटेल मांगी गई है। हेल्पलाइन का मामला मुख्यालय स्तर पर लंबित है। प्लान की लांचिंग के 30 दिन के भीतर वायु प्रदूषण के निवारण और नियंत्रण को जनता के लिए एडवाइजरी ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) अथॉरिटी और यूपीपीसीबी को जारी करनी थी। अभी तक एडवाइजरी भी जारी नहीं हो सकी।

औद्योगिक क्षेत्रों की होनी थी निगरानी

प्लान के तहत औद्योगिक प्रदूषण की निगरानी के लिए रियल टाइम ऑनलाइन मॉनीटरिंग करनी थी। औद्योगिक क्षेत्रों में ऑनलाइन कंटीन्युअस एमिशन मॉनीटरिंग सिस्टम (ओसीईएमएस) की स्थापना की जानी थी। अधिक प्रदूषण करने वाली इकाइयों के क्षेत्र में वेब कैमरे लगाए जाने थे, जिससे कि उनकी निगरानी की जा सके। यह काम उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) को काम करना था। कार्रवाई के नाम पर आगरा में यूपीपीसीबी के मुख्यालय के निर्देश पर अब तक एक दर्जन ईट भट्ठों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

वे काम जो नहीं हो सके

-वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोक को प्रदूषण करने वाले वाहनों के खिलाफ नियमित कार्रवाई।

-वायु प्रदूषण नियंत्रण, वाहनों की देखरेख, व्यक्तिगत वाहनों का कम से कम प्रयोग के लिए जागरूकता कार्यक्त्रम।

-पार्किंग के अलावा अन्य जगहों पर वाहनों की पार्किंग को रोकना।

-ईंधन में मिलावट की जांच को एक्शन प्लान बनाना।

-निर्माण व विध्वंस से होने वाले प्रदूषण की रोक को निर्माण व विध्वंस नियम, 2016 का पालन कराना

-सभी निर्माण क्षेत्रों को कवर कराना, जिससे कि धूल कण नहीं उड़ें।

इसके अलावा

-हेल्पलाइन बनाना।

-डीजल जनरेटर सेट की निगरानी व उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई।

-सड़कों पर कूड़ा फेंकने पर रोक लगाना और कूड़े का सेग्रीगेशन।

-वायु प्रदूषण पर नियंत्रण व जनता के बचाव को एडवाइजरी जारी करना।

इनसेट

38 सदस्यीय समिति बनी

एयर एक्शन प्लान के इम्प्लीमेंटेशन के लिए 38 सदस्यीय समिति जिला और मंडल स्तर पर बनाई गई है। नोडल विभाग वन विभाग है, जबकि जनपद स्तर पर इम्प्लीमेंटेशन जिला स्तरीय कमेटी के नेतृत्व में होगा। मंडल स्तर पर कमिश्नर के निर्देशन में प्लान को इम्प्लीमेंट किया जाएगा। जनपद स्तरीय कमेटी में डीएम, एसएसपी, सीडीओ, डीआरएम रेलवे, सीईओ कैंट बोर्ड, डीआरएम रोडवेज, एडीए उपाध्यक्ष, नगरायुक्त, यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अध्यक्ष, अपर जिलाधिकारी (राजस्व) समेत विभिन्न विभागों के 38 अधिकारी शामिल हैं।

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एयर क्वालिटी को इम्प्रूव करने के लिए शासन के निर्देश पर एयर एक्शन प्लान लागू किया गया है। आगरा में प्लान के मुताबिक कितना काम हुआ है, इसकी जानकारी की जा रही है। साथ ही जनपद को निर्देश दिए जाएंगे वे प्लान को सख्ती से लागू कराएं।

-अनिल कुमार, कमिश्नर, आगरा मंडल