- ऐसा एप बनाने वाला उत्तराखंड बना पहला राज्य, सीएम ने किया लॉन्च

-आईआईटी रुड़की व राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने किया एप डेवलेप

देहरादून,

अब राज्य में मोबाइल एप्लीकेशन से भूकंप से पूर्व चेतावनी मिल सकेगी। इसके लिए उत्तराखंड भूकंप अलर्ट एप डेवलप की गई है। बताया जा रहा है कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन विभाग व आईआईटी रुड़की की ओर से बनाया गया एप भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड के लिए कारगर साबित होगा। दावा किया गया है कि ऐसा एप बनाने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा। बताया गया है कि एप के जरिये रिक्टर पैमाने पर 5.5 से अधिक के भूकंप आने पर संभावित इलाकों में लोगों को अलर्ट किया जाएगा।

लोगों को मिलेगी चेतावनी

बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तराखण्ड भूकंप अलर्ट एप का शुभारंभ किया। बताया गया कि इस एप से जन सुरक्षा में मदद मिलने के साथ ही भूकंप के दौरान लोगों की लोकेशन भी प्राप्त की जा सकती है। भूकंप अलर्ट एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। इस एप के जरिए लोगों को भूकंप पूर्व चेतावनी मिल सके, इसके लिए एप की लोगों को जानकारी दी जाय। इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से शॉर्ट फिल्म फिल्म बनाकर लोगों तक पहुंचाया जाए।

ऐसे करेगा एप काम

भूकंप आने पर चंद सेकेंड में ही मोबाइल पर डाउनलोड यह एप सायरन व वायस मैसेज के जरिये सचेत करेगा। इस एप पर दो निशान बने हैं। 'मुझे मदद चाहिए' दर्शाने वाला लाल निशान क्लिक करते ही मुसीबत में फंसे व्यक्ति की लोकेशन मिलेगी। हरा निशान 'मैं सुरक्षित हूं' का संकेत देगा। एप कंट्रोल रूम के सर्वर से जुड़ा रहेगा।

एप से जुड़ी अहम जानकारी

- भूकंप की सूचना के साथ फंसे व्यक्ति तक मदद भी पहुंचाने में भी करेगा हेल्प

-गढ़वाल व कुमांऊ मंडल में लगे सेंसर से 5.5 तीव्रता से बड़े भूकंप आने पर करेगा सतर्क

-आईआईटी रुड़की के साइंटिस्ट पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अर्थक्वेक अर्ली वार्निंग सिस्टम फार नादर्न इंडिया प्रोजेक्ट पर वर्ष 2014 से कर रहे थे काम।

-भूकंप आने पर तत्काल अलर्ट के लिए गढ़वाल और कुमांऊ में 165 सेंसर लगाए गए हैं।

-चमोली से उत्तरकाशी तक कुल 82 और पिथौरागढ़ से लेकर धारचूला तक 83 सेंसर लगाए गए हैं

-राज्य के जिन क्षेत्रों में सेंसर लगे हैं, वहां भूकंप आने अलर्ट दून तक 15 सेकेंड व दिल्ली तक करीब एक मिनट में पहुंचेगा।

-दून व हल्द्वानी के अस्पतालों, स्कूलों व सरकारी भवनों में 40 से अधिक सायरन भी लगाए गए

ऐसे होगा डाउनलोड

इस एप के दो वर्जन-एंड्रायड और आइओएस दोनों प्लेटफार्म के लिए उपलब्ध हैं। गूगल प्ले स्टोर में यह उत्तराखंड भूकंप अलर्ट के नाम से उपलब्ध है। प्ले स्टोर पर सर्च करने पर यह पीले रंग के लोगो के साथ दिखेगा। कुछ जानकारियां मांगने के साथ व्यक्ति के मोबाइल में एप इंस्टाल हो जाएगा। आईआईटी रुड़की के प्रो.कमल ने बताया कि सेंसर लगे क्षेत्रों में भूकंप आने पर यूजर को और जल्दी सूचना मिल सके, इस पर शोध किया जा रहा है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के ईडी डा। पीयूष रौतेला के अनुसार एप के लिए प्राधिकरण ने वित्तीय सहयोग दिया है। संचालन पर सालाना एक से डेढ़ करोड़ का खर्च आएगा, जिसे प्राधिकरण वहन करेगा।