आगरा। कोरोनावायरस का संक्रमण काबू में जरूर आ रहा है, लेकिन इससे बचने के लिए अब भी बचाव के उपायों को फॉलो करना जरूरी है। हेल्थ डिपार्टमेंट और प्रशासन भी इसको कंट्रोल करने के लिये लगातार काम कर रहा है। लेकिन इसके लिये हमें खुद को सतर्क रहने की जरूरत है। एक्सप‌र्ट्स का मानना है कि इस बीच कोरोना का नया स्ट्रेन आ गया है। अभी महाराष्ट्र सहित देश के अन्य राज्यों मे भी कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। ये स्थिति अभी खतरा हो सकती है। इसलिए इन दिनों ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। कोरोना बचने के उपायों में हमें ढील नहीं बरतनी चाहिए। जब भी घर से बाहर जाएं तो हमेशा मास्क पहन कर ही जाएं। बाहर भी फिजिकल डिस्टेंस का विशेष ख्याल रखें। अपने हाथों को साफ करते रहें। ऑफिस में भी काम करने के दौरान कोई ढील न बरतें। कोविड-19 के बारे में क्रेडिबल सोर्स से ही जानकारी प्राप्त करें।

कोरोना से बचाव के लिए इनका करें पालन

- बिना शारीरिक कॉन्टेक्ट के एक-दूसरे का अभिवादन करें

- शारीरिक दूरी का पालन करें

- दोबारा उपयोग कर सकने वाला मास्क पहनें

- आंख, नाक और मुंह को न छूएं

- श्वसन संबधी सफाई का ध्यान रखें

- हाथों को समय-समय पर अच्छे से साफ करें

- तंबाकू, खैनी को खाने से बचें और सार्वजनिक स्थान पर न थूकें

- बार-बार छूने वाली सतहों जैसे दरवाजे के हैंडल, कुंडी इत्यादि को साफ करते रहें

- जरूरत न पड़ने पर सफर न करें

- संक्रमितों के साथ भेदभाव न करें

- भीड़भाड़ में जाने से बचें और दूसरों को भी रोकें

- कोविड-19 के बारे में किसी भी अपुष्ट जानकारी को सोशल मीडिया पर शेयर न करें

- कोविड-19 के बारे में पुष्ट सूत्रों से ही जानकारी लें

- कोविड-19 के बारे में अधिक जानकारी के लिये नेशनल हेल्पलाइन 1075 पर कॉल करें

शुरुआती दौर में नहीं था इंफ्रास्ट्रक्चर

आगरा में कोरोना के इलाज के लिए किसी भी प्रकार का कोई इंफ्रास्ट्रक्चर अवेलेबल नहीं था। शुरुआती दौर में केवल हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से सेंट्रल की गाइडलाइन पर जिला अस्पताल को सैंपल कलेक्शन प्वॉइंट और रैपिड एक्शन टीम का गठन कर दिया गया था।

पहले सात पेशेंट्स का इलाज भी दिल्ली में हुआ

शुरूआत में मिले कोरोना के पेशेंट्स कारोबारी फैमिली और उनके मैनेजर व मैनेजर की वाइफ का ट्रीटमेंट दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में हुआ था। नई बीमारी होने के कारण आगरा में कोरोना के इलाज के लिए सुविधाएं और ट्रेंड स्टाफ नहीं था।

जब ठीक हुई पहली पेशेंट

आगरा में कोरोनावायरस की आठवीं पेशेंट का इलाज आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में ही हुआ। यहां पर ही आगरा के डॉक्टर्स ने महिला का इलाज किया। 14 दिन के ट्रीटमेंट के बाद महिला पूरी तरह से कोरोना के संक्रमण से मुक्त हो गई। ये आगरा के डॉक्टर्स के साथ-साथ पूरे आगरा के लिए एक खास अनुभुति थी। इससे आगरा को विश्वास हुआ कि आगरा में भी बिना कॉम्पलिकेशन के कोरोना का इलाज संभव है।

सैंपल जांच की नहीं थी व्यवस्था

शुरुआती दौर में आगरा से कोरोना के सभी सैंपल जीप से लखनऊ जाते थे। इसके बाद 24 घंटे बाद रिपोर्ट आती थी। धीरे-धीरे आगरा में नंबर ऑफ सैंपल बढ़ने लगे तो आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी में कोरोना की जांच के लिए लैब स्थापित की गई। इसके बाद आईसीएमआर के जालमा इंस्टीट्यूट में भी कोरोना के सैंपल की जांच होना शुरु हो गई।

घट गई पॉजिटिविटी रेट

कोरोना का संक्रमण का कहर सैंपल पॉजिटिविटी रेट से मापा जाता है। यानि जितने सैंपल लिए और उनमें से कितने परसेंट सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ये रेट भी अब सबसे कम हो गई है। सबसे ज्याद सैंपल पॉजिटिविटी रेट अप्रैल के महीने में रही थी। तब 10 में से 9 सैंपल पॉजिटिव आ रहे थे। इसके बाद मई में सैंपल बढ़ा दिए गए और ये दस में से 5 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आने लगी। सितंबर में सैंपल पॉजिटिविटी रेट लगभग 4 पहुंच गई थी। अब फरवरी में दस सैंपल में से 0.10 सैंपल ही पॉजिटिव आ रहे हैं।

अभी रहना होगा सावधान---

कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इससे बचाव के उपाय का पालन अभी करना होगा। अभी वैक्सीनेशन चल रहा है। यदि लोग लापरवाही दिखाएंगे तो कोरोना के केसों में बढ़ोत्तरी होने की आशंका है।

- डॉ। संजय काला, प्रिंसिपल, एसएनएमसी

बदलते मौसम में लोगों की तबियत खराब होती है और उनकी इम्युनिटी कमजोर होने लगती है। ऐसे में यदि वे कोरोनावायरस के संपर्क में आते हैं तो उन्हें कोरोनावायरस का इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।

-डॉ। प्रभात अग्रवाल, प्रोफेसर, एसएनएमसी

बीते दिनों मिले कोरोना केस

28 फरवरी 3

27 फरवरी 2

26 फरवरी 2

25 फरवरी 2

24 फरवरी 4

23 फरवरी 1

22 फरवरी 3

21 फरवरी 2

20 फरवरी 2

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