आगरा(ब्यूरो)। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार शुक्रवार को शहर की एक्यूआई (एयर क्वॉलिटी इंडेक्स) 152 रही। मानकों के अनुरूप यह खराब श्रेणी की हवा है। इसमें शहर के छह मॉनिटरिंग स्टेशन की एवरेज एक्यूआई दी गई है। जिला अस्पताल के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ। अतुल जैन ने बताया कि मौसम अब ठंडा होने लगा है। ऐसे में डस्ट पार्टिकल भारी होकर वातावरण में बैठ जाते हैैं। इसी से स्मॉग बनता है। मौसम ठंडा होने और स्मॉग के कारण अब लोगों को एलर्जी हो रही है।

नाक में एलर्जी हो रही है

डॉ। जैन ने बताया कि बुजुर्गों और बच्चों के साथ में युवाओं को भी परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि बच्चों को ठंड लगने और स्मॉग के कारण एलर्जी हो रही है। उन्हें थ्रोट में इंफेक्शन हो रहा है। इसके कारण बच्चों को बुखार होने की समस्या भी हो रही है। वहीं बुजुर्गों की नाक में एलर्जी हो रही है और किसी-किसी मरीज की श्वांसनली में सूजन की भी समस्या आ रही है। ऐसे मरीजों को भाप लेने और मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है। कुछ मरीजों को इन्हेलर भी दिया जा रहा है।

सुबह-शाम नाक ढककर रखें
डॉ। जैन ने बताया कि अब मौसम में परिवर्तन हो रहा है। हवा भी दूषित होने लगी है। आने वाले समय में यह समस्या और बढ़ेगी। इसलिए अभी से सतर्क रहें। सुबह-शाम और दोपहर के टेंपरेचर में काफी वेरिएशन है। दोपहर का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस होता है। वहीं सुबह और शाम का तापमान 16 से 20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। मौसम के इस वेरिएशन का प्रभाव शरीर पर भी पड़ता है। इसलिए बच्चे हों, बुजुर्ग हों या फिर युवा सुबह-शाम घर से बाहर निकल रहे हैैं तो सेमी-वुलन कपड़े पहनकर निकलें। इसके साथ ही अपनी नाक कपड़े या मास्क से कवर कर लें। इससे ठंडी हवा और हवा में मौजूद पॉल्यूटेंट एजेंट आपकी नाक में नहीं जाएंगे और आप एलर्जी और सर्दी दोनों से बच सकेंगे। उन्होंने कहा कि यदि किसी को कोई परेशानी भी हो तो पहले डॉक्टर से सलाह लें और तभी कोई दवा का सेवन करें।

यह हो रही समस्या
- नाक और गले में एलर्जी
- बुखार
- सांस लेने में दिक्कत
- श्वांसनली में आ रही सूजन

ऐसे करें बचाव
- सुबह-शाम सेमी-वुलन कपड़े पहनें
- मास्क का प्रयोग करें
- सुबह-शाम घर से बाहर निकलने से बचें
- अर्ली मॉर्निंग वॉक पर जाने से बचें
- लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें

मौसम बदलने और स्मॉग के कारण बच्चे और बुजुर्गों को एलर्जी होने की समस्या हो रही है। ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या रोजाना बढ़ रही है। मरीजों को बुखार भी आ रहा है।
- डॉ। अतुल जैन, ईएनटी स्पेशलिस्ट, जिला अस्पताल

दो दिन से मुझे तेज जुकाम हो गया है। इसके साथ ही बुखार भी आ रहा है। अब खांसी भी होने लगी है। डॉक्टर ने दवा दी है और मास्क पहनने की सलाह दी है।
- पवन, मरीज

मेरे बेटे को गले में दर्द हो रहा है। डॉक्टर ने बताया कि सर्दी लगने और दूषित हवा के कारण परेशानी हो रही है। डॉक्टर ने दवा दी है और सुबह-शाम सेमी-वुलन कपड़े पहनने को कहा है।
- गोविंद, तीमारदार

यह दर्शाता है एक्यूआई का लेवल
एक्यूआई-स्थिति
0 से 50-अच्छा
51 से 100-संतोषजनक
101 से 200-मध्यम
201 से 300-खराब
301 से 400-बहुत खराब
401 से 500-गंभीर

152 रहा शुक्रवार को एक्यूआई
50 परसेंट मरीजों को हो रही स्मॉग से समस्या

संजय प्लेस में शुक्रवार को एक्यूआई -146
पीएम 2.5- 146
पीएम 10 - 110
एनओ2 - 11
एसओ2 - 9
कार्बन - 79
ओजोन - 138

आवास विकास में शुक्रवार को एक्यूआई- 186
पीएम 2.5 - 144
पीएम 10 - 186
एनओ2 - 28
एसओ2- 12
कार्बन - 27
ओजोन - 18

शाहजहां गार्डन में शुक्रवार को एक्यूआई- 172
पीएम 2.5 - 172
पीएम 10 - 138
एनओ2 - 10
एसओ2- 12
कार्बन - 34
ओजोन - 1

मनोहरपुर में एक्यूआई- 132
पीएम 2.5 - 132
पीएम 10 - 93
एनओ2 - 27
एसओ2- 17
कार्बन - 24
ओजोन - 22

एक्यूआई को समझें
एक्यूआई यानि एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को वायु गुणवत्ता सूचकांक भी कहा जाता है। इसकी मदद से हवा की गुणवत्ता के बारे में पता किया जाता है। हवा की गुणवत्ता के बारे में अच्छे से पता किया जा सके। ऐसे में एक्यूआई को छह कैटेगरी में बांटा गया है। शून्य से पचास तक शुद्ध हवा, 51 से 100 तक संतोषजनक हवा, 101-200 तक मध्यम, 201-300 तक खराब हवा,301-400 तक बेहद खराब हवा और 410-500 गंभीर स्थिति की हवा होती है। हवा की गुणवत्ता के बारे में पता करने के लिए सरकार अलग-अलग जगहों पर एयर क्वॉलिटी को मापने वाले मीटर को लगाती है। आगरा में भी सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा छह मीटर लगाए गए हैैं। यह एक थर्मामीटर की तरह काम करता है और हवा की गुणवत्ता के बारे में पता करने का काम करता है।

तबियत हो सकती है खराब
हवा की गुणवत्ता खराब होने के कारण आंख, गले और फेफड़े से जुड़ी तकलीफ बढऩे लगती है। इसका सबसे बड़ा खतरा बच्चों और बुजुर्गों पर होता है। इस दौरान कई लोगों को तो खांसी और सांस लेने में तकलीफ का सामना भी करना पड़ता है।