आगरा: खेरिया के टेक्नीकल एयरपोर्ट पर दर्जन भर पैराट्रूपर ने आकाश गंगा के तहत पैराजंपिंग कर हैरतंगेज करतब दिखाकर अपने सीनियर अफसरों समेत पत्रकारों की तालियां बटोरीं। पैराजंपिंग के दौरान नेशनल अवॉर्ड प्राप्त पैराट्रूपरों ने पैकिड एयरक्राफ्ट से तिरंगे के साथ टेक्नीकल बेस में पैराजंपिंग की। इस दौरान पैराट्रूपर ने ट्राइएंगल बनाकर जंपिंग की। कुछ का पैराशूट ट्विस्ट कर गया, तो उन्होंने अपने हुनर से उसको खोलकर तिरंगा हवा में लहरा दिया। इस दौरान पीटीएस के वारंट ऑफीसर वीरेन्द्र सिंह जादौन व फ्लाइंग ऑफिसर आफताब खान ने बताया कि जो पैराट्रूपिंग की गई है। उसे नॉर्मल प्रशिक्षणार्थी नहीं कर सकता है। कभी-कभी ऐसी स्थिति भी आती है, जब इमरजेंसी में पैराशूट ओपन नहीं हो पाता है, तो ऐसी स्थिति में छोटे पैराशूट का सहारा लिया जाता है। उन्होंने बताया कि एक सफल पैराट्रूपर बनने के लिए रात में भी जंप लगानी पड़ती है। आपको बता दें कि अभी पिछले महीने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान एमएस धौनी ने एयरफोर्स के पीटीएस में ही पैराजंपिंग की ट्रेनिंग ली थी।

आकाश गंगा की पैराजंपिंग में ये रहे शामिल

आकाश गंगा की पैराजंपिंग पीटीएस के चीफ विंग कमांडर सलीम बेग के नेतृत्व में पैराजंपिंग की। इस दौरान विंग कमांडर जय किशन, एमड?ल्यू के लाल, एस। सिंह, वारंट ऑफिसर उमेश चौधरी, राजन सिंह, विंग कमांडर लाखेश, कैलाश, एसकेएस चौहान, वारंट ऑफिसर राजीव मलिक, एके यादव, एके तिवारी, महकसिंह मौजूद रहे।

पहली बार पानी में पैराजंपिंग

पीटीएस के चीफ विंग कमांडर सलीम बेग ने बताया कि परसों हमने पहली बार पानी में पैराजंपिंग शुरु की है। इसमें ग्वालियर में माता टीला नामक स्थान पर पांच किमी के दायरे में जहां पानी है। वहां पर पैराजंपिंग का ऑपरेशन चल रहा है। फ्लाइंग ऑफिसर आफताब खान ने बताया कि सफल पैराट्रूपर बनने के लिए कई चरणों में अलग-अलग ट्रेनिंग लेनी पड़ती है। इसकी शुरुआत स्ट्रिकरीच ट्रेनिंग, रेम्प लैंडिंग ट्रेनिंग, बॉम्ब रिलीज ट्रेनिंग, फ्री फॉल ट्रेनिंग समेत कई चरणों से गुजरना पड़ता है। तब जाकर वर्दी पर विंग सजता है। हर वर्ष दो बार पैराजंपिंग करनी पड़ती है। इसमें कॉम्बेट फ्री फॉल मोड पर पैराट्रूपर हो तो उसे रडार भी नहीं पकड़ सकता है। ऐसा करने के लिए उसे पीटीएस हैंगर से गुजरना पड़ेगा। इस दौरान एयरकमोडोर एस। श्रीनिवासन, स्टेशन पीआरओ विंग कमांडर पूनम नेगी, लखनऊ मध्य कमान की पीआरओ गार्गी मलिक सिन्हा, ग्रुप कैप्टन बसन्त कुमार, बी। पाण्डे रक्षा मंत्रालय भारत सरकार, मिस एयरकमोडोर ललिथा श्रीनिवासन, केन्द्रीय स्कूल की प्रधानाचार्य प्रीति सोनी, आनन्दा कार्तिक, सिक्योरिटी अफसर सी। वेट्रिन वेन्धन, चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर इन्द्रजीत सिंह आदि मौजूद रहे।