आगरा। अवधपुरी रोड पर जलभराव के चलते पक्की सड़क कीचड़ दलदल में तब्दील हो चुकी है। इसके चलते लोगों को निकलने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिमपुरी रोड पर नुकीली गिटिट्यां दर्द बढ़ा रही हैं। इसके चलते अक्सर हादसे हो जाते हैं। अपर नगर आयुक्त सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने बताया कि जिन सड़कों को चिह्नित किया गया है। उनके टेंडर कर दिए गए हैं। कुछ स्थानों पर निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा आगरा कैंट सुल्तानपुरा की ओर जाने वाली सड़क जर्जर हालत में हैं। नगला पदमा से रोहता के बीच रोड खराब हैं। कई जगह गढ्डे हैं। जलभराव के चलते लोग गिरकर चोटिल हो जाते हैं।

गड्ढे में गिरकर मां-बेटी चोटिल
शहर में सड़क सुरक्षा भगवान भरोसे है। इसके चलते आए दिन रोड पर हादसे हो रहे हैं। पिछले दिनों खंदौली के मुड़ी चौराहे पर एक बाइक के गड्ढे में गिरने से मां-बेटी घायल हो गई। ये तो एक बानगी भर है। इस प्रकार के हादसे आए दिन होते रहते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 15 नवंबर तक सड़कों को गड््ढा मुक्त करने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बावजूद इसके अब भी जिम्मेदार विभाग ढुलमुल रवैया अपना रहे हैं।


हादसों पर एक नजर
जनवरी 2021 से सितंबर 2022 तक 1622 हादसे हो चुके हैं। इसमें 951 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 1106 लोग घायल हुए हैं। इसमें सबसे ज्यादा हादसे एत्मादपुर में 140, दूसरे स्थान पर सिकंदरा हैं, जहां 135 हादसे हुए हैं। खंदौली में 102, मलपुरा में 100 और ताजगंज में 80 सड़क हादसे हुए हैं।

मंडल में हुए हादसे

जिला हादसे मृतक घायल
आगरा 639 444 581
फिरोजाबाद 910 473 800
मैनपुरी 512 303 202
मथुरा 438 277 414
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2499 1497 1997


एक तो रोड पहले से ही खस्ताहाल है। खोदाई पर कोई रोकटोक नहीं है। रोड बनते ही खोदाई शुरू कर दी जाती है। इसके बाद उनको जैसा का तैसा छोड़ दिया जाता है। कोई देखने वाला नहीं है।
उत्कर्ष चौहान


ये पता ही नहीं चलता कि गड्ढे में सड़क है या सड़क में गड्ढा है। अब तक कई हादसे हो चुके हैं। उसके बाद भी जिम्मेदारों का कोई ध्यान नहीं है।
अजीत


बोदला-शाहगंज रोड की पहले तो पाइपलाइन बिछाने के नाम पर जगह-जगह से खोदाई कर डाली। इसके बाद उसको बनाया भी। अभी चंद दिन पहले गड््ढे भरे गए हैं। इसके बाद गिट्टियां उखडऩे लगी हैं।
दीपक तिवारी


पहले सड़क निर्माण में कमीशनखोरी खत्म हो और गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाए, तो सड़कों की लाइफ बढ़े। ज्यादातर हादसे रोड खराब होने के चलते होते हैं। बारिश खत्म होने के बाद ज्यादातर सड़कों की हालत खराब है।
तपन पचौरी