आगरा(ब्यूरो)। विभाग इसका कारण अभिभावकों के बैंक खातों से जुडी तकनीकी दिक्कत बता रहा है। समस्या समाधान न होने से विद्यार्थी योजना लाभ पाने से वंचित हैं।

42 हजार स्टूडेंट्स को नहीं मिला लाभ
परिषदीय विद्यालयों के प्रत्येक विद्यार्थी को यूनिफार्म, जूते-मोजे, स्वेटर और बैग के लिए 1200 रुपए प्रति वर्ष उनके अभिभावक के खाते में उपलब्ध कराए जाते हैं। शैक्षिक सत्र 2023-24 में कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यालयों में 2.03 लाख विद्यार्थी पंजीकृत हैं, दो किस्तों में 1.61 लाख स्टूडेंट्स के खातों में 1200 रुपए के आधार पर धनराशि आ चुकी है। 42 हजार विद्यार्थी योजना से वंचित हैं। विभाग परिषदीय शिक्षकों को लगाकर अभिभावकों के खातों से जुड़ी समस्या निस्तारित कराने की तैयारी में हैं।

आधार सीङ्क्षडग है समस्या
स्टूडेंट्स को डीबीटी राशि लाभ न मिलने के कई कारण हैं। इनमें अभिभावकों के बैंक खाते आधार ङ्क्षलक न होने, खाते और आधार की जानकारी में अंतर होने और विद्यालय में विद्यार्थी के डाटा और खाते के डाटा में अंतर मुख्य कारण हैं, जिससे खाता पोर्टल पर ङ्क्षलक नहीं हो रहा। समस्या पिछले वर्ष भी थी, करीब 15 हजार स्टूडेंट्स को पूरा साल बीतने पर भी योजना लाभ नहीं मिला।


डीबीटी राशि भेजने की प्रक्रिया ऑनलाइन है, गलती किसी की भी हो, शिक्षकों को इससे दूर रखना चाहिए। अन्यथा विद्यालय की पढ़ाई प्रभावित होगी क्योंकि शिक्षकों की कमी है.बृजेश दीक्षित, जिलामंत्री, प्राथमिक शिक्षक संघ।
शिक्षक पहले से ही पढ़ाई से इतर 16 अन्य कार्यों के बोझ तले दबे हैं। अब अभिभावकों को खातों की समस्या हल कराने का कार्य देना अनुचित है।
राजीव वर्मा, जिलामंत्री, यूटा.

तीसरी किस्त आने से पहले स्टूडेंट्स के अभिभावकों के खातों से जुड़ी समस्या दूर कर स्टूडेंट्स को योजना लाभ पहुंचाया जाएगा।
जितेंद्र कुमार गोंड़, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।