आगरा( ब्यूरो) सर्दी बढऩे के बाद डेंगू के मरीजों में थोड़ी कमी आई है। इस कारण पहले जैसी क्राइसिस अभी नहीं है। लेकिन कालाबाजारी अब भी जारी है। जंबो पैक के लिए मनमाने दाम लिए जा रहे हैैं। बाहर से आए मरीजों के साथ ऐसा ज्यादा हो रहा है। दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट ने इसको लेकर सोमवार को स्टिंग किया। इसमें खुलासा हुआ कि अब भी जंबो पैक को लेकर कालाबाजारी जारी है।

रोजाना नए केस मिलना जारी
आगरा में डेंगू की स्थिति पहले जैसी नहीं है। लेकिन रोजाना नये केस मिलना जारी है। शहर में क्लीनिकों पर डेंगू के मरीजों का पहुंचना कम हुआ है, लेकिन अस्पतालों में अब भी मरीजों का उपचार चल रहा है। यहां पर अभी भी वार्ड लगभग फुल हैैं। आगरा के आसपास के जनपदों से डेंगू का उपचार कराने के लिए अब भी मरीजों की लाइन लगी हुई है। मरीजों की स्थिति अभी भी गंभीर हो रही है। प्लेटलेट्स कम होने पर उन्हें मिनी पैक और जंबो पैक चढ़ाए जा रहे हैैं। इसको लेकर कालाबाजारी अब भी चालू है। उनसे जंबो पैक के लिए हजारों रुपए वसूले जा रहे हैैं। कई लोगों से अधिक पैसे देकर जंबो पैक खरीदने की शिकायत मिली। दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट ने इसकी पड़ताल की। दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की टीम ने जंबो पैक की डिमांड के लिए सोशल मीडिया पर मैसेज सर्कुलेट किया। इसके बाद उनके पास कुछ लोगों के कॉल आने लगे। एक कॉलर ने फोन करके जंबो पैक अवेलेबल कराने की बात कही। पढ़े फोन पर हुई बातचीत

एजेंट- आपको ओ निगेटिव जंबो पैक चाहिए.
रिपोर्टर- हां, सर हमें जंबो पैक की तुरंत जरूरत है, मरीज की हालत सीरियस है।
एजेंट- आपके पास ओ निगेटिव डोनर है?
रिपोर्टर- नहीं, हमारे पास दूसरे ब्लड ग्रुप का डोनर है। ओ निगेटिव नहीं है।
एजेंट- मैैं ट्राई करुंगा, आप थोड़े पैसे खर्च कर लेंगे?
रिपोर्टर- कितने पैसे खर्च करने होंगे?
एजेंट- आपका ब्लड ग्रुप रेयर है, इसे ढूढऩे में मुश्किल होगी।
रिपोर्टर- हम पैसे दे देंगे, आप इंतजाम कर दीजिए।
एजेंट- ओ-निगेटिव ब्लड ग्रुप के लिए 30 हजार रुपए खर्च करने होंगे।
रिपोर्टर- ये तो काफी ज्यादा हैैं।
एजेंट- अभी डिमांड कम हो गई है, दीवाली के पहले तो 50 हजार में भी नहीं मिल रहा था।
रिपोर्टर- आप कुछ पैसे कम कर लीजिए।
एजेंट- 28 हजार दे देना
रिपोर्टर- 20 हजार से काम चला लीजिए।
एजेंट- डोनर को भी पैसे देने पड़ेंगे, कम होना मुश्किल है।
रिपोर्टर- आप देख लीजिए, थोड़ा कम हो जाए
एजेंट- 25 हजार दे देना।
रिपोर्टर- ठीक है, कहां से मिलेगा।
एजेंट- अबुलाला दरगाह के नजदीक वाली ब्लड बैैंक पर आकर शाम को ले लेना।
रिपोर्टर- ठीक है।

ये चल रहे खेल
जंबो पैक के लिए शहर में दो तरह का खेल चल रहा है। एक तो डोनर खुद पैसे लेकर अपना खून दे रहे हैैं। उनके एजेंट ब्लड डोनेट करवाकर जंबो पैक को मार्केट में सेल कर रहे हैैं। दूसरा तरीका काफी जानलेवा है। इससे मरीजों की जान भी जा सकती है। इसमें जंबो पैक डोनेट करते वक्त एफेरेशिस मशीन से निकले फ्रेश प्लाज्मा में आधा जंबो पैक मिलाकर बाहर 25 से 30 हजार में सेल किया जा रहा है। दरअसल, एफेरेशिस मशीन से जंबो पैक डोनेट करते वक्त तीन कंपोनेंट निकलते हैैं। पहला जंबो पैक, जो मरीज को डोनेट किया जाता है, दूसरा फ्रेश प्लाज्मा और तीसरा रेड ब्लड शैल्स। कई जगह पर फ्रेश प्लाज्मा को जंबो पैक में मिलाकर दो जंबो पैक बना दिए जाते हैैं और सेल कर दिए जाते हैैं।

हर मरीज को जंबो पैक चढ़ाने की जरूरत नहीं
अभी भी प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को डराकर जंबो पैक अरेंज करने की डिमांड की जा रही है। जबकि हर मरीज को इसकी जरूरत नहीं होती है। एसएन मेडिकल कॉलेज की ब्लड बैैंक प्रभारी डॉ। नीतू चौहान ने बताया कि हर मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं है। जिन मरीजों को 10 हजार से कम प्लेटलेट्स हैैं और नाक, मुंह से ब्लीडिंग हो रही है, ऐसे मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत होती है। बच्चों की बात करें तो 10 किलो तक के वजनी बच्चे में 50 एमएल प्लेटलेट्स चढ़ाई जाती हैं।