- एक सप्ताह में तीन हजार से ज्यादा टूरिस्ट्स बिना ताज देखे लौटे

- अब वीकेंड के अलावा अन्य दिनों में भी कैपिंग के चलते टूरिस्ट्स को नहीं मिल पा रही एंट्री

- एक दिन में पांच हजार टूरिस्ट्स को ही एंट्री मिलने का है नियम

आगरा। ताजमहल के दीवाने दुनियाभर में हैं। फिलहाल लॉकडाउन के कारण ताजमहल देखने के लिए देश के विभिन्न हिस्से से टूरिस्ट्स आ रहे हैं। लेकिन कोविड-19 के चलते ताजमहल पर लगाई गई कैपिंग ताज आने वाले टूरिस्ट्स का ख्वाब तोड़ रही है। कोविड-19 के कारण ऑनलाइन ही टिकट बुक करने के ऑप्शन से टिकट की कालाबाजारी को हवा मिल रही है। इससे ताजमहल और ताजनगरी के टूरिज्म की एडवर्स पब्लिसिटी हो रही है। ये आगरा के टूरिज्म के लिए नुकसानदेह साबित हो रही है।

ताज आने वाले टूरिस्ट्स की संख्या बढ़ी

सíदयां बढ़ने से ताजमहल पर टूरिज्म का मौसम आ गया है। ऐसे में अब ताजमहल पर आने वाले टूरिस्ट्स की संख्या बढ़ने लगी है। ताजमहल पर टिकट का हो रहा गड़बड़झाला यहां आने वाले टूरिस्ट्स की मुसीबत बढ़ा रहा है। पहले जहां वीकेंड में ही टूरिस्ट्स को बिना ताज देखे लौटना पड़ रहा था, मौसम अच्छा होने से ये परेशानी आम दिनों में भी होने लगी है। बीते एक सप्ताह में तीन हजार से अधिक टूरिस्ट्स को बिना ताज देखे वापस लौटना पड़ा है। कोविड-19 के चलते फिलहाल ताजमहल देखने के लिए दिल्ली, हरियाणा, मध्यप्रदेश और राजस्थान के टूरिस्ट्स ही आ रहे हैं। ऐसे में वे सुबह आकर शाम को वापस जाने का प्लान बनाकर आते हैं। लेकिन टिकट न मिलने के चलते उन्हें बिना ताज देखे वापस लौटना पड़ता है। इससे ताजमहल और आगरा के टूरिज्म पर सही असर नहीं पड़ रहा है।

टिकट ब्लैक होने का ऐसे चल रहा खेल

ताजमहल पर कोविड-19 के चलते कैपिंग लागू है। इसमें एक दिन में केवल 2500-2500 की दो शिफ्ट में पांच हजार टूरिस्ट्स को एंट्री की अनुमति है। इसके लिए ऑनलाइन ही टिकट खरीदने के प्रावधान है। इसे केवल ईमेल आईडी की मदद से कोई भी बुक कर सकता है। ऐसी शिकायतें सामने आई हैं कि कुछ टिकट की कालाबाजारी करने वाले लोग पहले ही ऑनलाइन टिकट बुक कर लेते हैं और बाद में टूरिस्ट्स को टिकट न मिलने पर उन्हें चार से पांच गुने दाम पर बेचते हैं। इस पर आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने पुलिस में शिकायत पत्र भी दिया है। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों पर कार्रवाई भी की है।

ताजमहल की टिकट की कालाबाजारी की सूचना पर हमने अक्टूबर में ही पुलिस को शिकायत पत्र दे दिया था। कोविड-19 के चलते फिलहाल ताजमहल में एक दिन में केवल पांच हजार टूरिस्ट्स को ही एंट्री की अनुमति है।

-वसंत कुमार स्वर्णकार, अधीक्षण पुरातत्वविद

संस्कृति मंत्री से ताज पर टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए कैपिंग हटाने की मांग की है। ताज पर सैलानियों के सामने आ रही मुश्किल दूर करने के लिए कोई उपाय नहीं किया जा रहा है। इससे आगरा के टूरिज्म को नुकसान हो सकता है।

- प्रहलाद अग्रवाल, प्रेसिडेंट, आगरा टूरिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन

ताजमहल पर टूरिस्ट्स बिना ताज देखे वापस लौट रहे हैं। टिकट की कालाबाजारी हो रही है। टूरिस्ट्स को या तो टिकट के पांच से छह गुने दाम चुकाकर ब्लैक में टिकट खरीदनी पड़ रही है या वे बिना ताज देखे वापस जा रहे हैं। इससे आगरा के टूरिज्म को नुकसान होगा। टिकट की कालाबाजारी से गलत संदेश प्रसारित हो रहा है।

-मनीष अग्रवाल, पूर्व प्रेसिडेंट, एनसीआईसी

कोविड-19 के कारण केवल पांच हजार टूरिस्टस को ताजमहल देखने की अनुमति है। अब ताजमहल पर आने वाले टूरिस्ट्स की संख्या बढ़ने लगी है। इससे टूरिस्टस को वापस भी लौटना पड़ रहा है। इसको देखते हुए इस लिमिट को बढ़ाया जाना चाहिए। टूरिस्ट्स के बिना ताज देखे लौटने से टूरिज्म पर नेगेटिव असर पड़ेगा।

-संदीप अरोरा, टूरिज्म डेवलपमेंट

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ताज पर डेली विजिट करने वाले टूरिस्ट्स

23 नवंबर 3914

22 नवंबर 4220

21 नवंबर 4448

20 नवंबर 4448

19 नवंबर 3844

18 नवंबर 4432

17 नवंबर 4843

नोट जबकि 22, 21 और 17 नवंबर को पूरे पांच हजार टिकट बिक गए थे और हजारों टूरिस्ट्स को बिना ताज देखे लौटना पड़ा था।