आगरा (ब्यूरो) ताजनगरी में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत लगाए गए कैमरों की बैटरी चोरी हो रही है। कैमरे चेक करने पर बैटरी बॉक्स चोरी होने की जानकारी मिली है। कंपनी की ओर इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है। शहर में सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से कैमरों को लगाया गया था। लगातार बैटरी बॉक्स चोरी होने पर क्रिमिनल्स पर शिकंजा कसना पुलिस के लिए चुनौती बन सकता है।

सक्रिय गैंग के निशाने पर बैटरी, बैटरी
शहर में एमजी रोड सहित दर्जनों इलाकों व लिंक मार्ग पर सुरक्षा के लिहाज से कैमरे और कॉलबाक्स लगाए गए थे। इन बाक्स में लगे सीसीटीवी कैमरे कंपनी की ओर से चेक कराए गए, जिसमें कॉलबॉक्स में लगे बैटरी बॉक्स गायब मिला। इसके पीछे गैंग सक्रिय बताया जा रहा है, जो कॉलबॉक्स में चोरी करने का कार्य कर रहा है, माल रोड, एमजी रोड के लिंक रोड से दर्जनों बैटरी चोरी के मामले सामने आए हैं, इसको लेकर पूर्व में भी चोरी की वारदात हो चुकी हैं, इसको लेकर थाना हरीपर्वत में मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस के लिए कैमरे हैं मददगार

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत शहर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए मददगार साबित हो चुके हैं। सदर थाना क्षेत्र के राजपुर चुंगी में प्रॉपर्टी डीलर हरेश पचौरी की हत्या को अंजाम दिया गया था। जिसमें हत्या करने के बाद आरोपी बाइक से भागने में सफल रहे। पुलिस ने मामले की जांच कर शहर के मलपुरा और फतेहाबाद रोड के साठ से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले थे, कैमरे से बरामद फु टेज से आरोपियों का सुराग लगा, वहीं रोहता में बैंक मेें डकैती के मामले में मलपुरा मुल्ली की प्याऊ पर लगे सीसीटी कैमरों से बदमाशों की फु टेज बरामद की गई थीं।


क्राइम कंट्रोल में मिलती है हेल्प
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत शहर में सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए मददगार साबित हो रहे हैं। हर छोटी और बड़ी घटना में पुलिस को बदमाशों तक पहुंचने के लिए इनसे मदद मिली। कई सनसनीखेज घटनाएं इनके कारण खुल गईं तो कुछ में बदमाशों की पहचान हो गई। अब वारदात के बाद घेराबंदी से पहले भी पुलिस उस क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग देखने लग जाती है। इनसे कई घटनाओं में पुलिस को बदमाशों के भागने की दिशा का पता चल गया, जिससे वे जल्द पकड़े जा सके।

शहर में लगाए गए 950 सीसीटीवी कैमरे
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में अब तक 950 सीसीटीवी कैमरे लगवाए जा चुके हैं। ये कैमरे स्मार्ट सिटी के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जुड़े हुए हैं। इनमें वाहनों की नंबर प्लेट रीड करने के साथ ही फेस की पहचान का सिस्टम भी है। पुलिस ने स्मार्ट सिटी के सर्वर में अपराधियों का डाटा अपलोड किया है। अब इन कैमरों के सामने गुजरने पर अपराधियों के चेहरे ये कैमरे पहचान लेंगे। सामने आते ही ये पुलिस अधिकारियों के मोबाइल पर नोटिफिकेशन देंगे, जिससे बदमाशों को पकडऩे में आसानी होगी। अब कोई भी बदमाश वारदात करके भागते समय आसानी से पकड़ा जा सकेगा। लेकिन कैमरे खराब होने पुलिस के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।

अब तक सौ से अधिक कॉलबॉक्स से चोरी
स्मार्ट सिटी के अंतर्गत जुलाई से अब तक 110 कैमरों के कॉलबॉक्स बैटरी और बैटरी चोरी के मामले सामने आए हैं। वहीं चालीस फीसदी से अधिक कैमरों में कंप्लेन है। इसको लेकर कंपनी द्वारा लगाए गए कैमरों और कॉलबॉक्स को चेक किया जा रहा है।


-स्मार्ट सिटी के तहत लगाए कैमरे
950
-छह महीने में चोरी बैटरी बॉक्स
110
-कैमरों में सामने आया टैक्निकल फॉल्ट
40 फीसदी


स्मार्ट सिटी के अंतर्गत लगाए गए कैमरों और कॉलबॉक्स के रख रखाब की जिम्मेदारी कंपनी की है। जहां चोरी और बैटरी गायब होने की घटना सामने आई हैं, वहां मुकदमा दर्ज की कार्रवाई की जा रही है।
अरुण चंद, एपसी ट्रैफिक