-बजट से थी कीठम के लिए कोई ठोस योजना की आस

-रामसर साइट घोषित हो चुका है कीठम स्थित सूरसरोवर

-सीएम योगी भी कीठम को डेवलप करने की जता चुके हैं इच्छा

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आगरा। यूपी बजट में कीठम झील के हाथ खाली रहे। इसे विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराये जाने के लिए बजट में विशेष पैकेज की जरूरत थी। यहां पर हजारों पक्षी देश-विदेश से आते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसका दौरा किया था। यदि कीठम विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस हो जाता तो ये आगरा के लिए एक नया टूरिज्म डेस्टिनेशन साबित हो सकता है। इससे आगरा के टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलता।

राष्ट्रीय पक्षी अभ्यारण्य हो चुका है घोषित

कीठम झील के पास बना सुरम्य सूर सरोवर पक्षी अभ्यारण्य में स्थानीय व प्रवासी पक्षियों की 100 से ज्यादा प्रजातियां हैं। साथ ही 12 प्रजाति के स्तनपायी और 18 प्रजाति के सरीसृप का भी यह ठिकाना है। स्पूनबिल, साइबेरियन सारस, सरने सारस, ब्राहमनी बत्तख, बार-हेडेड गीसे और गडवॉल्स व शोवेलर्स यहां पाई जानी वाली पक्षियों की कुछ प्रमुख प्रजातियां है। उत्तर प्रदेश वन विभाग ने 27 मार्च 1991 को इस पूरे क्षेत्र को राष्ट्रीय पक्षी अभ्यारण्य का नाम दिया जा चुका है। इसके साथ ही अक्टूबर 2020 में इसे इंटरनेशनल रामसर साइट की भी उपाधि मिल चुकी है। यहां पर दुनियाभर के ईकोलॉजिस्ट और पर्यावरणविद आएंगे। यदि यहां पर विश्वस्तरीय सुविधाएं मिल जाएं तो इसे जंगल टूरिस्ट प्वॉइंट के रूप में स्थापित किया जा सकता है।

कीठम को अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं मिलनी चाहिए। इसे पहले ही अंतरराष्ट्रीय रामसर साइट घोषित किया जा चुका है। यदि यहां पर आने वाले टूरिस्ट्स के लिए सुविधाएं बढ़ा दी जाएं तो इससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा और इस क्षेत्र का संरक्षण हो सकेगा।

- डॉ। केपी सिंह, पर्यावरणविद