आगरा(ब्यूरो)। ' उन्होंने कहा कि 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके लिए टीबी मरीजों को खोजने के लिए अभियान चलाए जाते हैैं। 20 फरवरी से पांच मार्च तक अभियान चलाया गया था। इसमें स्लम, घनी आबादी वाले क्षेत्र, मलिन बस्तियां, वृद्धाश्रम, शू फैक्ट्री, नवोदय विद्यालय, बाल संरक्षण गृह, केंद्रीय एवं जिला कारागार, नारी निकेतन व अन्य जगहों से 3968 संभावित टीबी रोगियों की जांच की गई। इसमें 325 टीबी के नए केस मिले।

आगरा में 26 टीबी यूनिट कार्यरत हैं

इस दौरान एसएन मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। संतोष कुमार ने बताया कि आगरा में 26 टीबी यूनिट कार्यरत हैं। प्रत्येक एक लाख की जनसंख्या पर बलगम की जांच के लिए एक माइक्रोस्कोपी केंद्र स्थापित है। डीटीओ डॉ। सीएल यादव ने बताया कि आगरा में 800 से अधिक डॉट्स सेंटर हैैं। यहां पर टीबी मरीजों को दवाएं प्रोवाइड कराई जाती हैैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में 4863 टीबी के नए रोगी पब्लिक और प्राइवेट क्लीनिकों से खोजे गए हैैं।

डीटीओ ने बताया कि 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस पर संगोष्ठी, जागरूकता रैली, जागरूकता कैंप का आयोजन किया जाएगा। टीबी मरीजों को गोद लेने से संबंधित कार्यक्रम आयोजित होंगे। टीबी मुक्त पंचायत अभियान के तहत डीपीआरओ के साथ बैठक की जाएगी। इस दौरान डीटीसी से शशिकांत पोरवाल, अरविंद यादव, कमल सिंह, पंकज सिंह, अखिलेश शिरोमणि, अखिलेश कुमार यादव, संदीप प्रमोद, सीफार संस्था से राना बी मौजूद रहे।


विश्व टीबी दिवस पर जागरुकता रैली, संगोष्ठी सहित विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए लोगों को जागरुक किया जाएगा।
- डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ