कॉलेज प्रशासन पर जड़ा राष्ट्र गौरव की परीक्षा से वंचित करने का आरोप

कॉलेज की भी लापरवाही, एक बार देनी होती है परीक्षा, दो बार दी छात्रों ने

दो वर्ष में नहीं चढ़ सके अंक, कॉलेज प्रशासन को सुध लेने की फुर्सत नहीं

फीरोजाबाद : विवि की गलती रही तो कॉलेज की लापरवाही। इसका नतीजा गुरुवार को एसआरके महाविद्यालय में हंगामे के रूप में सामने आया। जो परीक्षा तीन वर्ष में एक बार देनी होती है, उस परीक्षा को दो बार दे चुके छात्र तीसरे वर्ष भी कॉलेज में देने पहुंच गए। कॉलेज के शिक्षकों ने छात्रों को समझाने के बजाए डांटते हुए कहा कि प्रवेश पत्र पर परीक्षआ का नाम नहीं है लिहाजा परीक्षा नहीं दे पाओगे। इस पर छात्रों ने कॉलेज में जमकर हंगामा काटा। नारेबाजी की। बाद में कॉलेज प्राचार्य ने फोन पर छात्रों को समझाया तो छात्र शांत हुए।

बीकॉम थर्ड ईयर के छात्रों की गुरुवार को शाम की पाली में राष्ट्र गौैरव की परीक्षा थी। कॉलेज के कई छात्रों के द्वारा पूर्व में ही राष्ट्र गौरव की परीक्षा दी जा चुकी है। चौंकाने वाली बात यह है एक बार परीक्षा देनी होती है, लेकिन कॉलेज के कई छात्रों ने बीकॉम प्रथम वर्ष के साथ में द्वितीय वर्ष में भी राष्ट्र गौरव की परीक्षा दे दी। इस पर कॉलेज के प्रोफेसर्स का भी ध्यान नहीं गया। इधर प्रथम वर्ष एवं द्वितीय वर्ष की अंकतालिका में राष्ट्र गौरव के अंक भी चढ़कर नहीं आए। ऐसे में छात्र-छात्राएं गुरुवार को तृतीय वर्ष की परीक्षा देने पहुंच गए। कॉलेज में पहुंचने पर प्रोफेसर्स ने इन्हें परीक्षा देने से रोक दिया। प्रोफेसर्स ने इन्हें समझाने के बजाए प्रवेश पत्र पर विषय न होने की बात कही तो छात्रों का गुस्सा भड़क गया। छात्रों ने कॉलेज कैंपस में नारेबाजी शुरु कर दी।

मामला कॉलेज प्राचार्य डा.विपिन कुमार के पास पहुंचा। प्राचार्य डा.विपिन कुमार उस वक्त आगरा में थे। उन्होने विवि में वार्ता कर छात्रों की समस्या को रखा। कॉलेज प्राचार्य डा.विपिन कुमार ने छात्रों को समझाया कि विवि द्वारा उन्हें औसत माक्स़ दिए जाएंगे। इसके बाद में छात्रों का गुस्सा शांत हुआ।

कॉलेज की लापरवाही कम नहीं

कॉलेज प्रशासन द्वारा छात्र-छात्राओं के फॉर्म भरवाए जाते हैं। बीए प्रथम वर्ष के बाद द्वितीय वर्ष की अंकतालिका में भी छात्रों के नंबर चढ़कर नहीं आए, लेकिन इसके बाद भी कॉलेज प्रशासन ने इसे सुधारने का प्रयास नहीं किया। अगर छात्रों के अंक अंकतालिका में चढ़ जाते तो इस तरह से हंगामा नहीं होता। चौंकाने वाली बात यह है कॉलेज प्रशासन की गैरजानकारी के छात्र दो बार राष्ट्र गौरव की परीक्षा दे गए, जबकि फॉर्म अग्रसारित करने की जिम्मेदारी कॉलेज की होती है।

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बदइंतजामी से एसआरके में भटकते छात्र-छात्राएं

शहर के सभी महाविद्यालयों में परीक्षाएं हो रही हैं। परीक्षा के साथ में अलग से काउंटर लगाकर कॉलेजों में प्रवेश पत्र का वितरण किया जा रहा है, लेकिन एसआरके महाविद्यालय में हर तरफ बदइंतजामी हावी है। विवि से प्रवेश पत्र देरी से आ रहे हैं, ऐसे में हर कॉलेज ने व्यवस्था की है, लेकिन एसआरके में परीक्षा के दौरान प्रवेश पत्र लेने पहुंचने वाले छात्रों को कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया जाता। कर्मचारियों की कमी नहीं है, लेकिन इसके बाद भी छात्र-छात्राओं को घंटो बैठना पड़ता है। एक पाली के बाद दूसरी पाली शुरु होने के बीच एक घंटे के वक्त में ही प्रवेश पत्र बांटे जाते हैं। इसके बाद छात्रों को तीन घंटे इंतजार करना पड़ता है।

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बाहर काउंटर लगा बांटेंगे प्रवेश पत्र

प्राचार्य डा.विपिन कुमार ने कहा है परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र का वितरण करने के लिए गेट के बाहर काउंटर की व्यवस्था की जाएगी। वैसे किसी भी छात्र को प्रवेश पत्र न होने पर परीक्षा से रोका नहीं जा रहा है। परीक्षा कक्ष में ही प्रवेश पत्र का वितरण राया जा रहा है। गुरुवार को बीकॉम के छात्र राष्ट्र गौरव परीक्षा को लेकर भ्रमित हो गए थे। हमने विवि में बात कर ली है, सभी को औसत अंक देकर पास किया जाएगा।