आगरा। कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति द्वारा जेल में बंद महिला बंदियों के बच्चों के भविष्य को ध्यान में रख उनको शिक्षित करने का फरमान जारी किया गया है। स्कूल खुलने के बाद इस प्रोसेस को अमल में लाया जाएगा। जिला जेल अधीक्षक पीडी सलोनियां ने बताया कि अभी केवल चार बच्चों को ही बाहर पढऩे की अनुमति थी। कोविड के चलते पिछले दो वर्ष से वे बच्चे भी स्कूल नहीं गए हैं। ऐसे में एनजीओ के सहयोग से महिला टीचर द्वारा पढ़ाई कराई जा रही है।

जेल में मां के व्यवहार में बदलाव
जेल में बंद महिलाओं का व्यवहार तनाव की वजह से बच्चों के साथ अच्छा नहीं होता। नतीजा पालना गृह में बच्चों का विकास वैसा नहीं हो पाता जैसा उनका घरों पर होता। वैसे पालना गृह की ऊंची दीवारों पर तरह-तरह की कलाकृति और रंग रोगन करा उसे घर जैसा लुक देने का पूरा प्रयास किया है। लेकि न इसके बाद भी बच्चों की पढ़ाई वैसी नहीं हो पा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है, जिससे बच्चे शिक्षित होने के साथ ही उनका प्रॉपर विकास हो सके।

जेल के नजदीक स्कूल में नामांकन
आंतरिक सर्वे में इस तरह की समस्याओं के सामने आने पर महिला वार्डन को ट्रेंड करने का निर्णय लिया है। ऐसी महिला वार्डन बच्चों को बेहतर शिक्षा देने में सहयोग करेंगी। यही नहीं जेल में मां के साथ रहने वाले ऐसे बच्चों को जेल प्रशासन जेल के नजदीक वाले स्कूलों में नामांकन करया जाएगा। जिससे बच्चों को आने-जाने में कोई समस्या न हो सके।

बच्चों को मिलेगा स्कूली माहौल
इससे बच्चों को स्कूल जीवन का माहौल मिलेगा। उन बच्चों पर प्रशिक्षित कराई गई महिला वार्डन की विशेष नजर रहेगी। ताकि बचपन में उन्हें स्कूल जाने-आने और शिक्षा पाने के दौरान मां जैसा व्यवहार मिल सके। जिन जेलों के नजदीक स्कूल नहीं होंगे, वहां मौजूद आंगनबाड़ी केंद्रों में भी ऐसे बच्चों को भर्ती कराने की व्यवस्था जेल प्रशासन करेगा।

कोविड के चलते नहीं गए स्कूल
जेल में जीवन काट रही महिलाओं के बच्चे वर्ष 2019 के बाद स्कूल नहीं गए हैं। जिला जेल से अभी चार बच्चे बाहर स्कूल में पढ़ाई करने जाते हैं। इसके लिए उन्हें विशेष अनुमति मिली हुई है। वर्तमान में ऐसे बच्चों की संख्या 9 के आसपास है।


जिला जेल में बच्चे

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शासन के आदेश के अनुसार महिला बंदियों के बच्चों के लिए बाहर नामांकन की व्यवस्था कराई जाएगी। वर्तमान में एनजीओ की हेल्प से टीचर्स द्वारा बच्चों को प्राइमरी शिक्षा की व्यवस्था है, वहीं पूर्व में चार बच्चों को स्कूल भेजा जाता था, लेकिन कोविड के चलते उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हुई है। जून में स्कूल खुलने के बाद नई व्यवस्था को अमल में लाया जाएगा।
पीडी सलोनियां, जिला जेल अधीक्षक