मालदा में पकड़ा सिरप का जखीरा
आरोप है कि पिछले दिनों बंगाल के पश्चिम के मालदा जिले में कफ सिरप का जखीरा पकड़ा गया था, उसके बाद से ही देवेन्द्र आहूजा उर्फ चिंटू पुलिस के निशाने पर था। बंगाल पुलिस ने शुक्रवार को उसे आगरा में मेडिकल स्टोर से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि कफ सिरप के पश्चिम बंगाल में हुए बांग्लादेश में आपूर्ति की जाती है, चिंटू गिरोह के बांग्लादेश के ड्रग डीलरों से संपर्क किया जाता है। ये पहली बार हुआ है कि चिंटू की स्थानीय पुलिस के सहयोग से घेराबंदी की गई। जबकि वह पिछले सात साल से इस कारोबार में हैं। बाहूबली के संपर्क में आने के बाद उसने देश के बाद विदेशों में भी अपना कारोबार बढ़ा कर ड्रग डीलरों से संपर्क शुरू कर दिया। चिंटू गैंग द्वारा इस संबंध में ऐसे कारोबारियों को तलाशा गया जो सिरप की छोटी मोटी सप्लाई करते थे।

गैंग करता था कारोबारियों से डिमांड
प्रदेश के ऐसे सभी कारोबारियों से सिरप की डिमांड कर मंगाया जाता था। इससे जुड़े कारोबारी भी अधिक लाभ को लेकर चिंटू गैंग के संपर्क में आ गए। इससे चिंटू का दायरा प्रदेश के बाद देश में फैल गया। जहां से बंगाल के रास्ते बंग्लादेश में सक्रिय ड्रग माफिया के संपर्क में आ गया। इसके बाद बड़े स्तर पर सिरप की सप्लाई की जाती थी। सिरप की खपत देख इससे जुड़े कारोबारियों ने भी अपना दायरा और फैला दिया। इससे कुछ ही समय में लाखों रुपए कमाने वाले कारोबारी करोड़ों रुपए कमाने लगे। फिलहाल पुलिस जांच में देवेन्द्र आहूजा उर्फ चिंटू से पूछताछ के बाद इसका पता लगाने का प्रयास कर रही है।

परिवहन कंपनी के जरिए सप्लाई
चिंटू गैंग के जरिए प्रदेश के कई कारोबारी भी परिवहन कंपनी की मदद से माल को भेजने लगे, निजी वाहनों के जरिए प्रदेश के ठिकानों के माल को उठाकर एक स्थान पर जमा किया जाता था, इसके बाद चिंटू गैंग बंगाल के रास्ते सिरप को भेजता था। कंपनी से कफ सिरप ट्रांसपोर्ट कंपनी पर कब्जा करते हैं उन्हें कार, ट्रक के जरिए से पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश तक जाता है। डीलिंग भी बड़े स्तर की जाती थी। कई पुलिस टीम द्वारा छापामार कार्रवाई में निजी वाहनों से सिरप जब्त किया गया है, लॉकडाउन में बड़े स्तर पर माल को निजी वाहनों के जरिए भेजा गया था, यह सिलसिला आभी तक जारी रहा है।


नशे के लिए बांग्लादेश में मांग
नशे के लिए बांग्लादेश में कफ सिरप की मांग है, यहां से वह कफ सिरप सप्लाई करने वाले गैंग में शामिल हो गया। चिंटू ने पांच साल पहले नवाबिया मार्केट, फव्वारा में जय रामजी का मेडिकल स्टोर खोला था। इसी बाजार में उसकी 15 दुकानें बताई गई हैं। कई पार्टनर के साथ ही नोएडा में भी संपत्ति बताई जा रही है। प्रतापनगर, जयपुर हाउस में कोठी है। देवेंद्र आहूजा उर्फ चिंटू की हर जगह सेटिंग है, नेताओं से लेकर अधिकारियों से संपर्क में रहता था। कई सालों से कफ सिरप की आपूर्ति करने के बाद भी उसे पकड़ा नहीं गया।
इस बार बंगाल में ड्रग माफिया की गिरफ्तारी के बाद पहली बार चिंटू का नाम सामने आया है।


घटना के बाद टूटा गैंग
कई बार डिमांड को पूरी करने के लिए गैंग के लोग ड्राइवर के जरिए माल को सप्लाई करते थे, इसके बदले ड्राइवर और कंडक्टर को अलग से रकम दी जाती थी। सूत्रों का कहना है कि ड्राइवर से सेटिंग कर गैंग के जिस सदस्य ने सिरप और ड्रग्स सप्लाई किया था, उसने बयानों में दूसरे साथी का नाम दर्ज कर दिया। चर्चा है कि इस घटना के बाद गुट अलग हो गया है। एक-दूसरे से गुट के सदस्य जुड़ गए, इसकी वजह से चिंटू पकड़ा गया।


देवेन्द्र आहूजा की दुकान से मिले दस्तावेज जब्त किए गए हैं, आरोप साबित होने के बाद लाइसेंस जब्त किया जाएगा। कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी।
एके जैन, सहायक औषधि आयुक्त