आगरा( ब्यूरो). सुबह से ही शराब के ठेकों के बाहर लाइनें लग जाती हैं, आखिर यह दुकानें नियमों की अनदेखी कर किस के इशारे पर खुल रहीं, जिसमें सुबह छह बजे से लोग बंद दुकानों के बाहर खड़े नजर आए, वे शटर के नीचे से बिक्री कर रुपए का लेन-देन किया जा रहा है। ऐसे कई स्थानों पर नशे की बोतल खरीदने के बाद सार्वजनिक स्थानों पर सेवन करते लोग देखे जा सकते हैं, थाना पुलिस की ओर से इस संबंध कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है, वहीं संबंधित आबकारी विभाग की अनदेखी से बेखौफ शराब माफिया बिक्री करते देखे जा सकते हैं। शुक्रवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम द्वारा इसका रियलिटी चेक किया गया। तो ये स्थिति सामने आई।

शराब के सेवन के लिए करते हैं चंदा
शहर के भगवान टॉकीज से सिकंदरा रोड के बीच कौशलपुर क्षेत्र में सुबह से ही देशी शराब की बिक्री शुरू हो जाती है। ऐसे में शराब के एडिक्ट कुछ लोग आपस में सौ रुपए जमा कर लेते हैं, ऐसे में हर एक के हिस्से में बीस रुपए आते हैं। सभी लोग शराब को खरीदकर भगवान टॉकीज के पास बने फ्लाईओवर के नीचे बेखौफ होकर शराब के गिलास हाथों में थामे जाम से जाम टकराते देखे जा सकते हैं। बता दें कि जहां हाल ही में नगर निगम की ओर से पेड़, पौध़े लगाकर पार्क बनाया गया है, वहां बैठक कर नशे का सेवन करते हैं, अगर कोई वहां से गुजरता है तो आड़ मोड़ से छुपाकर फिर से सेवन करना शुरू कर देते हैं।

यहां पुलिस नहीं लेती कोई एक्शन
भगवान टॉकीज चौराहे पर फ्लाईओवर के नीचे रोजाना असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है, वहीं नशे का सेवन खुले आम करते देखा जा सकता है। यहां से ठीक पांच सौ मीटर की दूरी पर डिवीजन पुलिस चौकी है, लेकिन पुलिसकर्मियों द्वारा कोई रोक-टोक नहीं की जाती है। जबकि आलाधिकारियों द्वारा असमाजिक तत्वों पर नजर रखने के साथ सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

सुबह सड़क पर ही बन जाता है बार
शराब के शौकीन सुबह होते ही सड़कों पर खड़े हो जाते हैं, वहीं सवारी ऑटो या रिक्शा में बैठकर खुले आम शराब पीते देखे जा सकते हैं। नशा होने के बाद ये लोग सार्वजनिक स्थानों पर किसी न किसी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। ऐसे में आने जाने वाले यात्री भी उनको देखकर दूरी बना लेते हैं। वहीं स्कूल और कॉलेज जाने वाले बच्चों और महिलाओं पर भी इसका असर पढ़ता है।

आबकारी विभाग की लगातार बनी अनदेखी
शराब की दुकानों पर बिक्री का समय निर्धारित किया गया है, ऐसे में सुबह शराब की दुकानों पर बिक्री किसकी अनुमति से की जा रही है, यह एक बड़ा सवाल बना है, जबकि आबकारी विभाग की ओर से रुल्स को फॉलो किया जा रहा है। इसको लेकर शराब की बिक्री करने वाले व्यक्ति और खरीदारी करने वाले से बात की गई।

.सेल्समैन और रिपोर्टर की बातचीत
रिपोर्टर-शराब की एक बोतल नहीं पूरा कार्टून चाहिए।
सेल्समैन-मिल जाएगा, 35 सौ रुपए का कार्टन
है, पांच रुपए प्रिंट रेट से अधिक देने होंगे।
रिपोर्टर-अरे ऐसा क्यों प्रिंट रेट से अधिक क्यों ले रहे हैं।
सैल्समैन- प्रिंट रेट पर चाहिए तो ग्यारह बजे के बाद मिलेगा
रिपोर्टर- अलग से रुपए अधिक क्यों मांग रहे हो।
सैल्समैन- सुबह पांच बजे से बैठते हैं, इसलिए चाहिए।
-अगर रात को दस बजे के बाद भी चाहिए तो मिल जाएगी, लेकिन अतरिक्त रुपया देना होगा।
रिपोर्टर-पुलिस से डर लगता है।
सैल्समैन- अरे नहीं सब अपनी सैटिंग है, कोई बात नहीं है। खुले आम पीने वाले लोगों से बातचीत

सार्वजनिक स्थानों पर खड़े शराब के शौकीन
रिपोर्टर- सुबह शराब कहां से मिलती है आपको
शराब का शौकीन- आपको चाहिए क्या शराब
रिपोर्टर-हां, लेकिन ये ग्यारह बजे के बाद मिलती है
शराब का शौकीन- अरे नहीं पांच रुपए एक हाफ पर एक्स्ट्रा देने होते हैं।
रिपोर्टर- किसको और कौन लेता है एक्ट्रा रुपए
शराब का शौकीन- शटर को बजा देना और 75 रुपए अंदर डाल देना।
-इसके बाद आपको हाफ खिसका देगा, कभी भी ले सकते हैं, देशी शराब

नियमों की अनदेखी पर चालान
रूल्स की अनदेखी करने और असमय शराब की बिक्री करने वाले लोगों के पर चालान का प्रावधान है। लापवाही बरतने पर दुकान को भी सील किया जाक ता है।

'शराब की दुकान खोलने और बंद करने का नियम निर्धारित है, ऐसे में अगर कोई नियमों की अनदेखी करता है तो उस पर 2 हजार रुपए तक का चालान वसूल किया जा सकता है'।
नीलेश पालिया, जिला आबकारी अधिकारी