- संक्रमण के चलते तीन कर्मचारियों की हो चुकी है मौत

- कार्यालय में सबसे अधिक कर्मचारी मिले थे कोरोना पॉजिटिव

आगरा। डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लापरवाही बरती जा रही है। स्टूडेंट्स से लेकर कर्मचारी और शिक्षक तक बिना मास्क के घूमते दिख जाते हैं। अपना काम कराने के लिए हेल्पडेस्क पर और विभागों में अपने आवेदन को आगे बढ़वाते हुए स्टूडेंट्स बिना सोशल डिस्टेंस के नियम का पालन किए खड़े दिख जाते हैं। यह स्थिति तब है, जब यूनिवर्सिटी में पिछले वर्ष सितंबर में सबसे ज्यादा कर्मचारियों और शिक्षकों को कोरोना हुआ था। तीन कर्मचारियों की मौत भी हुई थी।

जब स्टूडेंट्स के प्रवेश पर लगा दी थी पाबंदी

पिछले वर्ष यूनिवर्सिटी में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बाद एक महीने से ज्यादा समय तक यूनिवर्सिटी में छात्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था। उसी समय हर कर्मचारी और शिक्षक को मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करने की सख्त हिदायत भी दी गई थी। तीनों गेटों पर सेनेटाइजेशन टनल भी लगाई गई थी। बिना काम के किसी भी छात्र को परिसर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। समय के साथ यह सख्ती हवा में उड़ गई। यूनिवर्सिटी के हर विभाग में बिना मास्क के स्टूडेंट्स और कर्मचारियों को घूमते और काम करते देखा जा सकता है।

ऑनलाइन और हेल्प डेस्क पर स्थिति खराब

यूनिवर्सिटी में सबसे अधिक हालात हेल्प डेस्क और ऑनलाइन विभाग में खराब है। यहां स्टूडेंट्स की भीड़ लगी रहती है। बिना मास्क के, एक-दूसरे से सटके खड़े छात्रों को हर रोज देखा जा सकता है। हेल्प डेस्क पर गोले भी बनाए गए थे, लेकिन छात्रों को यह गोले भी दिखाई नहीं देते हैं। विभागों में भी छात्र बिना मास्क के घूमते रहते हैं, जबकि हर दीवार पर मास्क पहनना अनिवार्य लिखा हुआ है।

कर्मचारी भी कर रहे अनदेखी

कोरोना गाइडलाइंस का पालन यूनिवर्सिटी के कर्मचारी भी नहीं कर रहे हैं। न ही मास्क और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। कर्मचारी बिना मास्क के ही कार्यालय में कार्य करते देखे जा सकते हैं। ऐसी स्थिति में संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ जाता है। अधिकारियों को सख्ती से नियमों का पालन कराना होगा, इसके बाद ही संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।

वर्जन

कोरोना का बढ़ता संक्रमण चिंता का विषय है। हम छात्रों के लिए सख्ती करेंगे। कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए भी निर्देश जारी किए जाएंगे।

प्रो। अशोक मित्तल, कुलपति