- पेशेंट्स की बढ़ती संख्या को देखकर बढ़ाई गई सतर्कता

-अब सभी जरूरी मशीनों और दवाओं किय जा रहा इकट्ठा

आगरा। शहर में अब कोरोनावायरस ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। डेली नए लोगों में कोरोनावायरस का संक्रमण मिल रहा है। जुलाई के पहले सप्ताह में जहां डेली 12 से 14 लोगों में संक्रमण मिल रहा था, वहीं चौथे सप्ताह में डेली 30 से ज्यादा लोगों में कोरोनावायरस का संक्रमण मिला। इसके साथ ही अब कोरोनावारस से संक्रमित गंभीर पेशेंट्स लगातार सामने आ रहे हैं और उनकी मौत हो रही है। आगरा में अब तक 100 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है। एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक आने वाले दो महीने आगरा के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं। इसके लिए एसएन के कोविड हॉस्पिटल में व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं। पेशेंट्स के इलाज के लिये सभी जरूरी दवाएं और इक्यूपमेंट्स इकट्टे किये जा रहे हैं।

जरूरी मशीनों और दवाओं को भी किया जा रहा अरेंज

एसएनएमसी (एसएन मेडिकल कॉलेज) में अब गंभीर पेशेंट्स आगरा सहित बाहर से भी आ रहे हैं। इसको देखते हुए यहां पर जरूरी दवाओं और मशीनों को अरेंज किया जा रहा है। ज्यादातर मशीनें और दवाएं मंगाई जा चुकी हैं, लेकिन आगे भी इसकी कोई कमी न पड़े। इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। इस वक्त एसएन में रेमडेसिविर इंजेक्शन भी अवेलेबल हैं। इसके अलावा वाइपैप मशीन, वेंटिलेटर और डायलिसिस मशीन भी उपलब्ध हैं। जल्द ही दो वेंटिलेटर और एक नई डायलिसिस की मशीन आने वाली है। एसएन में इस वक्त प्लाज्मा थेरेपी की सुविधा उपलब्ध है। आईसीएमआर ने मेडिकल कॉलेज को 17 लाख रुपये के इंजेक्शन खरीदने की अनुमति दी है। फिलहाल एसएन में 75 इंजेक्शन ही उपलब्ध हैं।

हर किसी की जिम्मेदारी तय

अक्सर ऐसा होता है कि सरकारी अमलों में लापरवाही सामने आ ही जाती है। लेकिन कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में कोई भी अधिकारी किसी तरह की लापरवाही नहीं चाहता है। इसके लिए एसएनएमसी के प्रिंसिपल ने अपने यहां पर हर छोटे से लेकर बड़े काम के लिए एक जिम्मेदार और सीनियर पर्सन को नोडल बना दिया है। ताकि उसकी देखरेख कोई भी काम हो और उसमें कोई लापरवाही सामने न आए। उनका कहना है कि सीनियर व्यक्ति के सुपरविजन में कोई काम होता है, तो वो काम भी परफेक्टली होता है और इससे उस काम के लिए जिम्मेदारी भी तय होती है। इसी प्रकार से कोविड विंग में आने वाले पेशेंट्स को एडमिट कराने से लेकर वार्ड की साफ-सफाई कराने तक के लिए एक सीनियर पर्सन को जिम्मेदारी दी गई है।

मानसून लड़ने की चुनौती

अगस्त का महीना लग चुका है और आगरा में अब बारिश होना भी शुरू हो गया है। बारिश के बाद अब पेशेंट्स बढ़ने लगे हैं। इसके साथ ही डेंगू और मलेरिया जैसी वैक्टर जनित बीमारियां एक्टिव हो रही हैं। इनको रोकने लिए हेल्थ डिपार्टमेंट लगातार काम कर रहा है। एसएन मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना के गंभीर पेशेंट्स का इलाज करने के लिए नई कोविड विंग बनकर तैयार हो गई है। इसके साथ ही अन्य तैयारियां भी की जा रही हैं ताकि कोरोना के पेशेंट्स की जान बचाई जा सके और कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके।

डेंगू-मलेरिया के पेशेंट्स के इलाज के लिए भी व्यवस्था दुरुस्त

मानसून को देखते हुए एसएनएमसी ने डेंगू व मलेरिया के पेशेंट्स के इलाज के लिए व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई है। एसएनएमसी की इमरजेंसी विंग में अब तक ट्राएज एरिया में कम ही बेड थे। लेकिन यहां पर आने के बाद ही पेशेंट्स के सिंपटम्स के आधार पर उन्हें कोविड वार्ड या जनरल वार्ड में शिफ्ट किए जाने का नियम था। लेकिन अब डेंगू-मलेरिया के पेशेंट्स को देखते हुए कोविड के सस्पेक्ट्स पेशेंट्स को रेड एरिया में न भेजकर सीधे नई कोविड विंग में शिफ्ट किया जा रहा है। ताकि, अन्य पेशेंट्स में कोरोना का संक्रमण फैलने के कम ही चांस हों।

कोरोना पेशेंट्स के इलाज के लिये व्यवस्था हैं एसएन में

-200 एल-3 बेड एसएन में अवेलेबल

-40 से ज्यादा वेंटिलेटर हैं एसएन में

-75 रेमडेसिविर इंजेक्शन आए हैं एसएन में

-प्लाज्मा थेरेपी की सुविधा है एसएन में

-कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू होगा एसएन में

-डायलिसिस की सुविधा कोविड विंग में

-डिलीवरी की सुविधा एसएन में

बढ़ते पेशेंट्स को देखते हुए हम लगातार अपने हॉस्पिटल में सुविधाएं इकट्ठा कर रहे हैं। ताकि पेशेंट को इलाज के लिये कहीं भटकना न पड़े और एसएनएमसी में ही उसका पूरी तरह से इलाज होकर वह ठीक हो जाए। एसएन कोरोना से लड़ाई के लिये पूरी तरह से तैयार है।

-डॉ। संजय काला, प्रिंसिपल, एसएनएमसी