आगरा। सड़कों पर सन्नाटा हो रखा है। जब लोग घरों से बाहर निकलने की भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं, तब वह दूसरों की जान बचाने के लिए निकलते हैं। आज दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट आपको ऐसे ही कोरोना वॉरियर्स से रूबरू कराने जा रहा है, जो रोज कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में रहते हैं। उनका इलाज करते हैं। ऐसे कई वॉरियर्स ने कोरोना को शिकस्त देना ही अपने जीवन का टारगेट बना लिया है। इसके लिए उन्होंने अपने परिवार से भी दूरी बना ली है।

सैंपलिंग की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ। सतीश

डॉ। सतीश वर्मा जिला अस्पताल के मुख्य अधीक्षक हैं। इसके साथ ही वे कोरोनावायरस के सैंपल्स लिए जाने के नोडल अधिकारी भी हैं। उनपर इस वक्त आगरा में होने वाले सैंपल्स की जिम्मेदारी है। इस वक्त जिला अस्पताल में 150 से ज्यादा लोगों के सैंपल लिये जा रहे है। लगभग 200 लोगों की स्क्री¨नग डेली की जा रही हैं। वे सुबह सात बजे हॉस्पिटल आते हैं और देर रात को काम खत्म करने के बाद ही घर जाते हैं। वे कोरोनावायरस से जंग में महत्वपूर्ण भूमिका में हैं।

जांच की कमान डॉ। आरती के हवाले

आगरा में कोरोनावायरस के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब इससे निपटने के लिए सबसे कारगर तरीका है ज्यादा से ज्यादा जांच करना और उनकी रिपोर्ट जल्द से जल्द मिलना। इसके लिए आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में लैब स्टार्ट की गई है। ताकि कोरोनावायरस के सैंपल्स की जांच आगरा में ही हो सके। रिपोर्ट जल्दी मिल सके। इसकी जिम्मेदारी एसएन के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड डॉ। आरती अग्रवाल के कंधों पर है। वे लगातार अपने यहां पर 45 सैंपल्स की जांच करा रही हैं। इस संख्या को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही हैं। वे जल्द ही इसमें कामयाब भी हो जाएंगी। वे भी कोरोनावायरस से जंग में महत्वपूर्ण भूमिका में हैं।

कोरोना को हराना ही टारगेट

डॉ। योगेंद्र शर्मा जिला अस्पताल में कोरोनावायरस की सैंप¨लग के डिप्टी नोडल अधिकारी हैं। वे डेली सुबह सात बजे ही जिला अस्पताल पहुंच जाते हैं। उनके पास हर पेशेंट का रिकॉर्ड रखने से लेकर सैंप¨लग तक की जिम्मेदारी है। वे इन दिनों अपने घर पर जाकर एक अलग कमरे में क्वॉरंटीन हो जाते हैं। अपनी फैमिली से दूर रहते हैं। वे दिनभर 150 से ज्यादा कोरोना सस्पेक्ट्स के संपर्क में आते हैं। इनमें से ही कुछ लोग कोरोना पॉजिटिव भी होते हैं। इस वक्त उनके लिए कोरोना को हराना सबसे पहला लक्ष्य हैं। जिसमें वे अपनी पूरी टीम के साथ लगे हुए हैं।

बच्चे की तबियत खराब, फिर भी आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी

योगेंद्र शर्मा एसएन मेडिकल कॉलेज में फार्मासिस्ट हैं। वे इन दिनों आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी दे रहे हैं। जहां पर कोरोना पॉजिटिव लगभग 45 पेशेंट्स का इलाज चल रहा है। वे दिन के 12 घंटे आइसोलेशन वार्ड में ही बिता रहे हैं। ड्यूटी के बाद वे गेस्ट हाउस में ही क्वॉरंटीन हो जाते हैं। इस वक्त वे अपनों से दूर है। उनसे केवल फोन पर ही बात करते हैं। उनकी ड्यूटी का रोस्टर दो दिन बाद पूरा हो जाएगा। इसके बाद उन्हें 14 दिनों तक और होटल में क्वॉरंटीन होना होगा। इस बीच वे अपने फैमिली मेंबर्स का भी ध्यान नहीं रख पा रहे हैं। उनके बच्चे की तबियत खराब हुई तो वे उसके पास नहीं थे। बल्कि आइसोलेशन वार्ड में अपनी सेवा दे रहे थे। योगेंद्र शर्मा कहते हैं कि उनका धर्म ही अपने पेशेंट्स की सेवा कर उन्हें ठीक करना है।