आगरा(ब्यूरो) खेरा राठौर थाने के गांव चित्तरपुरा में गुरुवार को मेड़ से पाइप हटाने को लेकर हुए विवाद में चचेरे भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारोपी परिवार समेत फरार हो गए। एसएसपी सुधीर कुमार ङ्क्षसह समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए। गांव में तनाव को देखते हुए फोर्स तैनात किया गया है।


पहले भी कई बार हुआ टकराव
गांव चित्तरपुरा निवासी गंगा ङ्क्षसह और दिनेश ङ्क्षसह पक्ष में खेतों से होकर निकाली जाने वाली चक रोड को लेकर विवाद चल रहा है। दोनों के बीच कई बार टकराव भी हो चुका था। गुरुवार दोपहर 12 बजे गंगा ङ्क्षसह पक्ष का कल्लू ङ्क्षसह खेतों में पानी लगाने गया। उसने पाइप दिनेश ङ्क्षसह के खेत की मेड़ पर डाल दिया। इसी दौरान वहां दिनेश ङ्क्षसह अपने चचेरे भाई महेश ङ्क्षसह के साथ पहुंच गया। दोनों भाइयों ने कल्लू से पाइप हटाने को कहा। जिस पर कल्लू ङ्क्षसह से विवाद होने लगा।

सीने लगी गोली
कल्लू ङ्क्षसह पक्ष के लोगों ने दिनेश और महेश के साथ मारपीट व गाली-गलौज करने के बाद ताबड़तोड़ फायङ्क्षरग कर दी। दिनेश (40 वर्ष) और महेश (38 वर्ष) सीने में गोली लगने पर खून से लथपथ होकर गिर पड़े। परिजन दोनों को बाह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, यहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी पक्ष के लोग परिवार समेत गांव से फरार हो गए। एसएसपी समेत अन्य अधिकारी व सर्किल का फोर्स मौके पर पहुंच गया।



आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई गई हैं।
सुधीर कुमार सिंह, एसएसपी

तहसील की टीम ने कई बार किया निरीक्षण
खेरा राठौर के चित्तरपुरा गांव में दोहरा हत्याकांड तहसील कर्मियों की लापरवाही के चलते हुआ। दोनों पक्ष एक-दूसरे के खेत में चक रोड होने का दावा कर रहे थे। तहसील की टीम कई बार मौके पर गई पर समय रहते कोई निर्णय नहीं कर सकी। जिसके चलते दोनों पक्ष के बीच रंजिश का रंग गहरा होता गया। ग्रामीणों का कहना था कि तहसील कर्मियों ने यदि समय रहते विवाद को सुलझा दिया होता तो चचेरे भाइयों की हत्या नहीं होती। दोनों पक्ष के खेतों से करीब डेढ़ मीटर चक रोड निकाली जानी थी। गांव के लोगों के अनुसार चचेरे भाइयों दिनेश ङ्क्षसह व महेश ङ्क्षसह ने चक रोड को पूरब दिशा में कर दिया था। जबकि गंगा ङ्क्षसह पक्ष चाहता था कि चक रोड उत्तर दिशा में हो। जिसे लेकर दोनों के बीच रंजिश के बीज पड़ गए। विवाद बाह तहसील तक भी पहुंचा। ग्रामीणों के अनुसार तहसील की टीम कई बार मौके पर आई। मगर, हर बार वह एक पक्ष का तर्क सुनकर लौट जाती। लगभग चार महीने पहले उसने चक रोड को पूर्व स्थिति में रखने का फैसला किया।