- कोरोना के गंभीर प्रभाव के कारण निगेटिव होने के बाद भी उपचार की जरूरत

- कोविड वार्ड में 30 और पोस्ट कोविड वार्ड में 100 मरीज एडमिट

आगरा। कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक है। वायरस के म्यूटेशन के बाद अब इसके लक्षण से लेकर असर तक सब बदल गये हैं। पहले जहां कोरोना वार्ड मरीज ठीक होकर सीधे घर जाते थे। अब कोरोना वार्ड से मरीज पोस्ट कोविड वार्ड में पहुंचते हैं। इसके बाद वहां पर लंबा इलाज लेने के बाद वे स्वस्थ होने की ओर बढ़ते हैं। यही कारण है कि कोरोना की लहर कमजोर पड़ने के बाद अब कोविड वार्ड में केवल 30 मरीज हैं तो पोस्ट कोविड वार्ड में 100 मरीज एडमिट हैं।

ज्यादा गंभीर असर छोड़ रहा कोरोना

कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन ज्यादा घातक और गंभीर साबित हो रहा है। पिछली वेव में केवल को-मॉíबडिटीज वाले मरीजों के लिए कोरोना घातक साबित होता था। लेकिन अब हर एज के लोगों में कोरोना का संक्रमण बुरा असर छोड़ रहा है। सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज में बने कोविड वार्ड के प्रभारी डॉ। प्रशांत गुप्ता ने बताया कि कोरोना का असर कोरोना के जाने के बाद भी रह रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार कोरोना का संक्रमण तीन से पांच दिन में लंग्स को प्रभावित कर रहा है। जिन मरीजों के लंग्स प्रभावित हो जाते हैं उन्हें लंबे समय तक ट्रीटमेंट की आवश्यकता पड़ रही है। कई मरीजों को ऑक्सीजन व बाइपैप के सपोर्ट पर पोस्ट कोविड वार्ड में इलाज दिया जा रहा है।

छोड़ रहा फाइब्रोसिस

डॉ। गुप्ता ने बताया कि कोरोना का संक्रमण सात दिन बाद तक लंग्स में काफी इंफेक्शन छोड़ रहा है। जो कोविड निगेटिव होने के बाद भी मरीजों को परेशान कर रहा है। इसमें मरीज के फेंफड़े डेमेज हो जाते हैं। इस कारण उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ती है। इसमें मरीजों का कोविड से ठीक होने के बाद भी लगभग 15 से 20 तक इलाज चल रहा है। जिन मरीजों के लंग्स ज्यादा प्रभावित गए हैं, उनका इलाज तो काफी लंबा चल रहा है। उन्होंने बताया कि कोविड जाने के बाद फाइब्रोसिस छोड़ रहा है, जिसे ठीक होने में एक से तीन महीने तक का समय लग रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ केसेज में ऐसा भी देखने को मिल रहा है कि कोविड से ठीक होने के एक महीने बाद भी मरीजों की डेथ हो रही है।

कोरोना की गंभीरता इतनी ज्यादा है कि इस बार ज्यादातर मरीजों को कोविड निगेटिव होने के बाद कोविड वार्ड से पोस्ट कोविड वार्ड में शिफ्ट करना पड़ रहा है। उनके लंग्स इतने ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं कि पोस्ट कोविड वार्ड में भी उनका लंबा इलाज चल रहा है।

-डॉ। प्रशांत गुप्ता, नोडल कोविड हॉस्पिटल, एसएनएमसी