आगरा (ब्यूरो) ताजनगरी में ताजमहल के अलावा यहां का पेठा भी फेमस है। यहां जो भी बाहर से आता है पेठा जरूर ले जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि पेठा फल को पेठा मिठाई बनाने में 40 परसेंट वेस्ट प्रोड्यूस होता है। इससे आगरा में रोजाना 17800 किलोग्राम पेठे का कचरा पैदा होता है। इस कचरे का ठीक से निस्तारण नहीं हो पाता है। ज्यादातर कचरा नालियों में बहा दिया जाता है। इससे डायरिया, मलेरिया, डेंगू जैसी घातक बीमारियों का खतरा है। ये खुलासा हाल ही में जारी हुई सेंटर फॉर एनवॉयरमेंट की रिपोर्ट में हुआ है।

आगरा में 130 इकाइयां बनाती है पेठा

सीएसई की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में आगरा में तीन जोन में 130 पेठा उत्पादन इकाइयां हैैं। सबसे ज्यादा छत्ता क्षेत्र में 90, लोहामंडी क्षेत्र में 25 और ताजगंज क्षेत्र में 15 पेठा उत्पादन इकाइयां हैैं। इसमें बताया गया है कि छत्ता क्षेत्र में 28650 किलोग्राम पेठा उत्पादित होता है और इससे 11362.5 किलोग्राम वेस्ट निकलता है। लोहामंडी क्षेत्र में 11500 किलोग्राम पेठा तैयार होता है और 4750 किलोग्राम वेस्ट निकलता है। ताजगंज क्षेत्र में रोजाना 4500 किलोग्राम पेठा बनता है और 1687.5 किलोग्राम वेस्ट निकलता है।

निस्तारण की कमजोर व्यवस्था
सीएसई की रिपोर्ट के अनुसार 54 परसेंट पेठा व्यापारियों ने बताया कि वे अपना वेस्ट मवेशियों में भेज देते हैैं। 5 परसेंट पेठा उत्पादन करने वाले लोगों ने बताया कि वे रेग्यूलर बेसिस पर पैसा देकर अपने कचरे को निस्तारित करने के लिए भेजते हैैं। नूरी गेट के 3 परसेंट पेठा उत्पादित करने वाले व्यापारियों ने बताया कि उनका पेठे का वेस्ट नगर निगम की टीम ले जाती हैैं। इसके बदले वे एक हजार से 1500 रुपए तक देते हैैं। 38 परसेंट पेठा उत्पादन करने वाले व्यापारियों का कहना है कि वे अपने वाहन से पास के डलावघरों में कचरा डालने जाते हैैं। सीएसई की रिपोर्ट में कहा गया है कि ककरैैंठा, लोहामंडी क्षेत्र में 5 परसेंट पेठा बनाने वाले लोगों के पास पेठे के कचरे को निस्तारित करने का कोई उपाय नहीं है।

8 परसेंट कचरे को नगर निगम करता है निस्तारित
रिपोर्ट में कहा गया है कि नगर निगम द्वारा जनपद में रोजाना उत्पादित होने वाले पेठे के कचरे का 8 प्रतिशत रोजाना गाडिय़ों से उठाया जाता है और कुबेरपुल डंपसाइट पर निस्तारित किया जाता है।

नाले में बह रहा कचरा
दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की टीम ने पेठे के कचरे के निस्तारण की स्थिति को देखने के लिए नूरी गेट के आसपास के क्षेत्र में जाकर देखा। यहां पर नालियों में पेठे के कचरे को बहाया जा रहा था। कुछ जानवर इस कचरे को खा रहे थे, बाकी का कचरा नाले में बह रहा था। नाले के आसपास रहने वाले क्षेत्रवासियों से बात की तो श्याम ने बताया कि पेठे के कचरे के कारण यहां पर मक्खियां और मच्छर पैदा होते हैैं। यहां पर पेठे के कचरे की बदबू भी आती है। हालत काफी खराब है। राहुल ने बताया कि यहां पर काफी गंदगी रहती है। इसके कारण बच्चे जल्दी-जल्दी बीमार होते हैैं। इसका सही तरह से निस्तारण होना चाहिए।

आगरा में पेठा उत्पादन और उससे निकलने वाले वेस्ट की स्थिति
छत्ता जोन
28650 किग्रा। पेठा उत्पादन
11362.5 किग्रा। वेस्ट
लोहामंडी जोन
11500 पेठा उत्पादन
4750 किग्रा। वेस्ट
ताजगंज जोन
4500 पेठा उत्पादन
1687.5 किग्रा। वेस्ट

आगरा में पेठा इकाइयां
छत्ता जोन- 70
तेलीपाड़ा- 20
राजामंडी- 14
उखर्रा- 10
मधुनगर- 5
सीतानगर- 5
कालिंदी विहार- 1
महर्षिनगर-5

पेठे के कचरे के कारण यहां पर मक्खियां और मच्छर पैदा होते हैैं। यहां पर पेठे के कचरे की बदबू भी आती है। हालत काफी खराब है।
-श्याम, नूरी गेट, क्षेत्रीय निवासी

यहां पर काफी गंदगी रहती है। इसके कारण बच्चे जल्दी-जल्दी बीमार होते हैैं। इसका सही तरह से निस्तारण होना चाहिए।
-राहुल, चित्रा टाकीज,क्षेत्रीय निवासी

हमारे यहां से पेठे का जितना भी वेस्ट निकलता है। नगर निगम की गाड़ी आती है और उसे ले जाती है।
-विष्णु, पेठा व्यापारी

पेठा से निकलने वाले वेस्ट का निस्तारण डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन से संभव है। इसके लिए पेठा व्यापारी पे करें तो इससे इसका समाधान हो सकता है।
-रवि माथुर, पार्षद, वार्ड 99