- 6 हजार से 40 हजार रुपए तक वसूल रहे इंजेक्शन की कीमत

-प्रशासन की सख्ती के बाद भी चोरी छुपे हो रही कालाबाजारी

आगरा। कोरोना संक्रमितों की जान बचाने के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन संजीवनी की तरह उपयोग में लिए जा रहा है। जिसके चलते इस इंजेक्शन की कालाबाजारी धड़ल्ले से की जारी है। इस इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में पुलिस ने हाल ही में सिकंदरा क्षेत्र से दो लोगों को गिरफ्तार किया। जिला प्रशासन द्वारा कालाबाजारी को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी चोरी छुपे मुनाफाखोर इस इंजेक्शन को मनमाने दामों पर बेच रहे हैं। दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट टीम ने भी रेमडेसिवीर इंजेक्शन को लेकर पड़ताल की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। मनमाने दामों पर एजेंट 50 रेमडेसिवीर इंजेक्शन मुहैया कराने पर राजी हो गया।

तीन तरह का खेल

रेमडेसिवीर इंजेक्शन में पूरा खेल तीन तरह से किया जा रहा है। इसमें संक्रमितों के लिए मंगवाए गए इंजेक्शन में से कुछ इंजेक्शन बचाकर उन्हें बाजार में एजेंट के जरिए बेचा जा रहा है। इसके लिए इंजेक्शन इस तरह जुटाए जाते हैं।

1. एक संक्रमित व्यक्ति को पांच से छह इंजेक्शन लगाए जाते हैं, लेकिन हॉस्पिटल्स में काम करने वाला स्टाफ उनमें से एक या दो इंजेक्शन खुद के पास रख लेते हैं।

2. सौदेबाज हॉस्पिटल्स में संक्रमितों को लगाए रेमडेसिवीर इंजेक्शन की खाली शीशियां खरीद लेते हैं। जिनमें पैरासिटामोल या अन्य मिलती-जुलती दवाइयों को पीसकर चूरा बनाकर फिर से रेमडेसिवीर इंजेक्शन की खाली शीशियों में भर देते हैं। जिन्हें वह बाजार में 45 हजार रुपए तक बेच देते हैं।

3. रेमडेसिवीर इंजेक्शन की शीशी पर लगा स्टीकर उतारकर दूसरी दवाई की शीशी पर चस्पाकर उसे बेच देते हैं।

आरोपी महिला के साथी फरार

रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी का काम चोरी छुपे चल रहा है। इस मामले में पुलिस ने हरीपर्वत क्षेत्र से 12 मई को एक महिला को इंजेक्शन की सौदेबाजी करते गिरफ्तार किया, लेकिन उसके साथी जो खरीद फरोख्त में सहयोग करते थे वो अभी तक फरार हैं। महिला के कब्जे से इंजेक्शन बरामद किए गए थे। पकड़ी गई महिला को जेल भेज दिया गया, पूछताछ पर कई अन्य नाम भी पुलिस के सामने आए जो महिला का सहयोग करते थे, उनकी तलाश जारी है।

एजेंट से फोन पर बातचीत

रिपोर्टर: 50 रेमडेसिवीर इंजेक्शन मिल जाएंगे। हॉस्पिटल के लिए चाहिए।

एजेंट: मेरा नंबर कहां से मिला आपको?

रिपोर्टर: सोशल मीडिया पर वायरल है।

एजेंट: ठीक है मिल जाएगा, रेट कुछ अधिक रहेंगे।

रिपोर्टर: कोई बात नहीं। मरीजों को देने हैं।

एजेंट: अभी मेरे पास पांच ही हैं, अधिक नहीं है।

रिपोर्टर: नहीं मुझे 50 चाहिए।

एजेंट: कुछ दिन तक वेट करना होगा, अभी पांच ले लो।

रिपोर्टर: नहीं मुझे बड़ी संख्या में ही चाहिए।

एजेंट: ठीक है फिर आपको नोएडा आना होगा।

रिपोर्टर: कहां पर नोएडा में आना होगा।

एजेंट: ये सब बताया जाएगा, मैं एक मेडिकल कंपनी से ही हूं।

रिपोर्टर: ठीक है में वेट करता हूं।

वर्जन

रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में पुलिस ने एक महिला सहित दो लोगों को जेल भेजा है। इनसे पूछताछ में जानकारी मिली थी। उनकी भी जानकारी की जा रही है। पुलिस ऐसे लोगों पर निगरानी रखने का कार्य कर रही है, जो मरीजों के साथ हॉस्पिटल्स में इंजेक्शन की सौदेबाजी कर रहे हैं।

बोत्रे रोहन प्रमोद, एसपी सिटी

वर्जन

निजी और सरकारी अस्पतालों को आवश्यकता के अनुसार रेमडेसिवीर इंजेक्शन की सप्लाई हो रही है। जिनका रिकार्ड रखा जा रहा था। जिस तरह कालाबाजारी करने वाले सक्रिय हैं, मरीजों को आसानी से इंजेक्शन मुहैया कराए जा रहे हैं। हॉस्पिटल्स को इसकी लिस्ट भेजी जाती है।

डॉ। प्रभाकांत अवस्थी, एडीएम सिटी

अब तक पुलिस कार्रवाई

12 मई: हरीपर्वत क्षेत्र से एक महिला को सौदेबाजी में भेजा पुलिस ने जेल।

18 अप्रैल: सिकंदरा थाना क्षेत्र के शास्त्रीरपुरम में दो युवकों को भेजा जेल।