आगरा(ब्यूरो)। इस अवसर पर ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी के डॉ। संदीप त्रिपाठी ने कहा कि वित्तीय संसाधनों तक पहुंच का आखिरी चरण डिजिटलाइजेशन ही है। भारत दुनिया के सामने इस प्रेसिडेंसी के माध्यम से मानव केंद्र समावेशी ब्लूप्रिंट रखेगा। इससे वैश्विक समस्याओं का हल निकालना आसान होगा।

अब वह 100 परसेंट हो गया है
शासन की ओर से नामित जी-20 एंबेसडर और यूनिवर्सिटी में प्रेसिडेंसी कार्यक्रमों के नोडल लवकुश मिश्रा ने प्रतियोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डिजिटल भुगतान से जहां पहले सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को 15 से 20 परसेंट ही भुगतान पहुंचता था। अब वह 100 परसेंट हो गया है। इससे लाभार्थियों की क्रय शक्ति में इजाफा हुआ है और भारत की अर्थव्यवस्था में भी वृद्धि हो रही है।

जी-20 के देशों के लिए यह महत्वपूर्ण है
प्रतियोगिता संयोजक एवं संस्थान के डायरेक्टर डॉ। मनोज कुमार सिंह ने कहा कि जी-20 के देशों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह अपने सदस्यों को वित्तीय समावेश के लिए डिजिटल दृष्टिकोण का समर्थन करने का अनुरोध करें। प्रतियोगिता की अध्यक्षता डीन, कला संकाय प्रो। यूसी शर्मा ने की। संचालन नम्रता तोमर ने किया। निर्णायक मंडल में डॉ। अनुराग पालीवाल डॉ आभा सिंह रहे। प्रतियोगिता के अंत में संस्थान के डॉ आयुष मंगल ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सेंट जोंस कॉलेज की एमए की स्टूडेंट शिवांगी गोस्वामी, दूसरा स्थान राजनीतिक शास्त्र के शोधार्थी आयुष कुमार शुक्ला और तीसरा स्थान पर राजनीति शास्त्र के शोधार्थी प्रेमकुमार रहे। प्रतियोगिता में डॉ.वर्षा गोयल, डॉ.प्रमोद कुमार, संजय शर्मा, अवनीश दुबे, गौरव गुप्ता का विशेष सहयोग रहा।