आगरा: कोरोना काल में घर की बगिया सजाने का शौक महंगा साबित हो रहा है। पिछले एक साल में पौधों की कीमतों में 25 फीसद तक का इजाफा हुआ है। इसके पीछे नर्सरी संचालक डीजल की बढ़ती कीमतों से ट्रांसपोर्ट का किराया बढ़ने का कारण बता रहे हैं.शहर में एक हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी नर्सरियां हैं। ट्रांस यमुना इलाके को नर्सरियों का गढ़ कहा जाता है। कोरोना काल में औषधीय गुणों वाले पौधे से लेकर आक्सीजन ज्यादा देने वाले इंडोर प्लांट्स की भी मांग बढ़ी। आगरा में पौधे दिल्ली, पुणे, बेंगलुरु, कोलकाता से आते हैं। पश्चिमपुरी स्थित नर्सरी के संचालक मुश्ताक ने बताया कि कीमत बढ़ने से लोग अब कम पौधे खरीद रहे हैं।
कीमतों में अंतर
अश्वगंधा पहले 50,अब 80 रुपये
शंखपुष्पी पहले 30 , अब 50 रुपये
गुलमोहर पहले 50, अब 70 रुपये
पीस लिली पहले 150, अब 225 रुपये
आम पहले 60 ,120 रुपये
टमाटर पहले 20,अब 40 रुपए
तुलसी पहले 10, अब 30 रुपये
बैंबू पहले 150, अब 200 रुपये
एरिका पाम पहले 50 में मिलता था अब 80 रुपये
डीजल की बढ़ती कीमतों से किराया 30 से 40 फीसद तक बढ़ा दिया गया है। इसीलिए पौधों की कीमतें बढ़ गई हैं।
सुनील कुमार, नर्सरी संचालक, पालीवाल पार्क
पिछले साल मैंने अपने घर में क्राटन, पाम, पीस लिली आदि पौधे लगाए थे, जिनकी कीमत 100 से 150 रुपये तक थी। इस साल यही पौधे 175 से 225 रुपये के बीच में हो गए हैं।
रितु गोयल, बल्केश्वर