- युवतियों के नाम से बनाए थे प्रोफाइल, लैपटॉप से मिली पुलिस को जानकारी

- फेसबुक पर दोस्ती कर लोगों से करते थे ठगी, कई लोग फंसा रखे थे जाल में

आगरा। फर्जी वेबसाइट और फर्जी फेसबुक आइडी बनानकर लोगों से ठगी करने वाले नाइजीरियन हैकर्स पर साइबर सेल ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। नाइजीरियन हैकर्स ने फेसबुक पर युवतियों के नाम से फेसबुक पर प्रोफाइल बना रखे थे। कई लोगों को दोस्ती के जाल में फंसाकर ठगी कर चुके थे। कई अभी जाल में फंसे थे। रेंज साइबर सेल की टीम को हैकर के लैपटॉप की जांच के बाद इन फेसबुक प्रोफाइल की जानकारी हुई। इसके बाद करीब दो दर्जन प्रोफाइल डिलीट कराए हैं। बता दें कि बीते अगस्त माह में ही आगरा रेंज साइबर सेल ने नाइजीरियन गैंग के सदस्यों को अरेस्ट किया था। ये लोग फर्जी आईडी बनाकर लोगों के फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे और बैंकों में खाते खुलवाकर लोगों से धोखाधड़ी करते थे।

फर्जी आईडी से करते थे अश्लील चैटिंग

साइबर सेल प्रभारी शैलेष सिंह ने बताया कि हैकर्स किसी भी विदेशी युवती की फोटो फेसबुक से कापी कर लेते थे। उसके बाद किसी अन्य नाम से प्रोफाइल बना लेते थे। कई एनआरआइ युवतियों के नाम से भी प्रोफाइल बना रखे थे। ऐसे युवकों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा करते थे जो देर रात ऑन लाइन रहते हैं। फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने से पहले उन युवकों की जानकारी भी जुटाते थे। ताकि जाल में फंसने के बाद उन्हें ठगा जा सके। देर रात तक उन युवकों से युवती बनकर अश्लील चै¨टग किया करते थे। जब कोई युवक फोन पर बात करने की जिद करता था तो वाइस चेंज सॉफ्टेवयर की मदद से लड़की की आवाज में वाट्सएप पर बातचीत भी करते थे। इस तरह उन्हें जाल में फंसाने के बाद शातिर बहानों से उनसे रकम अपने खातों में जमा करा लेते थे। पिछले दिनों साइबर सेल द्वारा जेल भेजे गए नाइजीरियन गुड्सटाइम संडे के लैपटॉप से पुलिस को ऐसे ही कुछ फेसबुक प्रोफाइल की जानकारी मिली। तब फेसबुक के माध्यम से इन्हें डिलीट कराया गया है। टीम फरार चल रहे नाइजीरियन जॉन स्टेनले, डिक्सन उर्फ स्मॉल व वीटा इनलॉ की तलाश में गुरुग्राम और दिल्ली गई थी। मगर, इनका सुराग नहीं मिला है।

फर्जी दस्तावेज से खुलवाए थे खते

पुलिस ने जब नाइजीरियन गुड्सटाइम संडे को पकड़ा था तो पता चला कि ये गैंग फर्जी दस्तावेजों की मदद से खाते खुलवाते थे। खाते निजी बैंकों में खोले गए थे। पुलिस ने गुड्स टाइम संडे के पास से कई बैंक पासबुक भी बरामद की थीं। इन पासबुक में करोड़ों के लेन-देन की जानकारी है। अब पुलिस इन बैंकों से खातों को होल्ड कराकर पिछले सालों में हुए लेन-देन के बारे में पड़ताल करने में लगी है। एक आरोपी की आईडी पुलिस को मिली थी। इनकी मदद से आरोपी ने खाते खुलवाए थे। गैंग के सरगना सहित अन्य आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है।