आगरा(ब्यूरो)। चर्चा है कि उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी अतीक अहमद और बेटे असद अहमद के करीबी और हत्याकांड को अंजाम देने में शामिल कुछ बदमाशों को आगरा से एसटीएफ ने घेराबंदी कर हिरासत में लिया है। चर्चा के मुताबिक काले रंग की कार में सवार संदिग्धों ने राजस्थान की सीमा से आगरा-जयपुर हाइवे होते हुए जनपद में प्रवेश किया था।

एसटीएफ की टीम गुजरात से ही सभी की घेराबंदी कर आगे बढ़ रही थी। बदमाशों को राजस्थान में शरण नहीं मिली तो उन्होंने आगरा के रास्ते यूपी में प्रवेश की कोशिश की। सुबह करीब साढ़े छह बजे शहर सीमा में प्रवेश से पहले ही आगरा पुलिस की मदद से एसटीएफ ने कोरई टोल प्लाजा के समीप घेराबंदी कर कार को रोक लिया। कार सवार संदिग्धों ने घेराबंदी की जानकारी के साथ ही भागने का प्रयास किया, जिसपर स्थानीय पुलिस और एसटीएफ ने कार को दबोच लिया। चर्चा है कि जब कार की तलाशी ली गई तो कुख्यात शॉर्प शूटर गुड्डू मुस्लिम पुलिस को डिग्गी में बैठा मिला। पूर्वांचल में कुख्यात गोरखपुर निवासी गुड्डू मुस्लिम को जिस समय पुलिस ने कार की डिग्गी ने निकाला, उस समय वह बदहवास था। चर्चा के मुताबिक वो कार की डिग्गी में बैठकर ही गुजरात से आगरा तक पहुंचा था।


फिल्मी स्टाइल में दबोचा
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में शामिल गुड्डू मुस्लिम घटनाक्रम के दौरान मौके पर ही मौजूद था। प्राप्त सीसीटीवी फुटेज में गुड्डू बम फेंकता नजर आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तारी से बचने के लिए कुख्यात ने गुजरात में शरण ली, जहां पुलिस का शिकंजा कसने पर राजस्थान पहुंचा। यहां भी गुड्डू को ठिकाना नहीं मिला तो उसने आगरा के रास्ते यूपी में एंट्री की योजना बनाई। कुख्यात की गतिविधियों पर यूपी पुलिस की गुजरात से नजर थी। 3 गाडियों में सवार होकर एसटीएफ की टीम लगातार पीछा कर रही थी। वहीं, फतेहपुर सीकरी से लेकर राजस्थान बॉर्डर तक एसटीएफ की टीमें दौड़ती रहीं। घटनाक्रम सोमवार सुबह 6:30 बजे का है। पुलिस ने टोल पर राजस्थान की ओर से आने वाले वाहनों को रोकने के लिए ट्रक और क्रेन को खड़ा कर जाम लगा दिया, जिससे संदिग्ध फरार न हो सकें। जैसे ही काले रंग की क्रेटा कार टोल पार करने के लिए पहुंची, वैसे ही पहले से मुस्तैद एसटीएफ की टीम ने कार को घेर लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक फिल्मी स्टाइल में एसटीएफ के जवानों अपने हथियार बाहर निकाल लिए, गाड़ी में सवार लोगों को सरेंडर करने के लिए कहा। एसटीएफ टीम ने शीशा तोड़कर युवकों पर पिस्टल तान दी। एक युवक ने भागने की कोशिश की तो उसे दबोच लिया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि दो फायर भी हुए थे। मगर, किसी को गोली लगने की जानकारी नहीं है। चर्चा है कि कुख्यात गुड्डू मुस्लिम पुलिस को कार की डिग्गी में बैठा मिला। चारों युवकों को अपनी गाड़ी में डालकर एसटीएफ की टीम वहां से पूछताछ के लिए आगरा ले आई। घटनाक्रम के संबंध में एसटीएफ के अधिकारी बस इतना कह रहे हैं कि बाहर से टीम आई थी। डीसीपी पश्चिमी जोन सोनम कुमार का कहना है कि उन्हें किसी के पकड़े जाने की जानकारी नहीं है।


कोरई टोल पर मची अफरा-तफरी
आगरा-जयपुर रोड पर अचानक बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स को देख आमजन और वाहन चालक कुछ समझ नहीं पाए। रोड से गुजरने वाले लोग पुलिस की सरगर्मी देखकर दहशत में आ गए। जाम में फंसे वाहन चालक एकदूसरे से किसी बदमाश को पकडऩे या किसी बड़े ऑपरेशन के संबंध में चर्चा कर रहे थे। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलिस ने पूरा ऑपरेशन बेहद चौकसी और सावधानी के साथ अंजाम दिया। करीब 45 मिनट तक टोल पर अफरा-तफरी का माहौल रहा।
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बमबाज गुड्डू मुस्लिम का गोरखपुर कनेक्शन, नेपाल तक पैठ
आगरा/गोरखपुर: प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के परिवार के साथ ही बमबाज गुड्डू मुस्लिम का नाम खूब चर्चा में है। उमेश पाल हत्याकांड के दौरान यह बदमाश बमबाजी करता नजर आ रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक गुड्डू 2001 में गोरखपुर जेल में भी बंद था। कोतवाली एरिया के एक व्यापारी को मारने की सुपारी गुड्डू ने ली थी, जिसे अंजाम देने वो गोरखपुर आया था। लेकिन उसे पुलिस ने पहले ही दबोच लिया था। दाउद गैंग और आईएसआई एजेंट के संपर्क में रहने वाले कुख्यात बदमाश परवेज टाडा के साथ उसने करीब डेढ़ से दो साल तक गोरखपुर में जेल काटी थी।


परवेज के लिए बनाता था बम
गोरखपुर में 90 के दशक में विजय चौक स्थित मेनका टॉकीज में कुख्यात बदमाश परवेज टाडा ने बम ब्लास्ट कराया था। ये बताया जा रहा है कि इसमे भी परवेज के लिए बम गुड्डू मुस्लिम ने ही मुहैया कराया था। यही नहीं गुड्डू मुस्लिम ने परवेज के इशारे पर कई घटनाओं को अंजाम दिया था। बताया जा रहा है कि परवेज की वजह से ही गुड्डू मुस्लिम की नेपाल बॉर्डर पर भी अच्छी पैठ हो गई थी। घटना को अंजाम देने के बाद गुड्डू नेपाल निकल जाता था। गोरखपुर में कई घटनाओं में वांछित परवेज टांडा ने डॉन दाउद के बल पर नेपाल में अच्छी साख जमा ली थी। बताया जाता है कि उसे दाउद का राइट हैंड भी कहा जाने लगा था। दाउद के संपर्क में आने के बाद परवेज आईएसआई के टच में आकर जाली नोटों का कारोबार करने लगा था। सूत्रों के मुताबिक गुजरात और राजस्थान में पनाह न मिलने पर गुड्डू मुस्लिम यूपी के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में था।
परवेज की मौत गुड्डू को अतीक के नजदीक लाई
गोरखपुर से फरार अपराधी परवेज टांडा ने नेपाल में जाली नोटों के कारोबार से खूब पैसा कमाया। अब वो नेपाल में इलेक्शन लडऩे की तैयारी कर रहा था। इसी बीच 25 दिसंबर 2009 को नेपाल में परवेज की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद गुड्डू मुस्लिम ने प्रयागराज की ओर रुख किया। वहां पर अतीक अहमद के संपर्क में आया। गोरखपुर एसटीएफ ने एक बार गुड्डू मुस्लिम को अरेस्ट किया था। तब अतीक अहमद ने ही पैरवी कर उसे जेल से बाहर निकाला था।


श्रीप्रकाश शुक्ला का शागिर्द था गुड्डू
90 के दशक में सबसे कुख्यात अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ भी गुड्डू मुस्लिम रह चुका है। श्रीप्रकाश के एनकाउंटर के बाद गुड्डू ने परवेज टांडा और अतीक अहमद का साथ पकड़ लिया। गुड्डू के बारे में यहां तक कहा जा रहा है कि वह बाइक पर चलते हुए भी बम बांध कर उसे टारगेट पर फेंक सकता है। बताया जा रहा है कि साल 2001 में गोरखपुर जेल के दो नंबर बैरक में वो रहता था। इस बैरक को कच्ची बैरक कही जाती थी। उस समय परवेज टांडा के साथ गुड्डू मुस्लिम और गोरखपुर के कई कुख्यात बदमाश भी बंद थे।