AGRA (8 Aug.): थाना न्यू आगरा के भगवान टॉकीज स्थित एक हॉस्पीटल में उस दौरान हंगामा हो गया, जब एडमिट बेटी को परिजनों ने मृत समझ लिया, जबकि अस्पताल प्रशासन ने बेटी को जिंदा बताया। हंगामे पर थाना पुलिस पहुंच गई। मां व दादा को थाने भेज दिया गया। हॉस्पिटल स्टाफ का कहना था कि बेटी जिंदा है। चिकित्सक ने एक विधायक पर धमकी देने का आरोप लगाया है।

ब्रेन फीवर से पीडि़त थी बेटी

सासनी निवासी लाल सिंह की 12 वर्षीय बेटी श्वेता ब्रेन फीवर के चलते गंभीर रूप से बीमार हो गई थी। परिजनों ने उसे पहले सासनी में एडमिट कराया। यहां से डॉक्टर ने हाथरस रेफर किया। हाथरस के चिकित्सकों ने भी आगरा रेफर कर दिया। आगरा में बेटी को भगवान टॉकीज स्थित हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। यहां पर हॉस्पिटल का बिल अधिक था।

वेंटीलेटर पर लिया डॉक्टरों ने

बेटी की हालत इतनी खराब थी कि उसे वेंटीलेटर पर रखा गया। तीन दिन पहले उसे मशीन से हटा दिया। इस पर परिजनों को लगा कि बेटी अब ठीक है। इस पर परिजनों ने उसे डिस्चार्ज कराने की बात कही। इसी दौरान बेटी की तबियत दोबारा खराब हो गई। फिर से उसे आईसीयू में एडमिट कर दिया। परिजनों ने डिस्चार्ज कराने की बात कही तो डॉक्टरों ने दो दिन का समय और मांगा।

रुपये मांगने का आरोप

बीमार बेटी की मां कुसुम का कहना था कि उनका करीब एक लाख रुपया बेटी के इलाज में खर्च हो चुका है। अब डॉक्टरों ने 50 हजार की और डिमांड कर दी। उसने फिर भी

रुपये देने की तैयारी कर ली। वह मात्र

अपनी बेटी को आईसीयू में देखना चाहती थी। बेटी की मां का आरोप है कि जब उसने बेटी को कांच के दरवाजे से देखा तो वह अचेतावस्था में पड़ी थी। उसको लगा कि बेटी की मौत हो गई है। उसने अंदर घुसने का प्रयास किया तो हॉस्पिटल स्टाफ ने धक्का देकर उन्हें बाहर निकाल दिया। उस दौरान बेटी की मां व बेटी के दादा मदन लाल मौजूद थे। अस्पताल स्टाफ की इस हरकत पर परिजनों ने हंगामा कर दिया।

पुलिस ने किया मामला शांत

मौके पर पहुंची पुलिस ने मां व दादा को पकड़कर थाने पहुंचा दिया। अन्य परिजन भी पहुंच गए। पुलिस ने आईसीयू में जाकर जांच की तो बेटी जिंदा थी। हॉस्पिटल प्रबंधतंत्र का कहना था कि फीस को लेकर हंगामा किया था, जबकि परिजनों का कहना था कि वह बेटी को डिस्चार्ज नहीं कर रहे थे।

दोनों पक्ष में समझौता

उस दौरान डॉक्टर ने एक विधायक पर इस मामले को लेकर धमकी देने का आरोप लगाया था, लेकिन विधायक वहां पर नहीं आए। इधर बीमार बेटी के परिजन घबराए हुए थे। थाना प्रभारी न्यू आगरा धर्मेद्र सिंह के मुताबिक दोनों पक्ष में से किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। दोनों का समझौता हो गया है। परिजन बेटी को डिस्चार्ज करा कर राम बाग स्थित हॉस्पिटल में ले गए हैं।