- जिला अस्पताल की ओपीडी में पहले दिन 520 मरीजों को दिया गया परामर्श

- मरीजों की संख्या बढ़ने पर दंत रोग, चर्म रोग की ओपीडी भी खोली गई

आगरा: जिला अस्पताल की ओपीडी में शुक्रवार को पहले दिन कई मरीजों को परामर्श के बिना लौटना पड़ा। मरीजों की लंबी लाइन लगने पर बुखार, सर्जरी के साथ ही मेडिसिन, चर्म रोग, दंत रोग, नेत्र रोग की ओपीडी शुरू करानी पड़ी। ओपीडी में 520 मरीजों को परामर्श दिया गया।

सुबह आठ बजे से शुरू हुई ओपीडी

सुबह आठ बजे ओपीडी खुल गई। फ्लू और सर्जरी के लिए ओपीडी नंबर 20 और 43 खोले गए। काउंटर पर बुखार और सर्जरी के मरीजों के ही पर्चे बनाए गए। इससे चर्म रोग, दंत रोग, हृदय रोग मरीज लौट गए। 10 बजे के बाद मरीजों की संख्या बढ़ गई। फ्लू ओपीडी का पर्चा लेकर मरीज मेडिसिन ओपीडी के बाहर लाइन में लग गए। मरीजों की संख्या बढ़ने पर मेडिसिन, चर्म रोग, दंत रोग, नेत्र रोग की ओपीडी भी खोल दी गई। प्रमुख अधीक्षक डॉ। अशोक अग्रवाल ने बताया कि 10 बजे के बाद सभी ओपीडी शुरू करनी पड़ीं। तीन मरीज इमरजेंसी में भर्ती हुए हैं।

एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म

डॉग काटने पर लगाई जाने वाली एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) खत्म हो गई हैं। ऐसे में एआरवी लगवाने आए तमाम मरीजों को लौटना पड़ा। जिला अस्पताल में सामान्य दिनों में 150 से 200 मरीज एआरवी लगवाने आते हैं।

हाथ में चोट लग गई थी। कई घंटे इंतजार के बाद ओपीडी का कमरा खोला गया। इसके बाद परामर्श मिला

योगेश कुमार, छलेसर

डॉक्टर नहीं मिले, ओपीडी बंद थी। बुखार और सर्जरी की ओपीडी खुली थी, इसलिए परामर्श नहीं मिला।

संजना, साईं की तकिया

डॉग ने काट लिया था। सुबह अस्पताल आ गए। एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं लगाई गई।

विनोद कुमार, नगला बूढ़ी

पर्चे का काउंटर खाली था, लेकिन मेडिसिन ओपीडी में लंबी लाइन लगी हुई थी। एक घंटे बाद नंबर आया।

काजल, नगला बूढ़ी