आगरा: कोरोनावायरस के कारण इस बार भी सरकार को लॉकडाउन लगाना पड़ा। इसके चलते एक महीने में पूरा व्यापार ठप हो गया। इसमें कपड़ा व्यापारियों को दोहरी मार झेलनी पड़ी है। उन्हें डबल नुकसान हुआ है। पहला तो वेडिंग सीजन के बाजार पर पानी फिर गया, दूसरा उनका स्टॉक रखा रह गया।
फंस गई पूंजी
शहर के कपड़ा व्यापारियों को इस बार के गर्मी के सहालग से काफी उमीदें थीं। इसके लिए कपड़ा व्यापारियों ने तैयारी भी कर ली थी। वेडिंग सीजन के लिए नया स्टॉक भी मंगा लिया गया था। लेकिन एन वक्त पर लॉकडाउन लग गया। आगरा गारमेंट रिटेलर अस्सोसिएशन के संरक्षक आरके नैय्यर बताते हैं कि इससे रिटेल कपड़ा व्यपारियों को काफी नुकसान हुआ है। उनकी लॉकडाउन के कारण पूंजी फंस गई। पूरा माल पैक ही रखा रह गया।
हर चेंज होता है पैटर्न
नागाजी गारमेंट के ओनर रामनिवास राठौर बताते हैं कि हर साल रेडीमेड गारमेंट की दुनियां में पैटर्न चेंज हो जाते हैं। हर साल नया ट्रेंड आता है और उसी के हिसाब से नये डिजाइंस कस्टमर्स पसंद करते हैं। ऐसे में कपड़ा व्यापारियों का रखा हुआ स्टॉक पूरी तरह से खराब हो जाएगा।
खर्चे बराबर वहन करने पड़ रहे
बच्चूमल संस के अनूप सुराना बताते हैं कि बीते साल से बाजार डिस्टर्ब था। लोगों ने अपनी शादियां आगे बढ़ाई थीं। इस बार जब गर्मी में सहालग का सीजन आया तो सब कुछ नॉर्मल जैसा हो गया था। इस बार जुलाई तक अच्छा सहालग होने के चलते हमें उमीद थी कि वेडिंग सीजन का बाजार काफी अच्छा चलेगा। इसके लिए तैयारियां भी पूरी थी। लेकिन लॉकडाउन लग गया। अब हमें शोरूम का खर्चा भी वहन करना पड़ रहा है। बिजली का बिल, बैंक की ईएमआई, स्टाफ की सैलरी ये सब हम लगातार वहन कर रहे हैं। गवर्नमेंट ने भी रिटेलर्स को कोई मदद नहीं दी। उन्होने कहा कि अब फिर से कुछ शादियां आगे बढ़ेंगी तो हमें उमीद है कि आने वाले टाइम में व्यापार में गति आएगी।
ये साबित हो रही मुश्किलें
लॉकडाउन में दुकान का देना पड़ रहा रेंट
दुकान और गोदाम का बिजली का बिल बढ़ा रहा टेंशन
क्रेडिट पर मंगाए माल का पैसा देने का भी प्रेशर
स्टाफ को हर महीने देनी होती है सैलरी
बैंक लोन का देना पड़ रहा याज
लॉकडाउन के कारण रेडीमेड गारमेंट कारोबारियों का काफी नुकसान हुआ है। एक ओर उनका मंगाया हुआ स्टॉक रखा रह गया, दूसरी ओर लॉकडाउन के कारण व्यापार का नुकसान झेलना पड़ा।
आरके नैयर, संरक्षक, आगरा गारमेंट रिटेलर एसोसिएशन
रेडीमेड गारमेंट व्यापारी के लिए तो कोरोना काफी घातक सबित हुआ। बीते एक साल से कारोबार प्रभावित है, जब हमें उमीद थी कि कारोबार अच्छा होगा, फिर से लॉकडाउन लग गया।
रामनिवास राठौर, नागाजी गारमेंट
लॉकडाउन के कारण व्यापार का नुकसान हुआ, इसके साथ ही खर्चे भी बरकरार हैं। लोन की ईएमआई भी भरनी है। बिजली का बिल, स्टाफ का खर्चा ये सब भी व्यापारियों को वहन करना पड़ रहा है।
अनूप सुराना, बच्चूमल संस