- गोली मारने के बाद उसी जगह चाकू से किए गए वार

- हत्याकर शव को जलाने की फिराक में था डॉ। विवेक

- पुलिस को गुमराह करता रहा, सख्ती पर कुबूला अपराध

आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर योगिता गौतम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ। डॉ। योगिता को गोली मारी गई थी। आरोपी डॉ। विवेक तिवारी पूछताछ में पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन बाद में उसने अपराध स्वीकार करते हुए पूरी घटना के बारे में बताया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर बॉडी से तीन गोलियां मिली हैं। यह तीनों गोली डॉ। योगिता के राइट साइड लगी हैं।

कार में शुरू हुआ झगड़ा

मंगलवार को शाम 6.30 बजे वह अपनी कार से आगरा आ गया। 7.32 बजे उसने योगिता को उसके घर के बाहर से कॉल किया। बारिश हो रही थी। योगिता को कार में बैठाकर वह चल दिया। कार में बैठते ही योगिता से झगड़ा शुरू हो गया। वह कहने लगी कि आज के बाद कभी बात मत करना और न मिलना। तुम मुझे यूज करना चाहते हो। मुझे तुमसे नफरत है। विवेक भी उससे यही बातें दोहरा रहा था। झगड़ा करते-करते वे प्रतापपुरा तक पहुंच चुके थे। इसके बाद माल रोड पर मुड़ गए। बारिश के कारण रोड पर भीड़-भाड़ नहीं थी।

गोली मारने के बाद चाकू से वार

झगड़ा इतना बढ़ा कि विवेक ने उसके गाल पर तमाचा मार दिया। योगिता ने उसके बाल पकड़े तो उसने छुड़ाकर उसे सीट पर गला पकड़कर दबा लिया। कार की गति धीमी करके रिवॉल्वर से उसके सिर में पीछे की ओर गोली मार दी। इसके बाद चाकू से गोली लगने की जगह पर ही वार किए।

शव जलाने की फिराक में था

योगिता की सांसें थमने के बाद उसे लेकर बमरौली कटारा पहुंचा। यहां सुनसान जगह देखकर शव फेंक दिया। लकड़ी रखकर जलाने की तैयारी में था। तब तक सामने से कोई आता दिखा और वह गाड़ी लेकर वहां से निकल गया। फतेहाबाद टोल प्लाजा से रात 8.20 बजे उसकी कार निकली। टोल के आगे ही उसने रोड साइड में रिवॉल्वर फेंक दी।

रास्ते में फेंक दिए कपड़े

यहां से वह सीधा उरई पहुंचा। गाड़ी धुलने के बाद अपने आवास में सो गया। सुबह छह बजे कार लेकर कानपुर निकल गया। उरई से कानपुर के रास्ते में ही उसने अपने खून से सने कपड़े फेंक दिए। कानपुर में वह अपनी कार खड़ी कर दूसरी कार लेकर फिर उरई चला गया। यहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि आरोपित को गिरफ्तार कर उसकी कार बरामद कर ली है। रिवॉल्वर और उसके खून से सने कपड़ों की तलाश की जा रही है।

एक वर्ष सीनियर था विवेक

दिल्ली के शिवपुरी फेस टू की रहने वाली योगिता गौतम और विवेक तिवारी की पहली मुलाकात मुरादाबाद की तीर्थाकर युनिवर्सिटी में हुई थी। 2009 में योगिता ने यहां एमबीबीएस में एडमिशन लिया। उरई और कानपुर के किदवई नगर का रहने वाला विवेक तिवारी एक वर्ष सीनियर था। मुलाकात दोस्ती में बदल गई। दोनों पढ़े-लिखे थे। कॅरियर भी एक दिशा में जा रहा था। दस साल तक दोनों की जिंदगी हसीन रही। डॉ। विवेक ने इन रिश्तों की परत खोलते हुए बताया कि वर्ष 2012 में वह योगिता के साथ वैष्णो देवी भी गया था। तब दिल्ली में आईएसबीटी पर योगिता की मां मिली थीं। दोस्ती पर किसी को कोई आपत्ति नहीं थी। मगर, इससे आगे बढ़ने पर दोनों के परिजन राजी नहीं थे।

अंतिम मुलाकात अंतिम सांस पर खत्म

एमबीबीएस करने के बाद योगिता एसएन मेडिकल कॉलेज से पीजी करने आगरा आ गईं। विवेक फोन पर बात करता था और मिलने भी आता था। 10 वर्ष पुरानी इस दोस्ती में कुछ समय से वैवाहिक जीवन शुरू करने को लेकर खटास पैदा हो गई। फोन पर करीब 15-20 दिन से बात नहीं हो रही थी। मंगलवार को विवेक ने डॉ। योगिता से कहा कि अब ब्रेकअप तो हो ही रहा है। एक अंतिम मुलाकात कर लो बस। योगिता भी तैयार हो गई। यह अंतिम मुलाकात आखिरी सांस पर खत्म हुई।

बमरौली अहीर में मिला था डॉ। योगिता का शव

डॉ। योगिता मंगलवार शाम से लापता थीं। बुधवार को उनके भाई ने उरई में मेडिकल आफिसर डॉ। विवेक तिवारी पर शक जताते हुए पुलिस में शिकायत की थी। बुधवार सुबह ही एक शव बमरौली अहीर में मिला था। पहचान कराई गई तो यह डॉ। योगिता का निकला। योगिता के भाई मोहिंदर कुमार गौतम एमएम गेट थाने में उनके अपहरण का मुकदमा लिखाया। इसके बाद शक की गुंजाइश न रही। पुलिस ने विवेक तिवारी व हत्या में प्रयुक्त कार बरामद कर ली।

सीसीटीवी फुटेज में दिखीं योगिता

डॉ। योगिता गौतम एसएन मेडिकल कॉलेज के पास ही नूरी गेट पर राहुल गोयल के मकान में किराए पर रहती थीं। पुलिस ने नूरी दरवाजे के सीसीटीवी कैमरे चेक किए। इसमें योगिता अपने घर से फोन पर बात करती हुई निकलती दिखीं। आगे खड़ी एक काले रंग की कार में वे बैठकर जाती हुई भी दिखी।

'मैं कहां तक गिर सकता हूं, तुम सोच भी नहीं सकतीं'

'मैं कहां तक गिर सकता हूं, तुम सोच भी नहीं सकतीं.' डॉ। योगिता की मां आशा से डॉ। विवेक तिवारी ने मोबाइल पर बातचीत के दौरान यही कहा था। योगिता की मां आशा ने बताया कि मंगलवार की शाम के बाद डॉ। योगिता का मोबाइल बंद हो गया था। वह आशंका से परेशान थे। इस बीच रात तीन बजे डॉ। विवेक तिवारी ने उन्हें फोन किया। उनसे योगिता के बारे में पूछने लगा कि उसका पता चला या नहीं। मां ने विवेक से पूछा कि आप बता दो कि योगिता से क्या 'हॉट टॉक' हुई। विवेक का जवाब था, अपनी लड़की से पूछ लेना। मां ने इस पर कई सवाल किए, पर विवेक का एक ही जवाब होता कि लड़की आ जाए तो उसी से पूछ लेना। बार-बार सवाल पर डॉ। विवेक भड़क गया। बोला, मैं कहां तक गिर सकता हूं, तुम सोच भी नहीं सकतीं। मेरी औकात क्या है? ये मैं तुम्हें बताऊंगा। विवेक ने जब यह धमकी दी तो आशा ने सोचा भी नहीं था कि वह हत्या भी कर चुका है। इसके बाद भी वह योगिता के भाई डॉ। मोहिंदर को धमकाने से लेकर बार योगिता के बारे में जानकारी करता रहा।

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डॉ। योगिता ने बेटा बनकर पूरा किया माता-पिता का सपना

बेटी योगिता के पैदा होने पर मां ने उन्हें बचपन से बेटे की तरह माना। उसी अंदाज में पालन-पोषण किया। वह बचपन से ही डॉक्टर बनकर मां का सपना पूरा करना चाहती थी। मां आशा गौतम ने डेढ़ साल की उम्र में योगिता को जींस और टी शर्ट खरीदकर पहनाई। योगिता को यह ड्रेस बहुत पसंद आयी थी। बड़े होने तक यह उनकी पंसदीदा ड्रेस रही। परिवार में नए सदस्य के रूप में छोटा भाई आने के बाद भी माता-पिता ने योगिता को हमेशा घर का बड़ा बेटा होने का अहसास दिलाया। योगिता की पढ़ाई शुरूआत से ही नवोदय विद्यालयों में हुई थी। पिता के स्थानांतरण के चलते वह रूद्र प्रयाग, मुजफ्फर नगर और गौतम बुद्ध नगर के नवोदय विद्यालयों में पढ़ीं। प्रतिभाशाली योगिता ने दसवीं में 98 और बारहवीं में 97 फीसद अंक हासिल किए। वह अपने दूसरे प्रयास में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सफल रही थीं। मां ने बताया कि बेटी डॉ। योगिता अपनी जिम्मेदारी के प्रति इतनी ज्यादा समíपत थीं कि ड्यूटी के दौरान खाना तक भूल जाती थीं। कई बार उनका टिफिन बिना खुले ही लौट आता था।

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15 अगस्त को रिजल्ट आने पर परिवार से बांटी थी खुशी

डॉ। योगिता का एमएस का परिणाम 15 अगस्त को आया था। इसे लेकर वह काफी खुश थीं। माता-पिता और भाई को फोन करके अपने पास होने की जानकारी दी थी। डॉ। योगिता का कहना था कि उनका एक और सपना साकार हो गया है।

शादी करना चाहता था

डॉ। विवेक ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह योगिता से शादी करना चाहता था। मगर, इससे पहले उसे अपनी बहन नेहा की शादी करनी थी। इसलिए उसने योगिता से कुछ दिन इंतजार करने की कहा। योगिता इसके लिए तैयार नहीं थी। इसी को लेकर दोनों के बीच अनबन चल रही थी।