-महिला शक्ति अभियान के अंतर्गत लिया गया निर्णय

-छह महीने के अंदर बनाए जाएंगे थानों में स्पेशल कमरे

आगरा। अब थानों में महिलाओं को अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए किसी तरह की कोई परेशानी या असुरक्षा महसूस नहीं होगी। उनके लिए हर थाने में एक अलग रूम बनाया जाएगा, जहां महिला पुलिसकर्मी उनकी शिकायत सुनेंगी। मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। एडीजी अजय आनंद के दिशा निर्देश पर प्रोजेक्ट की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। छह महीने के भीतर हर थाने में एक स्पेशल रूम तैयार कराया जा सकेगा।

थाने जाने में करती हैं असहज महसूस

अक्सर देखा गया है कि महिलाएं उत्पीड़न की शिकायत को लेकर थाने जाने में खुद को असहज महसूस करती हैं। अधिकतर महिलाएं थाने जाने के डर से शिकायत वापस ले लेती हैं। ऐसे में महिलाओं के बीच सुरक्षा की भावना और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज को बुलंद करने के लिए हर थाने में महिलाओं के लिए एक प्राइवेट रूम बनाया जाएगा। थाने आने वाली पीडि़त महिलाएं अपनी शिकायत खुलकर अलग रूम में महिला पुलिसकíमयों के साथ शेयर कर सकेंगी, जिससे महिला उत्पीड़न के मामले खुलकर सामने आने पर उनका निस्तारण किया जा सकेगा।

महिलाओं को मिलेगा सुरक्षित माहौल

महिलाओं में सुरक्षा की भावना जागृत करने के लिए ही मिशन शक्ति अभियान की शुरुआत की गई है। थानों में प्रस्तावित प्राइवेट रूम में महिलाएं अपनी बात सुरक्षित माहौल में कह सकेंगी। इसी क्रम में थाने में महिला उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लेने के लिए महिला हेल्प डेस्क का गठन किया जा चुका है। हेल्प डेस्क पर एक रजिस्टर शिकायतों को मेंटेन भी किया जा रहा है, जिसमें आने वाली शिकायतों का समय व निस्तारण की समय भी लिखा जा रहा है।

एडीजी ने सौंपी जिम्मेदारी

जिले के हर थाने में महिलाओं के लिए प्राइवेट रूम बनाने के लिए एडीजी अजय आनंद ने पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। इसी के अंतर्गत निर्माण का समय भी छह महीने निर्धारित किया गया है। थाने में प्राइवेट रूम बनने के बाद शिकायत लेकर आने वाली महिलाओं को महिला पुलिस कंस्टेबल्स के साथ सुरक्षित माहौल मिल सकेगा। उनके बीच बनी पुलिस की छवि को भी बेहतर किया जा सकेगा।

असुरक्षा की भावना दूर करने की पहल

एडीजी अजय आनंद ने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि महिला से संबंधित सभी शिकायतों को गंभीरता से संज्ञान में लें और उस पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाए, जिससे अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलायी जा सके। उन्होंने कहा कि महिलाओं में बढ़ती असुरक्षा की भावना से उन्हें बाहर निकालने के लिए, सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए, आश्वस्त करने के लिए ही इस अभियान की शुरुआत की गई है।

महिला उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लिए जाएं, इस संबंध में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाशत नहीं की जाएगी। मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत हर थाने में महिलाओं के लिए प्राइवेट रूम प्रस्तावित हैं। इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। छह महीने के भीतर निर्माण कार्य को पूरा किया जा सकेगा।

अजय आनंद, एडीजी

जनपद में थानों की स्थिति पर एक नजर।

-आगरा जनपद में थाने

43

-शहर में पुलिस थाने

17

-जनपद में महिला थाना

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