- लॉक-डाउन के दौरान सुधरा पर्यावरण का ग्राफ
- आज है वर्ल्ड अर्थ-डे
आगरा। 21 दिन के लॉक-डाउन के बाद 19 दिन का लॉक-डाउन पार्ट-2 चल रहा है। ऐसे में पर्यावरण के ग्राफ में काफी सुधार हुआ है। यमुना के प्रदूषण में सुधार देखा गया है। आज वर्ल्ड अर्थ-डे है। अफसरों का मानना है कि पौधारोपण होने से जिले में हरियाली का ग्राफ बढ़ा है। धरती क्लीन भी हुई है। लॉक-डाउन के बाद वन विभाग द्वारा पौधारोपण किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग ने मार्च में ही गढ्डा खोदने का काम पूरा कर लिया है। नर्सरी में पौधे तैयार किए जा रहे हैं। इस बारे में डीएफओ मनीष मित्तल ने बताया कि इसके लिए सेंटर गवर्नमेंट की गाइड लाइन में वन विभाग को खोलने के निर्देश हैं। हमारी रेगुलर वीडियो कांफ्रें¨सग से समीक्षा हो रही है।
रोपे जाएंगे 37 लाख पौधे
इस बार जिले में 37 लाख पौधे रोपे जाएंगे। इसमें अकेले वन विभाग की ओर से अकेले सवा तेरह लाख का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पूरे प्रदेश में 25 करोड़ पौधे रोपे जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
क्या कहते हैं पर्यावरणविद्
पर्यावरणविदों का मानना है कि फाइलों की बजाय धरातल पर मॉनीट¨रग होनी चाहिए। इस बारे में मुख्य पर्यावरणविद ब्रज खंडेलवाल कहते हैं कि इसमें लोगों के बीच जागरुकता की जरूरत है। विभाग को धरातल पर काम करना चाहिए। पहले भी कई बार लाखों की संख्या में पौधारोपण का दावा किया गया था, लेकिन वो सब गायब नहीं होना चाहिए। इसके लिए काम करना होगा।
यह भी जानें
आगरा समेत पूरे प्रदेश में 22 करोड़ पौधे रोपे गए, लेकिन रखरखाव के अभाव में वे दम तोड़ गए.अभी पिछले दिनों फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंउयिा देहरादून की रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट में ताज संरक्षित एरिया में गत दो वर्षो की अपेक्षा कम ग्रीनरी का क्षेत्रफल दर्ज किया गया। वर्ष 2017 में ग्रीनरी का क्षेत्रफल 272 वर्ग किमी., जो वर्ष 2019 में 262.62 किमी। ही रह गया। जबकि ताज संरक्षित क्षेत्र में हरियाली को बढ़ाने के लिए गत वर्ष 9 करोड़ पौधे रोपे गए थे। इस बार ये आंकड़ा 37 लाख का है। प्रदेश में 9 करोड़ पौधारोपण के सापेक्ष गतवर्ष जिले में 20 लाख पौधे रोपे गए, लेकिन हरियाली का ग्राफ नहीं बढ़ सका। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एक दशक में हरियाली 6.84 फीसदी से 6.73 फीसदी रह गई है। बता दें कि 4041 वर्ग क्षेत्रफल में फैले आगरा में 6.73 वर्ग किमी। में वन है। 272 वर्ग किमी। में हरियाली है। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की सख्ती के बाद भी गत वर्ष और मौजूदा वर्ष में रोपे गए पौधों की उचित देखभाल न होने से परवान चढऩे से पहले दम तोड़ गए।
फैक्ट फाइल
- 28 लाख पौधे जिले में रोपे गए
- 20 लाख पौधे पिछले वर्ष रोपे गए थे
- मंडल में रोपे गए थे 70 लाख
- 125 करोड़ था पौधारोपण का बजट पिछले वर्ष
इस बार का टारगेट
25 करोड़ पौधारोपण प्रदेश में
- जिले में 37 लाख
- वन विभाग का लक्ष्य 13 लाख से ज्यादा का