आगरा(ब्यूरो)। नमाज के बाद घरों में अल्लाह की राह में कुर्बानी देने का सिलसिला शुरू हो गया। यह तीन दिन तक चलेगा। मिश्रित आबादी वाले इलाकों में मेले लगाए गए।

आला अधिकारी रहे मौजूद
ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करने के लिए लोग सुबह छह बजे से ही बच्चों के साथ ईदगाह, शाही जामा मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में पहुंचने लगे। मुख्य नमाज ईदगाह में शहर मुफ्ती मजदुल कुद्दूस खुबैब रूमी ने सुबह पौने सात बजे अदा कराई। उन्होंने तकरीर में देश में खुशहाली की दुआ मांगी। कुर्बानी का महत्व बताया। इस्लामिया लोकल एजेंसी के इतिहास पर प्रकाश डाला। ईदगाह और शाही जामा मस्जिद में बड़ी संख्या में लोगों ने ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की। नमाज के दौरान जिलाधिकारी नवनीत ङ्क्षसह चहल, पुलिस आयुक्त डॉ। प्रीङ्क्षतदर ङ्क्षसह, पुलिस उपायुक्त सूरज कुमार राय समेत पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। पुलिसकर्मियों को सुबह साढ़े पांच बजे से ही प्रमुख मस्जिदों पर तैनाती कर दी थी। वहीं, शांतिपूर्वक नमाज अदा कराने के लिए जाहिद कुरैशी, असलम कुरैशी, नदीम नूर, अमजद कुरैशी, डा। सिराज कुरैशी, हाजी जमीलउद्दीन कुरैशी, अदनान कुरैशी आदि ने प्रशासन का शुक्रिया अदा किया।

मुफ्ती के एतराज के बाद हटाया सेल्फी प्वॉइंट
शहर मुफ्ती ने तकरीर में शाही जामा मस्जिद में बने सेल्फी प्वॉइंट पर एतराज जताया। कहा कि धार्मिक स्थल पर ऐसे काम नहीं होने चाहिए। इसके बाद सेल्फी प्वॉइंट को हटा दिया गया।

ताजमहल में तीन घंटे निशुल्क रहा प्रवेश
आगरा: ईद-उल-अजहा पर गुरुवार को ताजमहल स्थित शाही मस्जिद में गुरुवार सुबह 8:30 बजे इमाम सादिक अली ने नमाज पढ़ाई। तीन हजार से अधिक लोगों ने नमाज पढ़ी। ताजमहल के पश्चिमी गेट के नजदीक स्थित फतेहपुरी मस्जिद में इससे पूर्व सुबह 8:15 बजे नमाज पढ़ी गई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ईद-उल-अजहा पर नमाज के लिए स्मारक में तीन घंटे के लिए प्रवेश निश्शुल्क किया था। मुख्य मकबरे पर जाने को पर्यटकों को 200 रुपए का अतिरिक्त टिकट लेना पड़ा। बहुत से पर्यटक स्मारक में प्रवेश के लिए सात बजे का इंतजार करते रहे, जिससे कि उन्हें टिकट नहीं लेना पड़ा। एएसआइ ने व्यवस्था के लिए अतिरिक्त कर्मचारी और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने अतिरिक्त जवान तैनात किए थे।

लाउडस्पीकर को लेकर कहासुनी
ताजमहल मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने बताया कि नमाज के लिए ताजमहल में 10 तुरही (स्पीकर) लगाए जाने पर संयुक्त बैठक में सहमति बनी थी। गुरुवार सुबह एएसआई के कर्मचारियों ने केवल चार तुरही की अनुमति होने की बात कही। कहासुनी के बाद स्मारक में 10 तुरही ले जाने की अनुमति दी गई।