- श्री पारस हॉस्पिटल प्रकरण में मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर की गई थी शिकायत

- सीएमओ कार्यालय से बिचपुरी सीएचसी प्रभारी को भेजी शिकायत, स्थिति में लिख दिया निस्तारित

आगरा: मौत का मॉकड्रिल करने के आरोपों में घिरे श्री पारस हॉस्पिटल प्रकरण में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा खेल किया। आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर जांच और कार्रवाई के लिए शिकायत की गई। बिना जांच करे ही चार दिन बाद शिकायत पर निस्तारित लिख दिया गया।

कमेटी कर रही जांच

श्री पारस हॉस्पिटल में 26 अप्रैल को पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन बंद करने से 22 मरीजों के छंट जाने और शरीर नीला पड़ जाने का वीडियो वायरल होने के बाद मुकदमा दर्ज कराया गया। हॉस्पिटल सील है। एडीएम सिटी की अध्यक्षता में गठित कमेटी जांच कर रही है, बयान दर्ज किए जा रहे हैं। इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता नरेश पारस ने 13 जून को मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की। इसमें प्रकरण की जांच कराने के बाद दोषियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। इस शिकायत को सीएमओ कार्यालय द्वारा अधीक्षक सीएचसी, बिचपुरी को प्रेषित कर दिया गया। उन्होंने 17 जून को जनसुनवाई पोर्टल पर अपनी रिपोर्ट लगाई, आख्या में लिखा यह शिकायत सीएचसी बिचपुरी से संबंधित नहीं है, शिकायत के निस्तारण के लिए सीएमओ से संपर्क करें। शिकायत की स्थिति के सामने निस्तारित दर्ज कर दिया गया है।

वर्जन

उच्चस्तरीय जांच चल रही है, इसलिए सीएमओ स्तर से अलग जांच की जरूरत नहीं है। जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत के निस्तारण संबंधी गड़बड़ी किस स्तर से हुई है, यह जांच कराई जाएगी।

डॉ। आरसी पांडेय, सीएमओ

पोर्टल पर फीडबैक देकर मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच कराने के लिए लिखा है।

नरेश पारस, आरटीआइ कार्यकर्ता

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