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-एसएन मेडिकल कालेज में बीएचयू के प्रोफेसर की डेढ़ घंटे चली सर्जरी

-10 साल से मधुमेह रोगी हैं, वजन 108 किलोग्राम

आगरा: शुगर नियंत्रित करने और मोटापा कम करने के लिए एसएन मेडिकल कालेज में पहली बेरियाट्रिक एवं मेटाबालिक सर्जरी की गई। आगरा जिले के चिकित्सा क्षेत्र में ये पहली सर्जरी है।

नहीं नियंत्रित हो रहा था सुगर

एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ। संजय काला ने बताया कि बीएचयू, वाराणसी के 45 वर्षीय प्रोफेसर का दवाएं और इंसुलिन लेने के बाद भी शुगर का स्तर नियंत्रित नहीं हो रहा है। वजन 108 किलोग्राम है। यहां एसएन के डॉक्टर और जूनियर डॉक्टरों को बेरियाट्रिक सर्जरी का प्रशिक्षण देने के लिए सर्जरी प्लान की गई। दिल्ली के डॉ। अतुल पीटर्स के साथ बेरियाट्रिक और मैटाबालिक (स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी विद डयूओडेनो-जेजूनल बाइपास सर्जरी) की गई। इससे एक महीने में मधुमेह की दवाएं कम हो जाएंगी, इंसुलिन बंद हो जाएगी। साथ ही, वजन भी कम हो जाएगा। तीन महीने में शुगर का स्तर एचबीएवन-सी (तीन महीने का शुगर का औसत स्तर) नियंत्रित हो जाएगा। यह शहर की पहली बेरियाट्रिक एवं मेटाबालिक सर्जरी है। टीम में सर्जरी विभाग की अध्यक्ष डॉ। ऋचा जैमन, डॉ। जूही ¨सघल, डॉ। सुरेंद्र पाठक, डॉ। जेपीएस शाक्य, डॉ। अरुण राठौर, एनेस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष डॉ। त्रिलोकचंद्र पिप्पल, डॉ। राजीव पुरी, डॉ। स्नेहिल शामिल रहीं।

दूरबीन विधि से की गई सर्जरी

एसएन के लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ। सुरेंद्र पाठक ने बताया कि यह सर्जरी दूरबीन विधि एवं एंडो स्टेप्लर की मदद से की गई। एक सेंटीमीटर से भी छोटा चीरा लगाया गया। इसमें पेट का आकार कम करने के साथ ही उसे बाइपास करते हुए आंत से जोड़ा गया। करीब डेढ़ घंटे सर्जरी चली।

नहीं जाना होगा दिल्ली

बेरियाट्रिक सर्जरी के लिए मरीज को दिल्ली जाना पड़ता है। सर्जरी का खर्चा तीन से चार लाख रुपए आता है। मगर, एसएन में यह सरकारी दर पर की जाएगी। इसके लिए संसाधन भी उपलब्ध करा दिए गए हैं।

प्रशिक्षण में रेजीडेंट डॉक्टर रहे शामिल

सर्जरी एवं एनस्थीसिया विभाग के डॉ। अमित कुमार, डॉ। संदीप राय, डॉ। अतुल सिंह, डॉ। अभिषेक निगम, डॉ। शिवम शर्मा, डॉ। शुभांकर, डॉ। सिमरन, डॉ। साधना, डॉ। उमेश, डॉ। वात्स्यायन, डॉ। जूही शामिल रहे।