-इन दिनों वायरल फीवर के पेशेंट्स की संख्या बढ़ी

-एक जैसे सिंपटम्स लोगों को कर रहे परेशान

आगरा। मौसम के बदलने के साथ अब सामान्य बीमारियां, जैसे-खांसी, सर्दी, जुकाम व बुखार ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। इस वक्त वायरल फीवर के पेशेंट्स की संख्या काफी बढ़ी है। लेकिन, कोविड-19 के इस दौर में वायरल फीवर लोगों को काफी परेशान कर रहा है। एक जैसे सिंपटम्स होने के कारण वायरल फीवर शारीरिक रूप के साथ-साथ मानसिक रूप से भी लोगों को परेशान कर रहा है।

तुरंत लें डॉक्टर से सलाह

सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर अजीत सिंह चाहर बताते हैं कि बरसात के बाद और सर्दी आने से पहले का मौसम विषाणुओं के पनपने के लिये अनुकुल होता है। इस मौसम में मच्छर भी पनपने लगते हैं। इस कारण मच्छर जनित रोग भी एक्टिव हो जाते हैं। डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू और मलेरिया व वायरल फीवर इस वक्त एक्टिव हो जाते हैं। इन दिनों में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर पड़ने लगती है। ऐसे में कोविड-19 का संक्रमण भी चल रहा है। इस कारण बच्चे, बजुर्गो और युवाओं को इम्युनिटी कमजोर होने के कारण ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। इस वक्त किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर डॉक्टर से सलाह अवश्य लें, क्योंकि कोविड-19 का संक्रमण चल रहा है और इस वक्त रिस्क लेना घातक साबित हो सकता है।

मानसिक रूप से परेशान कर रहा वायरल

कोरोनावायरस के इस दौर में यदि किसी को बुखार भी आ जाए तो लोग परेशान हो जाते हैं। मौसम के कारण वायरल फीवर इस वक्त एक्टिव है और ऐसे में लोग काफी परेशान हो रहे हैं। वायरल फीवर में बुखार तीन से चार दिन तक आ रहा है। जब बुखार आता है तो लोगों का ध्यान सीधा कोरोना की ओर जा रहा है। अब ऐसे में पेशेंट के दिमाग पर कोरोना का अतिरिक्त बोझ पड़ता है। इससे वो मानसिक दबाव भी महसूस करता है।

फर्क समझने की जरूरत

किसी भी शारीरिक परेशानी के होने पर मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति पर मानसिक दबाव भी पडे़गा तो ये और ज्यादा परेशानी का सबब बन सकता है। ऐसे में लोगों को कोविड-19 और अन्य संक्रामक रोगों में फर्क समझने की जरूरत है। सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ। प्रभात अग्रवाल बताते हैं कि कोविड-19 और अन्य संक्रामण रोगों के बीच थोड़ा फर्क होता है। डेंगू होने पर तेज बुखार, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द होता है। उल्टी दस्त भी हो सकते हैं। डेंगू होने पर प्लेटलेट्स असामान्य रूप से गिर सकती हैं। मलेरिया में ठंड के साथ बार-बार बुखार आता है। सिरदर्द, ठंड लगना और फिर पसीना आना मलेरिया के लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 में बुखार के साथ गले में तेज खराश होना बड़ा लक्षण है। यदि बुखार में आराम न हो तो तुरंत ही कोरोना की जांच अवश्य कराएं।

ये हैं कोविड-19 के लक्षण :

बुखार या ठंड लगने से बुखार होना

सूखा बलगम आना

सांस लेने में दिक्कत

थकान

सिर दर्द या शरीर में दर्द

गले में खराश

नाक बहना

जुकाम या सामान्य फ्लू

जुकाम होने पर पूरा शरीर टूटता है और बहुत खराब महसूस होता है। इसके लक्षण माइल्ड से लेकर बहुत खराब भी हो सकते हैं। फ्लू या एलर्जी होने पर यह जुकाम के लक्षणों के मुकाबले ज्यादा तकलीफ दे सकता है।

इन लक्षणों पर ध्यान दें:

बहती हुई या भरी हुई नाक

हल्की बलगम

थकान

छींक आना

आंखों से पानी आना

गले में खराश

सिरदर्द (बहुत कम)

कोविड-19 के लक्षणों और अन्य फ्लू या वायरल में थोड़ा अंतर है। कोविड-19 की पहचान के लिए पहले रिस्क फैक्टर को देखना होता है। यदि आपके आस-पास कोई कोविड संक्रमित है और आपको लक्षण आते हैं तो आपको जांच करानी चाहिए। दवा खाने से भी आराम न मिले तो भी आपको जांच करानी चाहिए।

-डॉ। अजीत सिंह चाहर, मेडिसिन डिपार्टमेंट, एसएनएमसी