- कोरोना के चलते बीते दो वर्षो में कालिंदीखाल-बदरीनाथ ट्रैक पर नहीं गया कोई दल

- 5980 मीटर की ऊंचाई से गुजरता है दुनिया का सबसे ऊंचा एवं दुर्गम यह ट्रैक

उत्तरकाशी: दुनिया के सबसे ऊंचे एवं दुर्गम ट्रैक रूट में शामिल का¨लदीखाल-माणा-बदरीनाथ ट्रैक पर गुरुवार को सीजन का पहला ट्रै¨कग दल रवाना हुआ। इस दल में कोलकाता के दस ट्रैकर शामिल हैं। इनमें एक महिला ट्रैकर भी है। हिमालय की कंदराओं और ग्लेशियर के ऊपर से गुजरने वाले 109 किमी लंबे इस ट्रैक पर बर्फ से ढकी भारत की एक दर्जन नामचीन चोटियों का दीदार होता है।

कोरोना ने डाली रुकावट

सीमांत उत्तरकाशी जिले में कोरोना का असर पर्वतारोहण और ट्रै¨कग गतिविधियों पर भी पड़ा। हालांकि, कोरोना की दूसरी लहर मंद पड़ने के बाद अब धीरे-धीरे सब-कुछ पटरी पर लौट रहा है। का¨लदीखाल-माणा बदरीनाथ ट्रैक पर बीते दो वर्षों में कोई भी दल नहीं गया। लेकिन अब माउंटेनिय¨रग व ट्रै¨कग कंपनी माउंट हाई ¨वड के नेतृत्व में समुद्रतल से 5980 मीटर ऊंचे का¨लदीखाल-बदरीनाथ के लिए कोलकता के ट्रैकर का दल रवाना हुआ है।

टीम में 26 मेंबर्स

दल में अभिषेक दास, भाष्कर विश्वास, तपन कुमार, सुशांत मंडल, सुब्रत दत्ता, विश्वजीत दास, शंखदीप मंडल व तिथि पाल शामिल हैं। जो गाइड कपिल सिंह व विपिन कुमार के मार्गदर्शन में ट्रै¨कग करेंगे। माउंट हाई ¨वड के निदेशक जयेंद्र राणा ने बताया कि कोरोना काल के बाद यह दल पहली बार दुनिया के सबसे ऊंचे व कठिनतम ट्रैक रूट से गुजरेगा। इसमें ट्रैकर व गाइड सहित कुल 26 लोग शामिल हैं। दल का लक्ष्य 15 सितंबर तक ट्रैक रूट को पार करना है।