-व्यापारियों ने सहालग में सलाद के लिए मंगाए थे हाईब्रीड टमाटर

-तीन दिन में खराब हो गए टमाटर

आगरा। किसान आंदोलन के चलते दिल्ली व राजस्थान की सीमाएं सील रहीं। इस कारण तीन दिनों तक सब्जियों सहित काफी सारा माल समय से शहर में नहीं आ सका। इसका असर ये हुआ कि सहालग सीजन के लिए आने वाला टमाटर शहर में नहीं आ सका। इससे व्यापारियों को पांच करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।

सहालग सीजन में टमाटर की डिमांड ज्यादा

सहालग शुरू हो चुके हैं। शहर में इस सहालग सीजन में हजारों शादियां हैं। शादी के सीजन में सब्जियों की डिमांड बढ़ जाती है। इसको देखते हुए सब्जी कारोबारी पहले से ही तैयारियां करते हैं। इस बार भी पहले से ही आढ़तियों ने सब्जियों के लिए ऑर्डर लगा दिया था। शादियों में सलाद के लिए हाई ब्रीड वाला टमाटर डिमांड में है। शहर में कई आढ़तियों ने इसके बड़े ऑर्डर लगाए थे। दिल्ली के रास्ते आने वाले टमाटर समय से नहीं आ पाए और नुकसान हो गया। सब्जी कारोबारी मोहम्मद रफीक बताते हैं कि सहालग सीजन में टमाटर की काफी डिमांड होती है। इसके लिए स्पेशली हाई ब्रीड का टमाटर मंगाया गया था। लेकिन किसान आंदोलन के चलते माल समय से नहीं आ सका। उन्होंने बताया कि ये टमाटर तीन दिन तक ही चलता है। इससे टमाटर रास्ते में ही खराब हो गया। इसके चलते व्यापारियों को मोटा नुकसान झेलना पड़ा है।

सहालग सीजन के लिए व्यापारियों ने हाई ब्रीड वाला टमाटर मंगाया था। ये टमाटर स्पेशल सलाद के लिए मंगाया जाता है। ये टमाटर केवल दो से तीन तक ही चल पाता है इसके बाद ये खराब हो जाता है। हमने इसके चार ट्रक मंगाए थे लेकिन ये सभी खराब हो गए। इससे हमें नुकसान झेलना पड़ा है।

-मोहम्मद रफीक, व्यापारी

आंदोलन के चलते दिल्ली से माल नहीं आ पाया। ट्रक रास्ते में फंसे रहे, इसके चलते सहालग के लिए आने वाला हाई ब्रीड वाला टमाटर खराब हो गया। इसके चलते व्यापार में नुकसान झेलना पड़ा है।

-विनोद, व्यापारी

सेब की आवक में कमी से भी हुआ नुकसान

इन दिनों सिकंदरा फल एवं सब्जी मंडी में सेब की आवक निरंतर घट रही है। इस कारण सेब के दाम भी बढ़ रहे हैं। इन दिनों प्रतिदिन 8 से लेकर 12 ट्रक सेब आ रहे हैं। ऐसे में 14 किलोग्राम की पेटी के दाम 700 रुपये से बढ़कर 1200 रुपये पहुंच गए हैं। वहीं फुटकर में भी दाम 110 रुपये प्रति किलोग्राम से 150 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। दिवाली से एक सप्ताह पहले बंपर आवक शुरू हुई थी। प्रतिदिन 70 से 80 ट्रक आ रहे थे। इस कारण दामों में भी भारी गिरावट आ गई थी। इस बार दिवाली पर और उसके बाद बिल्कुल उलट हो रहा है। ओलावृष्टि के कारण सेब की फसल बर्बाद हुई है। शुरूआत से अधिकतर दागी सेब मंडी में आ रहे हैं, जबकि अब आवक भी घट गई है। अक्टूबर से शुरू हुई कश्मीर के सेब की आवक में प्रतिदिनि अधिकतम 22 ट्रक आ रहे थे। अब ये आंकड़ा घटकर आठ ट्रक तक पहुंच गया है। व्यापारियों का अनुमान है कि यही हाल रहा तो सेब के दाम और बढ़ सकते हैं।