-सितंबर में हो चुकी हैं दस मौत

-सभी में निमोनियां की शिकायत

आगरा। कोरोनावायरस आगरा में जानलेवा हो चला है। इससे सितंबर के महीने में अब तक दस मौतें हो चुकी हैं। पहले ऐसा माना जा रहा था कि कोविड-19 का संक्रमण 60 वर्ष से ऊपर के रोगियों के लिए घातक है। लेकिन अब इसमें 37 वर्षीय, 48 वर्षीय पेशेंट्स की भी मौत हो रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि कोरोना से मौत में सबसे बड़ा कारण निमोनियां बन रहा है।

95 परसेंट डेथ का कारण निमोनियां

कोरोनावायरस सीधा फेंफड़ों पर अटैक करता है। इससे फेंफड़े डेमेज हो रहे हैं। सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के डॉ। अजीत सिंह चाहर बताते हैं कि कोरोना में निमोनियां 95 परसेंट कॉज ऑफ डेथ यानि मौत का कारण साबित हो रहा है। इसमें पेशेंट्स को पहले दिन से ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। इसके भी आराम न हो तो बाईपैप मशीन लगाई जाती है, फिर भी आराम न हो तो वेंटिलेटर लगाया जाता है। लेकिन कई बार वेंटिलेटर पर भी पेशेंट्स दम तोड़ देते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना में पेशेंट्स के 90 परसेंट तक दोनों फेंफड़े डेमेज हो जाते हैं और यह मात्र चार से पांच दिनों के भीतर हो रहा है, कुछ पेशेंट्स दो सप्ताह तक इससे लड़ रहे हैं। उन्होने बताया कि ये जरूरी नहीं है कि पेशेंट को पहले से फेंफड़ों संबधी समस्या हो उसे ही निमोनियां हो रहा है, बल्कि किसी भी पेशेंट को लक्षण आने के बाद निमोनियां होना शुरू हो जाता है। डॉ। अजीत ने बताया कि ज्यादातर पेशेंट्स में इन दिनों निमोनियां के लक्षण मिल रहे हैं। ऐसे पेशेंट्स को भी हम एडमिट कर रहे हैं क्योंकि कोविड का संक्रमण रैस्पिरेटरी सिस्टम पर अटैक करता है।

सांस रोगियों को संभलने की है जरूरत

हेल्थ एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि कोरोना का संक्रमण उन लोगों को जल्दी हो सकता है, जो पहले निमोनिया के शिकार रहे हों। निमोनिया फेफड़े की बीमारी है। इसमें फेफड़े में इन्फेक्शन हो जाने से ब्लड में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। बीमारी बढ़ने पर सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। जिन लोगों को निमोनिया होता है, उनके फेफड़े कमजोर हो जाते हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण होने पर भी सांस से जुड़ी समस्याएं पैदा होती हैं। इसलिए ऐसे लोगों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है।

सर्दी-खांसी होने पर चेकअप जरूर कराएं

वैसे तो इस मौसम में सर्दी-खांसी की शिकायत होना आम बात है, लेकिन जो लोग पहले से निमोनिया से पीडि़त रहे हैं, उनमें अगर सर्दी-खांसी के लक्षण सामने आते हैं, तो उन्हें जरूर कोरोना वायरस की जांच करानी चाहिए। इससे वे खतरे से बच सकेंगे। इस तरह की परेशानी होने पर कोविड-19 हेल्पलाइन पर फोन कर सकते हैं।

इनको बचकर रहने की है जरूरत

-55 साल से अधिक के लोग

-डायबिटीज के पेशेंट्स

-ऑर्गन ट्रांसप्लांट कराया हो ऐसे पेशेंट्स

-हाई बीपी के पेशेंट्स

-सांस रोगी

-पहले से किसी भी बीमारी से ग्रसित पेशेंट्स

इन पेशेंट्स को हुआ निमोनियां

-मारुति एस्टेट की रहने वाली 48 वर्षीय डायबिटीज की पेशेंट महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। महिला को सीवियर डायबिटीज की समस्या थी। कोविड-19 का संक्रमण होने के बाद महिला का ब्लड प्रेशर और हार्ट संबधी परेशानी बढ़ने लगी.कोरोना संक्रमण के कारण फेफड़ों में निमोनिया बन गया था।

-न्यू आगरा क्षेत्र 60 वर्षीय निवासी निमोनिया रोगी व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक को सांस की तकलीफ थी, कोरोनावायरस का संक्रमण होने के बाद से उसकी तबियत लगातार बिगड़ रही थी। पेशेंट को वेंटीलेटर पर रखा गया था। लेकिन सुधार न होने के कारण पेशेंट की मौत हो गई।

-45 वर्षीय ताजगंज निवासी की मौत के बाद अब कुल मौतों की संख्या 115 हो गई है। 45 वर्षीय पेशेंट को किडनी की समस्या थी और उसका लगातार डायलिसिस से उपचार चल रहा था। कोरोना संक्रमित होने के बाद उसे निमोनिया हो गया।

कोरोना में निमोनियां 95 परसेंट कॉज ऑफ डेथ साबित हो रहा है। इसमें पेशेंट्स को पहले दिन से ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। कोरोना में पेशेंट्स के 90 परसेंट तक दोनों फेंफड़े डेमेज हो जाते हैं और यह मात्र चार से पांच दिनों के भीतर हो रहा है।

-डॉ। अजीत सिंह चाहर, डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन, एसएनएमसी