आगरा। शहर में दिन-रात मच्छरों का झुंड मंडरा रहा है। मच्छरों के डंक से लोग परेशान हैं। वहीं नगर निगम नाममात्र के संसाधनों की फौज से मच्छरों को नियंत्रण का दम भर रहा है। इस नाकाफी प्रयास से जनता ही परेशान हो रही है।

निगम पर संसाधन नाकाफी

शहर में 90 वार्ड हैं और आबादी लगभग 25 लाख है। इस आबादी को मच्छरों से मुक्त रखने के लिए नगर निगम ने फॉगिंग और दवा स्प्रे की व्यवस्था कर रखी है। इतने बड़े क्षेत्र के लिए 6 फॉगिंग मशीन और 15 स्प्रे मशीन से छिड़काव किया जाता है। ये संसाधन नाकाफी हैं। इसके भरोसे शहर में मच्छरों के हमलों को रोका नहीं जा सकता है। ये विभाग के कर्मचारी भी मानते हैं, लेकिन अधिकारी इतने संसाधनों को पर्याप्त मानते हैं।

कर्मचारियों की भारी कमी

विभाग के बेहतर संचालन के लिए 35 कर्मियों की मांग की गई। इसके लिए विभाग से नोटशीट भी चली, लेकिन नगर निगम अधिकारियों इस मांग को जरूरी नहीं समझते हुए नोट शीट वापस कर दी गई। ऐसे में इन सीमित संसाधनों से शहर में फॉगिंग और स्प्रे करना चुनौती है।

मशीनें काम नहीं करती

नगर निगम के पास कुल 45 हैंड स्प्रे मशीन हैं। इसमें 25 मशीनें खराब हैं। 20 मशीन काम कर रही हैं, लेकिन मात्र 15 कर्मियों के होने की वजह से पांच मशीनें खड़ी रहती हैं।

फुस्स है मच्छर भगाओ अभियान

क्षेत्र और आबादी के हिसाब से एक वार्ड में कम से कम आठ कर्मी की जरूरत है। लेकिन वर्तमान में चार वार्डो की जिम्मेदारी एक कर्मी पर है। ऐसे में 'मच्छर भगाओ अभियान' के परिणामों को समझा जा सकता है।