फेक अकाउंट के जरिए करते थे संपर्क
थाना सिकंदरा पुलिस और साइबर सेल के हाथ मंगलवार को बड़ी सफलता हाथ लगी। टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर करोड़ों की ठगी करने वाले क्रिमिनल्स को एक ऑपरेशन के तहत अरेस्ट कर लिया है। पूछताछ पर शातिरों ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए वे ऐसे लोगों से संपर्क करते थे, जो उनके झांसे में आ सकते हैं। इसके लिए वे फेक अकाउंट को यूज करते थे, इसके जरिए वे ऐसे लोगों तक पहुंच जाते थे, जिनसे ठगी की वारदात को अंजाम दिया जाता था।


फ्रॉड के लिए विदेशियों को करते थे सिलेक्ट
पकड़े गए शातिर बदमाशों के नाम सम्राट, यशवीर और अमन हैं। इसमें अमन मास्टर माइंड है और तीनों कॉलेज फ्रेंड हैं। तीनों शातिर लोगों को भरोसा दिलाने के लिए एक कंपनी में काम करते थे। सम्राट और यशवीर सोशल मीडिया के जरिए फ्रॉड तक पहुंचते थे। शिकार को सिलेक्ट करने के बाद मास्टर मांइड अमन आगे की प्लानिंग तैयार करता था। जिससे लोग आसानी से उनके झांसे में आ जाया करते थे।

सैकड़ों विदेशियों को कर चुके हैं टारगेट
पुलिस के अनुसार ये तीनों अब तक सैकड़ों देशी विदेशी लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस ने 4 मोबाइल बरामद किए हैं। इन्होंने 9 जीमेल, 55 फेक इंस्टाग्राम एकाउंट, एक टेलीग्राम चैनल बनाए हुए थे। इंटरनेट मीडिया पर फर्जी प्रमोशनल वीडियो मैसेज कर जाल में लोगों को फंसाते थे और फिर मेटा, गूगल सहित कई प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते थे, सम्राट व यशवीर ने बताया कि वे तीनों कॉलेज के समय से फ्रेंड हैं। दोनों एजेन्ट का काम करते थे, सम्राट खुद टेलीग्राम पर कई फर्जी चैनल व इंस्टाग्राम पर फर्जी आईडी से अधिकतर विदेशी लोगों के साथ ठगी करता था।


लोगों का भरोसा जीतने को की जॅाब
शातिरों ने बताया कि वे लोगों को भरोसा दिलाने के लिए एक कंपनी में जॉब करते थे, लेकिन कोई भी कम्पनी के नाम पर करंट खाता नहीं खुलवाया क्योंकि यदि लीगल तरीके से कार्य करते हैं तो सरकार को 30 फीसदी टैक्स देना होता है। जितना रुपया ये दोनों दिलवाते थे, उसका 50 फीसदी पार्टनरशिप दोनों को देता था।


क्रिप्टो करेंसी में कराते थे इन्वेस्टमेंट
सम्राट ने बताया कि इन सभी टेलीग्राम चैनल व इंस्टाग्राम पर फर्जी आईडी को मेंटेन करने के लिए हमने कई फर्जी जीमेल अकाउंट भी बनाए हैं। सम्राट व यशवीर द्वारा अपने साथ फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट को भी मेन्टेन किया करते थे। क्रिप्टो करेन्सी की फर्जी प्रोमेशनल वीडियो भी लगातार शेयर की जाती हैं, जिसके झांसे में आकर लोग क्रिप्टो करेन्सी में लुभावने ऑफर देखकर इन्वेस्टमेंट के लिए तैयार हो जाते थे।


एप के खातों में जमा करते थे रकम
आरोपी ने बताया कि वे डायरेक्ट अपने बैंक खातों में रुपए न लेकर मेटा ट्रेड व ट्रेडिंग फॉरेक्स के जरिए से ट्रेडिंग करने का झांसा देकर क्रप्टो में ट्रांजेक्शन करा लेते थे, क्योंकि गूगल, यूटयूब पर देखा था कि क्रप्टो करेंसी को ट्रैस नहीं किया जा सकता है। बिनेंस एप के जरिए अपना बैंक ऑफ इंडिया के बैंक खाते में रुपए क्रेडिट कर लेते थे, रकम को आपस मेें बांट लिया करते थे।

पकड़े गए आरोपी
-अमन राघ पुत्र महावीर सिंह निवासी शास्त्रीपुरम थाना सिकन्दरा
-यशवीर पुत्र अशोक निवासी आवास विकास थाना सिकन्दरा
-सम्राट पुत्र कुमार निवासी मऊरोड जरार थाना इन्द्रानगर लखनऊ


शातिर साइबर क्रिमिनल्स को अरेस्ट किया गया है, ये क्रेप्टो करेंसी का झांसा देकर रकम इंवेस्ट कराते थे, इंडिया के बैंक खातों में रकम आने के बाद आपस में बांट लिया करते थे।
सूरज राय, डीसीपी